फर्जी पायलट घोटाले के 5 साल बाद पाकिस्तान को UK से उड़ान की इजाजत, भरोसा अब भी अधूरा – भारत संपर्क


पाकिस्तान एयरलाइंस
पाकिस्तान के लिए राहत की खबर आई है. यूनाइटेड किंगडम (UK) ने आखिरकार पाकिस्तान की एयरलाइंस को अपनी एयर सेफ्टी लिस्ट में दोबारा शामिल कर लिया है. अब पाकिस्तान से ब्रिटेन के लिए सीधी वाणिज्यिक उड़ानें फिर से शुरू हो सकेंगी. लेकिन इस मंजूरी के पीछे जो कहानी है, वह सिर्फ एविएशन नहीं बल्कि पाकिस्तानी सिस्टम में गहरे बैठे भ्रष्टाचार और लापरवाही की पोल भी खोलती है.
क्या था पूरा मामला?
साल 2020 में पाकिस्तान के एविएशन मंत्री गुलाम सरवर खान ने खुद संसद में कबूला था कि उनके देश में 262 पायलट्स के लाइसेंस फर्जी या संदिग्ध हैं. कई पायलट्स ने न तो परीक्षा दी और न ही ट्रेनिंग पूरी की, फिर भी उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दी गई.
इस खुलासे के बाद पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर चार बड़े झटके लगे:
- UK: पाकिस्तान की एयरलाइंस को एयर सेफ्टी लिस्ट से बाहर कर दिया गया
- EU (EASA): यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) पर बैन लगा दिया
- अमेरिका (FAA): फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने पाकिस्तान को एविएशन सुरक्षा में कैटेगरी-1 से घटाकर कैटेगरी-2 कर दिया
- ICAO: इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन ने पाकिस्तान पर Significant Safety Concern का टैग लगा दिया
अब क्यों मिली इजाजत?
पाकिस्तान ने बीते वर्षों में लाइसेंस वेरिफिकेशन सिस्टम को ठीक करने, सुरक्षा मानकों को सुधारने और अंतरराष्ट्रीय जांच एजेंसियों से सहयोग बढ़ाने की कोशिशें कीं। कई दौर की समीक्षा के बाद अब जाकर UK ने पाकिस्तान को फिर से उड़ानों की मंजूरी दी है.
भारत-पाकिस्तान तुलना क्यों जरूरी है?
जहां पाकिस्तान को अपनी गलतियों को सुधारने में पांच साल लग गए, वहीं भारत का एविएशन सेक्टर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भरोसेमंद बना हुआ है.
- भारत के DGCA को कभी ऐसी निगेटिव रेटिंग या बैन का सामना नहीं करना पड़ा
- भारत के प्रमुख एयरपोर्ट्स वैश्विक रैंकिंग में शामिल रहते हैं
- भारत में पायलट लाइसेंस सिस्टम और एविएशन ट्रेनिंग पर पहले से ही कड़ी निगरानी है
क्यों जरूरी था पाकिस्तान के लिए?
ब्रिटेन में करीब 17 लाख पाकिस्तानी मूल के लोग रहते हैं। डायरेक्ट फ्लाइट बंद होने से कारोबार, परिवारिक यात्रा और टूरिज्म पर असर पड़ा था. पाकिस्तान के लिए यह फैसला सामरिक और आर्थिक दोनों लिहाज से अहम है.
पाबंदी के दौरान कैसे जाते थे पाकिस्तान के लोग?
जब पाकिस्तान की एयरलाइंस पर UK की पाबंदी लगी, तब वहां के लोग मजबूरी में मिडल ईस्ट या दूसरी जगहों के ज़रिए सफर करते थे. दुबई, दोहा, अबू धाबी या इस्तांबुल के ट्रांजिट रूट का सहारा लिया जाता था. पाकिस्तानी यात्रियों पर सीधे बैन नहीं था, लेकिन पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) जैसी घरेलू फ्लाइट्स पर रोक थी. इससे न सिर्फ समय और किराया बढ़ता था, बल्कि कई बार वीज़ा और ट्रांजिट परमिट जैसी परेशानियां भी होती थीं.
लेकिन क्या भरोसा बहाल हो गया?
एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि कागज पर सुधार और असल सिस्टम में सुधार में फर्क होता है. पाकिस्तान को यह साबित करना होगा कि वह वाकई इंटरनेशनल सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर टिक सकता है.