6 घंटे की पढ़ाई, प्रैक्टिस और टेस्ट… JEE मेन के टॉपर श्रेयस लोहिया ने बताया…

0
6 घंटे की पढ़ाई, प्रैक्टिस और टेस्ट… JEE मेन के टॉपर श्रेयस लोहिया ने बताया…
6 घंटे की पढ़ाई, प्रैक्टिस और टेस्ट... JEE मेन के टॉपर श्रेयस लोहिया ने बताया अपनी सफलता का राज

ऑल इंडिया टॉपर बेटे श्रेयस लोहिया को मिठाई खिलाती उनकी मां.

लखनऊ के गोमती नगर निवासी JEE मेन के ऑल इंडिया टॉपर और 100 परसेंटाइल स्कोर लाने वाले श्रेयस लोहिया से TV9 ने एक्सक्लूसिव बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपनी तैयारी, मेहनत और भविष्य के लक्ष्य के बारे में बताया. श्रेयस ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. अब मैं JEE एडवांस की तैयारी करूंगा. श्रेयस ने कहा कि उन्हें पढ़ाई करने और अच्छा स्कोर लाने में किसी बड़े चैलेंज का सामना नहीं करना पड़ा.

श्रेयस लोहिया ने बताया कि वह प्रतिदिन 5 से 6 घंटे की पढ़ाई करते थे. केमिस्ट्री में थोड़ा ज्यादा टाइम दिया, क्योंकि इसमें याद करने वाला पोर्शन थोड़ा ज्यादा रहता है. बाकी पुराने कई सालों के पेपर लगाए थे. NCERT को भी अच्छे से पढ़ा था. मैं यही कहना चाहूंगा कि सबको मेहनत करनी चाहिए. 100 परसेंटाइल स्कोर भी हासिल किया जा सकता है.

घंटे देखकर नहीं टॉपिक देखकर पढ़ाई की

Tv9 के सवाल क्या प्रतिदिन 5 से 6 घंटे की पढ़ाई में 100 परसेंटाइल लाया जा सकता है? टाइम मैनजमेंट कैसे किया? इस पर श्रेयस लोहिया ने बताया कि जी बिल्कुल लाया जा सकता है, लेकिन नियमित पढ़ाई जरूरी है. JEE मेन का कोई बहुत ज्यादा कोर्स नहीं है. ऐसे में रोजाना इतना समय देने से कोर्स जरूर पूरा हो जाएगा. टाइम मैनेजमेंट के लिए मैंने पढ़ाई टॉपिक देखकर की. घंटे देखकर पढ़ाई नहीं की.

मैथ्स के लिए प्रैक्टिस की जरूरत पड़ती है

श्रेयस लोहिया ने बताया कि मैथ्स में एक बार कॉन्सेप्ट क्लियर हो गया तो फिर प्रैक्टिस की ही जरूरत पड़ती है. इसके लिए मैंने रेगुलर प्रैक्टिस की. फिजिक्स में भी रेगुलर प्रैक्टिस करने की आदत डाली थी. केमिस्ट्री में थोड़ा याद करने वाला पोर्शन ज्यादा था. कार्बनिक और इनॉर्गेनिक को मैंने याद किया. यही कारण था कि इसमें ज्यादा समय लग गया. टफ कोई बहुत ज्यादा नहीं लगा. तीनों सब्जेक्ट बराबर ही लगे.

कोचिंग सेंटर में टेस्ट के जरिए खुद की तैयारी का पता चला

कोचिंग पढ़ने में सिलेबस की सटीक जानकारी हो जाती है. कम से कम यह नहीं रहता कि कोई अहम विषय तैयारी के दौरान छूट गया हो. कोचिंग सेंटर में टेस्ट के जरिए खुद की तैयारी का पता भी चल जाता है. बोर्ड एग्जाम के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स इन तीनों सब्जेक्ट की तैयारी में आसानी होती है.

इससे जुड़े कॉन्सेप्ट पहले से क्लियर हो जाते हैं. इसके अलावा इंग्लिश और कंप्यूटर जैसे विषयों को देखना पड़ता है. इंग्लिश में थोड़ा कोर्स ज्यादा रहता है तो इसे इग्नोर नहीं किया जा सकता, लेकिन ये सही है कि हर हफ्ते बाकी बचे इन विषयों की नियमित 2 से 3 घंटे की पढ़ाई से सब कुछ आसानी से मैनेज किया जा सकता है.

अब पूरा फोकस JEE एडवांस पर

करियर के लिहाज से अभी बहुत कुछ सोचा नहीं है. फिलहाल पूरा फोकस JEE एडवांस पर ही है, क्योंकि आईआईटी में दाखिले के लिए वही मेन एग्जाम होता है. पहले तो इस पर ही ध्यान दे रहा हूं. अच्छा स्कोर लाने की सोच रहा हूं. बाकी सब बाद में देखेंगे. मेरे भैया से मुझे प्रेरणा मिलती है. वो फिलहाल IIT रुड़की में पढ़ाई कर रहे हैं. मैं भी किसी अच्छे संस्थान से CS में बीटेक करना चाहता हूं. इसके अलावा पिता और माता से भी पूरा सपोर्ट मिला. खाने-पीने समेत सभी जरूरतें उन्होंने ही पूरी की. मोबाइल बात जरूर करता, लेकिन सोशल मीडिया से दूर रहता हूं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

जांजगीर-चांपा में दिनदहाड़े 11.79 लाख की कथित लूट निकली…- भारत संपर्क| Friendship Day 2025: मेरे लिए तू….फ्रेंडशिप डे पर बेस्ट फ्रेंड यूं करें विश,…| राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बजा रायगढ़ का डंका, नॉन फीचर फिल्म कैटेगरी में दो अवार्ड… – भारत संपर्क न्यूज़ …| WhatsApp Call Reminder: व्हाट्सऐप पर अब कोई कॉल नहीं होगी मिस – भारत संपर्क| Mahavatar Narasimha ने किया सबकी नाक में दम, बजट से 12 गुना ज्यादा कमाकर इस… – भारत संपर्क