देश के 70% लोग छोड़ देंगे UPI से पेमेंट, अगर लगने लगी ये फीस…- भारत संपर्क

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देश के 70% लोग छोड़ देंगे UPI से पेमेंट, अगर लगने लगी ये फीस…- भारत संपर्क
देश के 70% लोग छोड़ देंगे UPI से पेमेंट, अगर लगने लगी ये फीस

लोग छोड़ देंगे यूपीआई से पेमेंट करना

इंवेस्टमेंट से लेकर किसी सामान को खरीदने तक, अगर आज की तारीख में पैसों का डिजिटल लेनदेन करना हो, तो सबसे पहले लोगों के जेहन में यूपीआई पेमेंट ही आता है. छुट्टे पैसे की समस्या से लेकर रेहड़ी-पटरी, गांव-देहातों तक यूपीआई ने पेमेंट को आसान बनाया है. ‘डिजिटल इंडिया’ का ये सबसे चमकता सितारा है. इसकी सबसे बड़ी वजह डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की तुलना में इसका ‘मुफ्त’ होना है. इसलिए ग्राहकों के साथ-साथ दुकानदारों ने भी इसे आराम से अपनाया है. अब एक खुलासा हुआ है कि अगर यूपीआई पेमेंट पर ‘फीस’ ली जाने लगेगी, तो करीब 70 प्रतिशत लोग इससे पेमेंट करना छोड़ देंगे.

हाल में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बयान में कहा था कि भारत में अगर 100 डिजिटल ट्रांजेक्शन होते हैं, तो उसमें से 80 करीब यूपीआई से होते हैं. इसमें छोटे से लेकर बड़े ट्रांजेक्शंस शामिल हैं. ऐसे में ये खुलासा होना कि अगर यूपीआई पेमेंट पर फीस लगने लगे, तो इसे इस्तेमाल करने वाले 70 प्रतिशत लोग इसे छोड़ देंगे, ये चौंकाने वाली खबर है.

लोकल सर्किल के सर्वे में 34,000 लोगों से मिले जवाब के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया है कि अगर यूपीआई पेमेंट पर किसी भी तरह की कोई फीस लगती है, तो लोग उसका इस्तेमाल बंद कर देंगे. लोगों ने कैश ट्रांजेक्शन के बदले यूपीआई को अपनाया ही इसलिए क्योंकि ये आसान है और मुफ्त है.

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लंबे समय से की जा रही फीस लगाने की मांग

यूपीआई पेमेंट पर फीस लगाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. यूपीआई पेमेंट की सर्विस देने वाली कई फिनटेक कंपनियां जैसे कि पेटीएम, गूगल पे और फोनपे चाहती हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और सरकार यूपीआई पेमेंट को एमडीआर ( मर्चेंट डिस्काउंट रेट) के दायरे में लाएं.

एमडीआर वो पेमेंट फीस होती है, जो ट्रांजेक्शन प्रोसेस करने के एवज में बैंक या फिनटेक कंपनियां दुकानदार से लेती हैं. डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट के वक्त दुकानदार को एमडीआर चुकाना होता है. यूपीआई ट्रांजेक्शन के पीयर 2 पीयर होने की वजह से उस पर एमडीआर नहीं लगता है.

ऐसे में फिनटेक कंपनियों के घाटे की भरपाई करने के लिए क्रेडिट कार्ड को भी यूपीआई से जोड़ दिया गया, ताकि वह ट्रांजेक्शन फीस ले सकें. वहीं फिनटेक कंपनियों ने कई अन्य सर्विस पर प्लेटफॉर्म फीस वसूलना भी शुरू किया है.

आरबीआई करा चुका है लंबी चर्चा

यूपीआई पेमेंट पर एमडीआर या ट्रांजेक्शन फीस लेने के लिए आरबीआई ने 2022 में एक कंस्ल्टेशन पेपर भी निकाला था. इसमें अलग-अलग अमाउंट के लेवल के हिसाब से यूपीआई पेमेंट पर शुल्क लगाने को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन इस पर कोई अंतिम राय नहीं बन सकी.

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