सदभावना कवि सम्मेलन का सफल आयोजन, तू समाती नहीं लेखनी में…- भारत संपर्क



दुर्ग.. छत्तीसगढ़ की गौरव गाथा के आध्यात्म, संस्कृति एवं वैभव को सुप्रसिद्ध गीतकार बलराम चंद्राकर ने अपनी रचना क्रमबद्ध एवं लयबद्ध होकर प्रस्तुत किया कि छत्तीसगढ़ के माटी महादानी हे, पावन निर्मल महानदी के पानी हे तो उपस्थित जनसमूह झूम उठे। गजानन परिसर गणेशोत्सव समिति मोहन नगर दुर्ग द्वारा रविवार 31 अगस्त की रात्रि आयोजित सदभावना कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं युवाओं एवं बुजुर्ग श्रोताओं का मन मोह लिया। सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री रवि श्रीवास्तव ने महंगाई पर तीखे व्यंग एवं कृषि मंत्री के दौरे में मूंगफली के फल नहीं दिखने की जानकारी लेते किसान से मंत्री को मिले जवाब को आपसे डरकर शर्म के मारे मूंगफली का फल जमीन के अंदर घुस गया कहकर करारा व्यंग कसा। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथिगण अजीत वैद्य, राजेश खड़के, शेखर पहाडे दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम आरंभ किया । सदभावना संयोजक राजीव अग्रवाल द्वारा सुप्रसिद्ध गीतकार श्री केदार सिंह परिहार को उनके निधन पर श्रद्धांजली स्वरूप आयोजित कवि सम्मेलन को समर्पित करते हुए स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में श्री शाद बिलासपुरी के विशिष्ट मंच संचालन ने कवियों सहित श्रोताओं का मन मोह लिया। डॉ संजय दानी ने छत्तीसगढ़ व्यंग बाणों से लोगों को खूब हंसाया वहीं गजेन्द्र द्विवेदी की क्षणिकाएं एवं पत्नी की प्रशंसा की प्रस्तुति तथा राजकुमार चौधरी की छत्तीसगढ़ी गजल, उर्दू हिंदी के सशक्त शायर आलोक नारंग द्वारा तरन्नुम में की गई शायरी ने उपस्थित श्रोताओं के प्रत्येक वर्ग को कार्यक्रम समाप्ति तक बांध के रखा। बड़ी संख्या में महिलाओं युवाओं ने आरंभ से अंत तक अपनी कुर्सियों में जमे रहकर कार्यक्रम का गर्म चाय एवं नाश्ते के साथ आनंद उठाया।
आयोजन को सफल बनाने, श्री योगेश शाब्दे, श्री योगेश भोपे, श्री सौरभ मुले, श्री गिरीश खाराबे, श्री प्रवीण कड़वे, श्री अपूर्व किरोलीकर,श्री प्रदीप जोशी, श्री उत्कर्ष मानके, श्री विलास दीक्षित एवं श्री गजानन सामाजिक मंडल गणेशोत्सव समिति के सभी सदस्य सक्रिय रहे एवं बड़ी संख्या में महिलाओं युवाओं ने कार्यक्रम का आनंद लिया। संचालन राजीव अग्रवाल एवं आभार शेखर पहाडे द्वारा किया गया।
