मवेशी को बचाने कार पेड़ से टकराई, रिटायर्ड शिक्षक की पत्नी…- भारत संपर्क

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मवेशी को बचाने कार पेड़ से टकराई, रिटायर्ड शिक्षक की पत्नी…- भारत संपर्क

बिलासपुर/सकरी।
सड़क पर अचानक आए मवेशी को बचाने की कोशिश में गुरुवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। रिटायर्ड शिक्षक रमेश तिवारी की कार पेड़ से टकरा गई। इस दुर्घटना में उनकी पत्नी विद्या तिवारी (65) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि खुद रमेश तिवारी और उनकी बहू गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को अपोलो अस्पताल रेफर किया गया है। वहीं कार में सवार नाती को भी चोट आई, लेकिन फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

कार्यक्रम में शामिल होने आ रहा था परिवार

मिली जानकारी के अनुसार, मुंगेली जिले के ग्राम घुठेली निवासी रिटायर्ड शिक्षक रमेश तिवारी गुरुवार सुबह अपने परिवार के साथ बिलासपुर स्थित छोटे भाई डॉ. प्रमोद तिवारी के घर आयोजित पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने कार से आ रहे थे। सुबह हल्की बारिश भी हो रही थी। सकरी थाना क्षेत्र के ग्राम भरनी के पास अचानक उनकी कार के सामने मवेशी आ गए। उन्हें बचाने के लिए रमेश तिवारी ने अचानक कार की स्टीयरिंग घुमा दी। इसी दौरान तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर सीधे पेड़ से जा टकराई।

टक्कर इतनी जोरदार कि इंजन धंस गया

हादसा इतना भीषण था कि कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और इंजन भीतर धंस गया। वहीं पेड़ पर भी गहरी चोट के निशान बन गए। घटना स्थल पर लंबा टायर मार्क भी मिला है, जिससे स्पष्ट होता है कि कार अचानक ब्रेक लगाने से स्किट होकर पेड़ से टकराई।

पत्नी की मौके पर मौत, पति-बहू की हालत नाजुक

हादसे में कार चला रहे रमेश तिवारी और पीछे बैठी उनकी बहू गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। दोनों को प्रारंभिक उपचार के बाद अपोलो अस्पताल रेफर किया गया है। वहीं उनके पास वाली सीट पर बैठी पत्नी विद्या तिवारी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। कार में सवार नाती को भी चोटें आई हैं, लेकिन उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

मवेशियों से हादसे आम, 32 माह में 27 की मौत

सड़क पर मवेशियों की मौजूदगी लगातार जानलेवा साबित हो रही है। बीते 32 महीनों में मवेशियों के कारण 74 बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें 27 लोगों की मौत हो चुकी है। 21 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ स्थायी रूप से अपाहिज हो चुके हैं। इसके अलावा बीते आठ महीनों में 80 से ज्यादा मवेशी भी सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होकर मारे गए हैं।

बैरिकेट चोरी होने से बढ़ा खतरा

सरकार की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर रफ्तार नियंत्रित करने और मवेशियों को रोकने के लिए बैरिकेट लगाए गए थे। लेकिन अधिकांश स्थानों पर ये बैरिकेट चोरी हो चुके हैं। इसके चलते शाम होते ही मवेशी सड़कों पर आकर बैठ जाते हैं और दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।

हाल ही में सकरी में भी हुई थी मौत

28 अगस्त की रात सकरी क्षेत्र में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। चार युवक-युवती कार से घूमने निकले थे। पुराने पुलिस चौकी के पास मवेशियों को बचाने के प्रयास में कार पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में ग्राम घुरू निवासी रितेश श्रीवास की मौत हो गई थी, जबकि कार में सवार तीन लोग घायल हो गए थे।


यह हादसा एक बार फिर साबित करता है कि सड़कों पर मवेशियों की अनियंत्रित मौजूदगी कितनी खतरनाक हो सकती है। लगातार हो रहे हादसों के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों में नाराजगी भी बढ़ती जा रही है।


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