पुतिन-जिनपिंग-किम की तिकड़ी देख चिढ़े ट्रंप, अब तुर्की को दे दी इसकी सजा, नहीं बेचेगा… – भारत संपर्क

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पुतिन-जिनपिंग-किम की तिकड़ी देख चिढ़े ट्रंप, अब तुर्की को दे दी इसकी सजा, नहीं बेचेगा… – भारत संपर्क

अमेरिका को चीन के विक्ट्री परेड में शी जिनपिंग, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति की तिकड़ी रास नहीं आई है. अब इसकी सजा तुर्की भुगतने जा रहा है. दरअसल अमेरिका में तुर्की को हथियार बेचने पर रोक लगाने के लिए विचार किया जा रहा है. अमेरिकी संसद यानी कांग्रेस में 2026 के नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट यानी NDAA पर बहस हुई.

इस दौरान कई सांसदों ने हथियार बिक्री रोकने के लिए संशोधन पेश किए हैं. इन प्रस्तावों का मकसद ये है कि तुर्की को तब तक अमेरिकी हथियार, खासकर F-35 लड़ाकू विमान, न बेचे जाएं जब तक वह कुछ शर्तें पूरी नहीं करता. आइए जानते हैं अमेरिका की शर्ते क्या है?

तुर्की पर अमेरिकी सांसदों के क्या आरोप हैं

पहले समझते हैं इस सख्ती का आधार क्या है? दरअसल अमेरिकी सांसद लंबे समय से तुर्की पर आरोप लगाते रहे हैं कि वो ग्रीस की हवाई सीमा का उल्लंघन करता है. रूस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीद चुका है. 2019 में तुर्की ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदा था. इसके बाद अमेरिका ने उसे F-35 प्रोग्राम से बाहर कर दिया और 2020 में उस पर प्रतिबंध भी लगा दिए.

सांसदों का ये भी आरोप है कि तुर्की उत्तरी साइप्रस पर कब्जा बनाए हुए है और हमास से करीबी संबंध रखता है. वहीं अमेरिका
हमास को आतंकी संगठन मानता है. आरोप है कि इसके कई राजनीतिक नेता तुर्की में रहते हैं और राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोआन तक से मिल चुके हैं.

तुर्की के सामने रखी ये शर्तें

रिपब्लिकन सांसद गस बिलिराकिस और डेमोक्रेट ब्रैड श्नाइडर का संशोधन कहता है कि F-35 की बिक्री तभी हो सकती है जब व्हाइट हाउस यह प्रमाणित करे कि तुर्की हमास या उसके सहयोगियों को मदद नहीं कर रहा है, इजराइल को सैन्य धमकी नहीं दे रहा है और रूस, चीन, ईरान या उत्तर कोरिया के साथ ड्रोन व अन्य सैन्य सहयोग नहीं कर रहा.

एक अन्य समूह के सांसदों ने संशोधन लाकर सरकार से मांग की है कि विदेश, रक्षा और खजाना विभाग तुर्की और हमास के रिश्तों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट कांग्रेस को सौंपें. इसमें यह भी पूछा गया है कि क्या हमास के सदस्य तुर्की में रह रहे हैं या वहां से अपना नेटवर्क चला रहे हैं.

इजराइल को इस फैसले से खुशी क्यों होगी?

मध्य पूर्व के हालात को देखते हुए इजराइल भी इस मामले में सक्रिय है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से कई बार F-35 बिक्री रोकने की अपील की है. इजराइल हमेशा से यह चाहता है कि उसके पड़ोसी देशों के पास आधुनिक अमेरिकी हथियार न हों ताकि उसका सैन्य वर्चस्व बना रहे. इसी कारण अमेरिकी कांग्रेस में तुर्की के खिलाफ माहौल और मजबूत हो गया है.

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