RBI ने पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए जारी की गाइडलाइन, नहीं…- भारत संपर्क


भारतीय रिजर्व बैंक
अब पेमेंट एग्रीगेटर्स की मनमानी रोकने और उन लगाम लगाने के लिए देश के बैंकिंग रेगुलेटर जिर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी चीजों को अपने हाथों में ले लिया है; साथ ही इन पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए रेगुलेशन गाइडलाइंस भी जारी कर कर दी हैं. इन फाइनल गाइडलाइंस का इंतजार काफी महीनों से हो रहा था. आरबीआई की ओर से ड्राफ्ट गाइडलाइन साल 2024 में ही जारी कर दी गई थी. लेकिन अब फाइनल गाइडलाइंस को जारी किया गया है. जिसमें पेमेंट एग्रीगेटर्स को उनके काम के लिहाज से तीन अलग अलग कैटेगरीज में बांट दिया गया है. साथ ही तीनों के लिए के अलग अलग स्टैंडर्ड रखे गए हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बारकीआई की ओर से किस तरह की गाइडलाइन जारी की गई हैं.
तीन कैटेगिरी में बंटे पेमेंट एग्रीगेटर्स
देश के बैंकिंग रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने पेमेंट एग्रीगेटर्स को रेगुलेट करने के लिए गाइडलाइन जारी की हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (भुगतान एग्रीगेटर्स का रेगुलेशन) डायरेक्शन, 2025 के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर्स को उनके द्वारा किए जाने वाले कार्य के अनुसार तीन कैटेगरीज में डिवाइड किया गया है. निर्देशों के अनुसार, इन कैटेगरीज में फिजिकल पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए पीए-पी; क्रॉस बॉर्डर पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए पीए-सीबी और ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए पीए-ओ शामिल हैं. बैंकों को पेमेंट एग्रीगेटर्स का बिजनेस करने के लिए ऑथराइजेशन की जरुरत नहीं होती है, जबकि नॉन-बैंकों के लिए, आरबीआई ने स्पेसिफिक कैपिटल की जरुरत निर्धारित की हैं.
आरबीआई ने जारी की ये गाइडलाइन
आरबीआई की ओर से अपनी गाइडलाइंस में कहा गया है कि पेमेंट एग्रीगेटर्स का व्यवसाय शुरू करने या जारी रखने के लिए ऑथराइजेशन चाहने वाली संस्था के पास ऑथराइजेशन के लिए आवेदन प्रस्तुत करते समय न्यूनतम 15 करोड़ रुपए का मिनिमम नेटवर्थ होना चाहिए. ऑथराइजेशन प्रदान किए जाने के तीसरे वित्तीय वर्ष के अंत तक मिनिमिम 25 करोड़ रुपये की नेटवर्थ हासिल करनी होगी. गाइडलाइंस में एस्क्रो अकाउंट्स और फंड मैनेज्मेंट, पीए-सीबी के लिए क्रॉस बॉर्डर लिमिट और शासन संबंधी प्रावधान शामिल हैं, जहां प्रमोटर्स को ‘उपयुक्त और उचित’ मानदंडों का पालन करना होगा. केंद्रीय बैंक ने अप्रैल 2024 में पीए पर ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की थी, सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद फाइनल गाइडलाइंस जारी किए गए हैं.