विदेशियों ने यहां लगा दिए 15 हजार करोड़, क्या फरवरी में…- भारत संपर्क

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विदेशियों ने यहां लगा दिए 15 हजार करोड़, क्या फरवरी में…- भारत संपर्क

विदेशी पोर्टफोलियाे निवेशकों यानी एफपीआई की नजर अब शेयर बाजार के बाद बांड मार्केट में आकर टिक गई है. खास बात तो ये है कि महज 9 दिनों में विदेशी निवेशकों ने बांड मार्केट में 15 हजार करोड़ रुपए ज्यादा का निवेश कर दिया है. वहीं यह लगाताार चौथा महीना है जब विदेशी निवेशकों ने बांड बाजार में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. ऐसा साल 2017 के बाद पहली बार देखने को मिला है जब एफपीआई का 10 हजार करोड़ से ज्यादा पैसा बांड में लगा हो. अब सबसे बडा सवाल ये है कि आखिर एफपीआई बांड मार्केट में इतना पैसा खर्च क्यों कर रहे हैं? दूसरा सवाल से है कि अभी सिर्फ 9 दिन ही बीते हैं. ये महीना 29 दिन का है और क्या किसी एक महीने में बांड में एफपीआई के निवेश का 7 साल पुराना रिकॉर्ड टूटेगा? आइए आपको भी आंकडों की जुबां से समझाने का प्रयास करते हैं.

लगातार चौथे महीने 10 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश

वास्तव में जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बांड को शामिल किए जाने और व्यापक रूप से इकोनॉमी के स्थिर परिदृश्य के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक देश के डेट या बांड मार्केट में शुद्ध रूप से 15,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है. खास बात तो ये है कि यह लगातार तीसरा महीना है जब एफपीआई ने डेट और बांड में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया हो. जनवरी के महीने में 19,836 करोड़ रुपए और दिसंबर 2023 में यह आंकडा 18302 करोड़ रुपए का था. जबकि नवंबर 2023 में यह आंकडा 14 हजार करोड़ से ज्यादा का था. साल 2017 के बाद पहला ऐसा मौका आया है, जब लगातार महीनों में ऐसा आंकडा देखने को मिला है. उस साल लगातार 5 महीनों में एफपीआई ने डेट और बांंड मार्केट में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया था.

सिर्फ 8 बार हुआ है ऐसा

साल 2019 से बात करें तो अब तक 62 महीने पूरे नहीं हुए हैं. इस दौरान बांड मार्केट में सिर्फ 8 बार ही ऐसा देखने को मिला है जब किसी एक महीने में बांड में 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है. साल 2019 में मार्च और अगस्त के महीने में ऐसा देखने को मिला था. साल 2020 में कोई ऐसा महीना नहीं था जब एफपीआई ने डेट और बांड मार्केट में 10 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया हो. साल 2021 में अगस्त और सितंबर के महीने में ऐसा देखने को मिला. फिर 2022 में कोई ऐसा महीना नहीं आया. साल 2023 में साल के आखिरी दो महीनों यानी नवंबर और दिसंबर के महीने में ऐसा देखने को मिला. साल 2024 का ये दूसरा महीना चल रहा है और दोनों ही महीनों में एफपीआई ने बांड मार्केट में भरोसा जताया है.

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62 महीनों में सिर्फ 8 बार हुआ ये कारनामा

साल और महीना बांड मार्केट में एफपीआई निवेश (करोड़ रुपए में)
मार्च 2019 12,002
अगस्त 2019 11,672
सितंबर 2021 12,804
अगस्त 2021 12,144
नवंबर 2023 14,860
दिसंबर 2023 18,302
जनवरी 2024 19,837
फरवरी 2024 में अब तक 15,094

क्या कहते हैं जानकार

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि शेयर और बांड में इस भिन्न प्रवृत्ति का मुख्य कारण भारतीय शेयर बाजार का हाई वैल्यूएशन और अमेरिका में बांड पर बढ़ता यील्ड है. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर – मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि शेयरों से निकासी की मुख्य वजह घरेलू के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में ब्याज दर परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता है. आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने (9 फरवरी तक) बांड बाजार में शुद्ध रूप से 15,093 करोड़ रुपए का निवेश किया है. इसके साथ ही 2024 में एफपीआई का कुल निवेश 34,930 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है.

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