किसान आंदोलन होगा खत्म? सरकार को गेहूं खरीद शुरू होने से…- भारत संपर्क
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन (फोटो-पीटीआई)
उत्तर भारत में इस समय सड़कों पर किसान आंदोलन चल रहा है. हरियाणा-पंजाब की सीमाओं पर एक ओर किसान अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं और दूसरी ओर सरकार उनसे लगातार बातचीत कर उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में जब गेहूं की सरकारी खरीद चालू होगी, तब तक किसानों की समस्या का समाधान निकल आएगा.
खाद्य मामलों के मंत्रालय में सचिव संजीव चोपड़ा का कहना है कि सरकार को मार्च में गेहूं खरीद शुरू होने से पहले किसानों की चिंताओं के समाधान की उम्मीद है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सरकार आगे की बातचीत और पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की चिंताओं का समाधान करने के लिए तैयार है.
सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान नेताओं की भूजल स्तर और मिट्टी की गुणवत्ता कम होने जैसी चिंताओं को देखते हुए उन्हें एक प्रस्ताव दिया था. हालांकि, उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. कृषि मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि सरकार आगे की बातचीत के लिए इच्छुक हैं. हम उनसे बात करके खुश हैं. शायद, हम पूरी मंशा बताने में सक्षम नहीं हुए. उन्हें लगता है कि निरंतर बातचीत से किसानों की असहमति को दूर किया जा सकता है.
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किसानों की मांग-एमएसपी पर बने कानून
आंदोलन कर रहे किसानो की मांग है कि सरकार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दे. वहीं किसानों का कर्ज माफ करे. साथ ही पिछले किसान आंदोलन में जिन किसानों पर केस दर्ज किए गए, उन्हें रद्द किया जाए. ये मौजूदा किसान आंदोलन की मुख्य शर्तें हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा विरोध के कारण गेहूं की खरीद प्रभावित होगी. संजय चोपड़ा ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि गेहूं खरीद शुरू होने से काफी पहले ही मुद्दों का समाधान हो जाएगा. मुझे नहीं लगता कि इसका कोई असर पड़ेगा.”
गेहूं की फसल अच्छी रहने की उम्मीद
उन्होंने यह भी कहा कि गेहूं की फसल अच्छी स्थिति में है और अगर मौजूदा मौसम अगले 10-15 दिनों तक बना रहता है तो सरकार को फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में अच्छी पैदावार की उम्मीद है. कृषि मंत्रालय ने 2023-24 फसल वर्ष के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.4 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है, जबकि फसल वर्ष 2022-23 में यह 10.77 करोड़ टन था.
गेहूं खरीद पर सचिव ने कहा कि कई राज्यों के साथ चर्चा के बाद मार्च की शुरुआत में ही गेहूं खरीद को अनुमति देने का फैसला होगा. देश के कुछ इलाकों में गेहूं बाजार में जल्दी आ जाता है और कुछ में देरी से आता है. जबकि गेहूं की खरीद एक अप्रैल से शुरू होती है. इसलिए गेहूं की समय से खरीद नहीं हो पाती. देश में वैसे भी अभी चावल को छोड़कर गेहूं, गेहूं का आटा, चीनी और खाद्य तेलों की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं.