करारोपण अधिकारी जेएस पैकरा के खिलाफ जांच पूरी नहीं और विधायक…- भारत संपर्क
करारोपण अधिकारी जेएस पैकरा के खिलाफ जांच पूरी नहीं और विधायक दोबारा पदस्थापना की कर रहे मांग, पंचायत सचिव और पत्रकार की शिकायत पर हटाए गए थे करारोपण अधिकारी, शिकायत पर तात्कालिक कलेक्टर ने जांच के आदेश देते हुए टीम की थी गठित
कोरबा। विवादित अंकेक्षण कार्यालय उप संचालक पंचायत कोरबा जेएस पैकरा पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। पत्रकार और पंचायत सचिवों की शिकायत पर उन्हें पद से हटा दिया गया था। मामले में जांच के निर्देश दिए गए थे। जांच तो पूरी नहीं हुई, लेकिन अब दोबारा इस पद पर श्री पैकरा को पुनः पदस्थ किए जाने कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल की चिट्ठी ने सियासी गलियारे में गर्माहट ला दी है।
प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ ब्लॉक अध्यक्ष संतलाल कैवर्त और प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ ब्लॉक पोंडीउपरोड़ा अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार टण्डन और एक पत्रकार ने जिला अंकेक्षण कार्यालय उप संचालक पंचायत कोरबा जेएस पैकरा के विरुद्ध शिकायत की थी। जिसपर कलेक्टर के निर्देशानुसार जांच हेतु संदर्भित आदेश के तहत् अधोहस्ताक्षरी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उक्त शिकायत की जांच हेतु दोनों सचिवों को साक्षी के रूप में कार्यालय कलेक्टर में अधोहस्ताक्षरी के कक्ष में साक्ष्य के लिए 3 नवम्बर 2022 को उपस्थित होने कहा गया था। लेकिन श्री पैकरा के खिलाफ आज तक जांच लंबित है।
मामला ऐसा है कि पत्रकार ने जेएस पैकरा के खिलाफ शिकायत में कहा था कि ग्राम पंचायतों को ग्राम विकास के लिए केंद्र शासन से विभिन्न मदों से जनसंख्या के अनुपात में फंड (राशि) प्रदान की जाती है। इनमें मनरेगा, मूलभूत से लेकर 15वें वित्त मद, प्रमुख रूप से शामिल हैं। पंचायतों में विभिन्न मदों से कराए गए कार्यों का कार्यालय उप संचालक पंचायत के अंकेक्षक ऑडिट करते हैं। वर्तमान समयावधि में कार्यों की अधिकता की वजह से कुछ पंचायतों की कार्यालय छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा द्वारा ऑनलाईन ऑडिट भी की जाती है। जिसमें ऑडिटरों द्वारा जांच के दौरान व्यय पक्षों (खर्च का ब्यौरा) संतुष्टिजनक, नियमानुसार नहीं पाए जाने पर आक्षेप की जाती है। इस व्यय आक्षेप में उल्लेखित आक्षेपित शासकीय धनराशि का पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 89 192 के तहत वसूल करने का प्रावधान है। लेकिन कोरबा जिले के पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के 52 कटघोरा के 29, एवं कोरबा के 3 कुल 81 ग्राम पंचायतों में 2019-20 के आबिट टीप में 3 करोड़ 73 लाख 577 रुपए के व्यय आक्षेप निकाली गई है। इन पंचायतों में उक्त करोड़ों रुपए की शासकीय धनराशि का आज पर्यन्त समायोजन न कर शासन को क्षति पहुंचाई गई है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को 2 मई एवं 9 मई 2022 को पृथक पृथक पंचायतवार पत्र प्रस्तुत कर 15 दिवस के भीतर विशेष टीम गठित कर उक्त शासकीय धनराशि का समायोजन कराए जाने अनुरोध किया गया था। बकायदा कार्यालय जिला पंचायत ने पत्र कार्यालय उप संचालक पंचायत व्यय पक्ष के आक्षेपित धनराशि के वसूली के लिए हस्तांतरित कर दिया था। लेकिन निर्धारित मियाद के एक माह बाद भी कोई पहल नहीं की गई। लिहाजा उनके (पत्रकार)द्वारा कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा को 18 जुलाई 2022 को पुनः स्मरण पत्र प्रस्तुत कर 15 दिवस के भीतर विशेष टीम गठित कर उक्त शासकीय धनराशि का समायोजन कराए जाने अनुरोध किया गया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि उक्त मियाद में शासकीय धनराशि का व्यय आक्षेप पत्र में दर्शाई गई बिंदुओं के आधार पर समायोजन कर की गई कार्रवाई की प्रति उपलब्ध नहीं कराए जाने पर जिला कार्यालय की संलिप्तता मानी जाएगी। लेकिन उस अधिकारी के निर्देशों के बावजूद कार्यालय उपसंचालक पंचायत उक्त राशि का समायोजन नहीं करा सका । विभाग के प्रशय से शासकीय धनराशि की वसूली नहीं हो सकी। यही नहीं एक तरफ जहां 2019-20 के वार्षिक अंकेक्षण के दौरान जिले के पोडी उपरोड़ा ब्लॉक के 52 कटघोरा के 29, एवं कोरबा के 3 कुल 81 ग्राम पंचायतों से आक्षेपित 3 करोड़ 73 लाख 577 रुपए के शासकीय धनराशि की वसूली में कार्यालय उपसंचालक पंचायत नाकाम रहा है। वहीं प्रत्येक पंचायतों से छत्तीसगड राज्य संपरीक्षा द्वारा ऑनलाईन ऑडिट में बचाने के नाम पर 15-15 हजार की वसूली किए जाने की जानकारी मिली थी। नाम न छापने की शर्त पर पंचायत सचिवों ने बताया था कि उन्हें कार्रवाई का भय दिखाकर कार्यालय उपसंचालक पंचायत द्वारा उक्त राशि वसूल किया जा रहा। जबकि पूर्व में मैन्युअल ऑडिट के नाम पर 15 से 20 हजार दे चुके हैं। यही नहीं किसी पंचायत की शिकायत रहती है तो मोटी रकम की मांग की जाती है। निश्चित तौर पर शिकायतें गम्भीर थी जिसको लेकर व्यापक लोकहित में उनके द्वारा दिनांक 6 अक्टूबर 2022 को व्यापक लोकहित में अपने अखबार एवं न्यूज वेब पोर्टल के माध्यम से खबर प्रकाशन कर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया था। जिसे अन्य बहु प्रसारित लोकप्रिय अखबारों, न्यूज वेब पोर्टल ने भी प्रमुखता से प्रकाशित कर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। जिससे बौखलाकर पत्रकार को बदनाम करने की नीयत से जे.एस. पैकरा जिला अंकेक्षक कार्यालय उप संचालक पंचायत के द्वारा सचिवों से दबावपूर्वक व भयादोहन करते हुए उनके विरुद्ध ब्लैकमेलिंग व प्रताड़ना की झूठी शिकायत कराई गई थी। लेकिन सचिवों को यह आभास होते ही कि उनसे आधारहीन झूठी शिकायत कराकर उनका इस्तेमाल किया गया है, प्रवेश ग्राम पंचायत सचिव संघ पोडी उपरोड़ा एवं प्रदेश ग्राम पंचायत सचिव संघ कोरबा ब्लाक द्वारा तुरंत 10 अक्टूबर को पुनः आपको ज्ञापन सौंपकर शिकायत निरस्त (शून्य) किए जाने एवं आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया गया। सचिवों ने शिकायत पत्र के माध्यम से उल्लेख किया है कि कार्यालय उप संचालक पंचायत में पदस्थ जे एस पैकरा द्वारा उनसे दबावपूर्वक व भयादोहन करने पर मेरे विरुद्ध उन्हें मजबूरन शिकायत कराई गई है। अतः पूर्व में की गई शिकायत निरस्त कर (शून्य) खारिज किया जाए। सचिवों के ज्ञापन से स्पष्ट हो गया है कि किस तरह कार्यालय उप संचालक पंचायत कोरबा में पदस्थ जे एस पैकरा जिला अंकेक्षक द्वारा पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर दुर्भावनापूर्वक छवि खराब करने मेरे विरुद्ध झूठी आधारहीन शिकायत कराई गई थी। एक जिम्मेदार अधिकारी का यह कृत्य लोकतंत्र के लिए अत्यंत अहितकारी है। ये स्वयं करारोपण अधिकारी होते हुए जिले में वरिष्ठ करारोपण अधिकारियों के होते हुए पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से जिला अंकेक्षक के पद पर काबिज हैं। मामले में 12 अक्टूबर 2022 को तत्कालीन कलेक्टर ने आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया कि जगमंगल सिंह पैकरा सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी जनपद पंचायत पाली को जिला पंचायत कार्यालय में पंचायत अनुभाग के कार्य दायित्व निर्वहन हेतु प्रभारी जिला अंकेक्षक नियुक्त किया गया था। प्रशासनिक दृष्टिकोण से सुश्री जूली तिर्की प्रभारी उपसंचालक पंचायत कोरबा को अपने कार्य के साथ-साथ जिला अंकेक्षक पंचायत का प्रभार सौंपते हुए जगमंगल पैकरा को सेक्टर मुख्यालय जनपद पंचायत पाली के लिए दिनांक 12.10.2022 को अपरान्ह पश्चात् भारमुक्त किया जाता है।
और अब कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल विवादित करारोपण अधिकारी जेएस पैकरा को पुनः जिला पंचायत में उक्त पद पर पदभार देने डिप्टी सीएम विजय शर्मा को पत्र लिख चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस कार्यकाल में जी एस पैकरा को षडयंत्र पूर्वक अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए हटाए जाने की बात पत्र में लिख चुके हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि पंचायत सचिवों और पत्रकारों की शिकायत पर हटाए गए जेएस पैकरा को पुनः पदभार देने की बात की जा रही है, जबकि उनके खिलाफ की गई शिकायत की जांच अब भी लंबित है।