वकील की ‘भीष्म प्रतिज्ञा’, जनेऊ तोड़ा… फिर 12 साल बाद कोर्ट में वापस…

0
वकील की ‘भीष्म प्रतिज्ञा’, जनेऊ तोड़ा… फिर 12 साल बाद कोर्ट में वापस…
वकील की 'भीष्म प्रतिज्ञा', जनेऊ तोड़ा... फिर 12 साल बाद कोर्ट में वापस पहना, जानें क्यों?

अधिवक्ता सुबोध कुमार झा

बिहार के मुजफ्फरपुर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक दरोगा कोर्ट में तलब होने से बचने के लिए अपने आप को मृत दिखा रहा था. उसे जिंदा साबित करने के लिए कोर्ट के अधिवक्ता ने अपना जनेऊ उतारकर कसम खाई थी. 12 साल बाद अधिवक्ता ने कागजों में मृत दरोगा को जिंदा साबित कर अपना जनेऊ पहना.

मुजफ्फरपुर कोर्ट के अधिवक्ता सुबोध कुमार झा ने फाइलों में मृत घोषित दरोगा को जिंदा साबित करने के बाद अपना जनेऊ धारण किया. उन्होंने मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में मौजूद हनुमान मंदिर में आयोजित विशेष पूजा के बाद वरीय अधिवक्ताओं के मौजूदगी में अपना जेनऊ धारण किया. उनके इस काम की चर्चा पूरे जिले में हो रही है.

दरोगा को समन जारी कर कोर्ट ने किया था तलब

4 नवम्बर 2012 में मुजफ्फरपुर के नेवरी गांव मे स्कूल शिक्षक अनंत राम पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था. जिसमे अहियापुर थाने में तैनात दरोगा रामचंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार किया था. इस मामले का कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ. कोर्ट ने जांचकर्ता दरोगा रामचंद्र सिंह को समन जारी कर गवाही के लिए तलब किया. हैरत तब हुई जब दरोगा की पत्नी ने कोर्ट को बताया कि उनके पति राम चन्द्र सिंह की 15 दिसंबर 2009 को ही मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें

पत्नी ने कोर्ट में दाखिल किया था दरोगा का मृत्यु प्रमाण पत्र

अधिवक्ता ने बताया कि ट्रायल केस में जब दरोगा को नोटिस जारी किया गया तो गवाही देने के लिए तो उनका मृत्यु प्रमाण पत्र पत्नी के द्वारा दाखिल किया गया. इस पर कोर्ट द्वारा आपत्ति जताई गई. एसएसपी से मामले की तहकीकात करने का आदेश दिया गया. तत्कालीन दरोगा मुन्नी सिंह ने मामले की जांच की. जांच के दौरान अभिप्रमाणित हुआ कि दरोगा राम चन्द्र सिंह की मौत 2009 में हो चुकी है. दिलचस्प बात यह है कि 2009 में मृत दरोगा 2012 में कैसे जांच कर सकता है.

जनेऊ उतार कर अधिवक्ता ने लिया था प्रण

अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि उनकी दरोगा से 2012 में मुलाकात हुई थी. दरोगा ने उनसे कहा था कि कोर्ट और पुलिस की नजर में मेरी मौत हो चुकी है. इस केस को अब छोड़ दीजिए. उन्होंने बताया कि उसी वक्त साल 2012 में मैंने दरोगा के सामने अपना जनेऊ उतारकर उसे जिंदा साबित करने का प्रण लिया. वह बिना जनेऊ के 12 वर्षों तक रहे. उन्होंने कड़ी मेहनत कर 12 वर्षों के बाद मृत घोषित दरोगा को खोज निकाला.अधिवक्ता ने बताया कि दरोगा जीवित है और रिटायरमेंट के बाद पेंशन ले रहा है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में दरोगा का गया में श्राध्द करेंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

US में भगोड़े नीरव मोदी का भाई नेहाल गिरफ्तार, PNB घोटाले में है आरोपी – भारत संपर्क| शिक्षा से कोई वंचित न रहे इसलिए देश के प्रधानमंत्री श्री…- भारत संपर्क| चीनी DeepSeek पर फिर लटकी तलवार, अमेरिका के बाद इस देश ने लगाया बैन – भारत संपर्क| पीएम मोदी जिस त्रिनिदाद और टोबैगो गए, वहां का सबसे अमीर क्रिकेटर कौन है? – भारत संपर्क| BPSC 71st CCE 2025: बीपीएससी 71वीं प्रीलिम्स परीक्षा की डेट बदली, देखें किन-किन…