बिहार छोड़ दिल्ली चले KK पाठक, नीतीश सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के…

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बिहार छोड़ दिल्ली चले KK पाठक, नीतीश सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के आवेदन को दी मंजूरी

केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक.

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजा जा रहा है. बिहार सरकार ने केके पाठक का आवेदन स्वीकार कर उन्हें NOC दे दी है. केके पाठक अपनी तेजतर्रार छवि के लिए जाने जाते हैं. वह हाल ही में बिहार सरकार द्वारा स्कूलों के समय में किए गए बदलाव की वजह से विवादों में रहे. उन पर लाइव वीडियो कोंफ्रेसिंग में टीचरों को गाली देने का आरोप है.

केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने की राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है. वह बिहार में सरकारी स्कूलों की टाइमिंग को लेकर राज्य सरकार के निशाने पर थे. केके पाठक बिहार में सरकारी स्कूलों में 9 बजे से शाम के 5 बजे तक चलाना चाहते थे जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी स्कूलों को सुबह 10 से शाम को 4 बजे तक चलने का आदेश दिया था.

सदन में हुआ था हंगामा

केके पाठक को लेकर सदन में कई दिनों से विपक्ष ने हंगामा किया. आज भी विधानसभा में खूब हंगामा हुआ. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री को दो दिन सदन में सफाई देनी पड़ी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट शब्दों में यह आदेश दिया था की सरकारी स्कूल सुबह 10 से पहले नहीं चलेंगे. मुख्यमंत्री के इस आदेश को भी केके पाठक मानने को तैयार नहीं थे.

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मुख्यमंत्री ने बताया ईमानदार अधिकारी

आज भी केके पाठक को लेकर विपक्ष ने बिहार विधानसभा में सवाल खड़े किए थे. हालांकि, केके पाठक की छुट्टी करने के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में पाठक को सार्वजनिक रूप से एक ईमानदार अधिकारी बता चुके हैं. विपक्ष पाठक के खिलाफ कारवाई की मांग लगातार कर रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने केके पाठक को ईमानदार अधिकारी बताते हुए उनके खिलाफ किसी भी तरह की करवाई से इंकार कर दिया था.

मुख्यमंत्री के साथ राजभवन से भी ठनी

इधर केके पाठक ने मुख्यमंत्री के आदेश की अवहेलना करने की हिमाकत कर ही दी थी वहीं, उनकी राजभवन से भी जबरदस्त ठनी हुई थी. केके पाठक ने बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक28 फरवरी को बुलाई थी, हालांकि इस बैठक में कोई कुलपति नही आया था. जिस पर पाठक ने सभी कुलपतियों के वेतन पर रोक लगाते हुए उन्हें नोटिस भी जारी कर दिया था.चर्चा है कि केके पाठक को राजभवन और सरकार से भिड़ना भरी पड़ गया.

स्कूली शिक्षा में किए कई सुधार

गौरतलब है कि केके पाठक ने बिहार की स्कूली शिक्षा में कई सुधार भी किए. पाठक के कुछ फैसलों से शिक्षकों में तो नाराजगी थी, लेकिन विद्यालयों में पाठक कें खौफ से ही सही पठन पाठन का एक माहौल जरूर बन गया था. शिक्षक भी समय से स्कूल आने-जाने लगे थे. पाठक की इस कार्रवाई से छात्र और अभिभावक खुश थे. अब बिहार सरकार ने केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को मंजूरी दे दी है.

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