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कैसे पढ़ेगा लल्ला जब हो रहा इतना हल्ला, दिन रात बज रहे कानफोडू डीजे और साउंड सिस्टम

कोरबा। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाईस्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षा 1 मार्च से शुरू हो रही है। सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं, लेकिन इसके बाद भी डीजे पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। शादी समारोह में डीजे संचालक उच्च न्यायालय के नियमों का उल्लंघन करने से भी नहीं चूक रहे हैं। इन डीजे संचालकों को न तो पुलिस का भय सता रहा है और न ही प्रशासन के अधिकारियों का। इन दिनों शादी समारोह का सीजन चल रहा है। शादी समारोह के चलते शाम के 7 बजे से ही नगर के विभिन्न चौराहों के अलावा गार्डनों के नजदीक तेज आवाज में डीजे बजना शुरू हो जाते हैं।
शहर के लगभग सभी हिस्सों में डीजे, लाउड स्पीकर का शोर सुबह से रात तक ध्वनि प्रदूषण का कहर ढा रहा है। शोर से परेशान तो हर तबका है, लेकिन छात्र-छात्राओं की परीक्षा की तैयारी चौपट हो रही है। छात्रों की माने तो रात 8 से 1 बजे तक पढऩे का समय होता है, लेकिन रात 12 बजे तक डीजे बजते रहते हैं। आतिशबाजी भी होती है, जिससे पढ़ाई में बाधा पहुंचती है। एक ओर बच्चों की बोर्ड परीक्षा तो दूसरी ओर बज रहे डीजे, कानों के साथ दिमाग को भी प्रभावित कर रहे हैं। जिस परिवार में शादी समारोह का आयोजन होता है। वह समारोह के पूर्व ही अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति प्राप्त करते हैं। अनुविभागीय अधिकारी को दिए आवेदन में भी यह उल्लेख करते हैं कि कम आवाज में ही साउंड का उपयोग किया जाएगा। साथ ही अनुमति में भी यह उल्लेख रहता है कि कम आवाज में उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत ही साउंड का उपयोग कि या जाए। इसके बाद भी डीजे संचालक अधिक तेज गति से साउंड का उपयोग करते हैं। विद्यार्थियों की परीक्षा तैयारी में कोई खलल न पड़े इसके लिए, कोलाहल अधिनियम लागू किया गया है, लेकिन जिले में कानफोडू शोर पर किसी का जोर नहीं है। देर रात तक तेज आवाज में डीजे और लाउड स्पीकर बज रहे हैं। पुलिस द्वारा इक्का-दुक्का कार्रवाई जरूर की रही है, मगर कालोनी व मोहल्लों में जांच नहीं हो रही है। वर्तमान में शादी के कई मुहूर्त है। जिसके कारण बड़ी संख्या में शादियां हो रही हैं। इसके लिए सार्वजनिक भवनों, होटल व पार्टी हॉल के अलावा घर में शादी कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। साथ ही कई स्थानों में विभिन्न धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। इन आयोजनों में निर्धारित डिसेबल से अधिक आवाज में डीजे साउंड सिस्टम बजाए जा रहे हैं, जबकि बच्चों को परीक्षा के मददेनजर कोलाहल अधिनियम लागू है।
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मैरिज गार्डनों में समय के बाद भी बजते रहते हैं साउंड
शादी समारोह में द्वारचार की रस्म अदायगी के बाद मैरिज गार्डनों में देर रात तक खुलेआम तेज आवाज में साउंड का उपयोग होता रहता है। कभी-कभी तो रात के 2 बजे तक इन साउंडों पर युवा थिरकते रहते हैं, लेकिन मैरिज गार्डन के संचालक भी कि सी प्रकार की कोई रोक टोक नहीं करते और न ही प्रशासनिक अधिकारी।
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छात्र बोले-परीक्षाओं तक लगना चाहिए प्रतिबंध
10वीं और 12वीं की परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि जब तक उनकी परीक्षा नहीं हो जाती है, तब तक डीजे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए। छात्र-छात्राओं ने कहा कि तेज आवाज में डीजे का उपयोग होने के कारण वह अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं और पढ़ाई में लगातार व्यवधान पड़ रहा है।

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