महिलाएं क्या…पाकिस्तान में 2 महीने के बच्चे भी महफूज नहीं! यौन शोषण पर आई रिपोर्ट… – भारत संपर्क

0
महिलाएं क्या…पाकिस्तान में 2 महीने के बच्चे भी महफूज नहीं! यौन शोषण पर आई रिपोर्ट… – भारत संपर्क
महिलाएं क्या...पाकिस्तान में 2 महीने के बच्चे भी महफूज नहीं! यौन शोषण पर आई रिपोर्ट में खुलासा

सांकेतिक तस्वीर

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में कम उम्र के लड़के और लड़कियां न तो अपने घरों के अंदर महफूज है और न ही बाहर. जिस तरह के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं वो तो इसकी पुष्टि ही करते हैं. पाकिस्तान में साल 2023 में बाल शोषण के 4,213 मामले दर्ज किए गए. हर दिन औसतन 11 बच्चों के साथ शोषण होता है. बच्चे के लिए काम करने वाली एनजीओ साहिल ने इस रिपोर्ट को नेशनल कमिशन फॉर हियूमन राइट्स के साथ मिलकर तैयार किया है. रिपोर्ट का नाम है ‘क्रूएल नंबर्स 2023’.

इस रिपोर्ट में यौन शोषण, अपहरण, लापता बच्चों और बाल विवाह जैसे केसेस को शामिल किया गया है. जितने भी मामले दर्ज किए गए हैं उसमें से 56 फीसद लड़कियां हैं और 47 फीसदी लड़के यौन शोषण का शिकार हुए हैं. ज्यादातर शोषण 6 से 15 साल की उम्र के बच्चों के साथ हुए हैं. इस उम्र में लड़कियों की तुलना में लड़कों की संख्या ज्यादा है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक चौंकाने वाली बात यह है कि 0-5 साल की उम्र के बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं.

बच्चों के अपने ही करते हैं उनका शोषण!

हैरान करने वाली बात यह भी है कि बच्चों के परिचित ही यौन शोषण के पहले अपराधी है. इसमें रिश्तेदार, परिवार के सदस्य, अजनबी और उकसाने वाली महिलाएं शामिल हैं. पंजाब में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए. 75 फीसदी केसेस तो पंजाब में ही रिपोर्ट हुए हैं इसके बाद सिंध में 13 प्रतिशत, इस्लामाबाद में 7, खैबर पख्तूनख्वा में 3 प्रतिशत और बलूचिस्तान, जीबी में 2 फीसद है. कुल रिपोर्ट किए गए मामलों में से 91 प्रतिशत पुलिस के पास दर्ज किए गए थे जो यह दिखाता है कि पुलिस ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई. 2,021 बच्चे बाल यौन शोषण का शिकार हुए. चौंकाने वाली बात यह है कि यौन शोषण के बाद हत्या के 61 मामले, अपहरण के 1,833 मामले, लापता बच्चों के 330 मामले और बाल विवाह के 29 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 27 लड़कियां और 2 लड़के शामिल हैं.

ये भी पढ़ें

इस मुद्दे पर पाकिस्तान सरकार हाथ धरे बैठी है

दुर्व्यवहार के मामलों के अलावा, एनजीओ ने 18 वर्ष तक के बच्चों से जुड़ी घटनाओं की निगरानी की, जिन्हें चोट लगी या मौत हुई. निगरानी किए गए 2,184 मामलों में से, सबसे अधिक संख्या डूबने (694), दुर्घटनाएं (401), हत्या (286), यातना (121), चोटें (111), आत्महत्या (110), और बिजली के झटके से होने वाली मौतें (103) थीं. नेशनल कमिशन फॉर हियूमन राइट्स के अध्यक्ष राबिया जावेरी आगा ने बाल दुर्व्यवहार के मुद्दे पर चिंता जताई है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने अफसोस जताया है कि निराशाजनक आंकड़ों के बावजूद पाकिस्तान सरकार की तरफ से नेशनल एक्शन प्लान बनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Viral Video: बारात में बैटमैन की गाड़ी लेकर पहुंचा दूल्हा, एंट्री देख हिल गए घराती और…| *मूसलाधार बारिश के बीच छाता लेकर सड़क में धरने में बैठ गए बगीचा वासी,जशपुर…- भारत संपर्क| हुस्न का बिछाया ऐसा जाल, दिल दे बैठे दो युवक… फिर पहले निखत, फिर उर्वशी ब… – भारत संपर्क| Ganesh Chaturthi 2025: बेसन नहीं… गणेश चतुर्थी पर बनाएं मखाना और मूंग दाल के…| ईरान ने कहा- हमने कई देशों में वेपन फैक्ट्री बनाई, समय आने पर खुलासा करेंगे – भारत संपर्क