जिस देश ने कर रखा है अमेरिका यूके को परेशान, वहां 4 साल से सऊदी चला रहा ये स्पेशल… – भारत संपर्क

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जिस देश ने कर रखा है अमेरिका यूके को परेशान, वहां 4 साल से सऊदी चला रहा ये स्पेशल… – भारत संपर्क
जिस देश ने कर रखा है अमेरिका-यूके को परेशान, वहां 4 साल से सऊदी चला रहा ये स्पेशल 'सफाई अभियान'

2018 से चल रहा है सऊदी का मासाम प्रोजेक्ट

सऊदी अरब के प्रोजेक्ट मसाम (Masam) के तहत हूती लड़ाकों द्वारा बिछाई गई 669 माइन्स को नष्ट किया गया है. सऊदी प्रेस के मुताबिक इन माइन्स को 24 फरवरी से लेकर 1 मार्च के बीच नष्ट किया गया. किगंडम की ऐड एजेंसी KS रिलीफ की देखरेख में चल रहे इस प्रोजेक्ट की खास टीमों ने करीब 6 दिनों में गैर-विस्फोटित आयुध के 537 आइटम, 109 एंटी-टैंक खदानों और 23 एंटी-पर्सनल खदानों को नष्ट किया है.

यमन हूतियों ने देश के बड़े इलाके में बड़ी मात्रा में विस्फोटक बिछाए थे. जमीन में बिछे इन विस्फोटकों की वजह से बच्चों, महिलाओं समेत आम नागरिकों की जान को खतरा बना हुआ था. मसाम प्रोजेक्ट सऊदी किंग सलमान के कहने पर शुरू की गई कई पहलों में से एक है, इस पहल ने यमन के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने का रास्ता साफ किया है. खदानों को नष्ट करने की कार्रवाई मारिब, अदन, जौफ, शबवा, ताइज़, होदेइदाह, लाहिज, सना, अल-बायदा, अल-ढाले और सादा जैसे इलाकों में हुई.

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4 लाख से ऊपर विस्फोटक खदान हुई साफ

2018 में शुरू किए गए मसाम प्रोजेक्ट की मदद से अब तक करीब 434,002 खदानों को साफ किया जा चुका है. सऊदी मीडिया के मुताबिक इनमें 275,891 गैर-विस्फोटित माइन्स, 143,621 एंटी-टैंक माइन्स, 8,001 इमरजेंसी विस्फोटक डिवाइस और 6,489 एंटी-पर्सनल माइन्स शामिल हैं. इस पहल में यमन के स्थानीय इंजीनियर्स को ट्रेन किया जाता है और उनको मॉर्डन उपकरणों दिए जाते हैं. इसमें घायलों को मदद करने वाले डिवाइस भी शामिल हैं.

क्या है मसाम प्रोजेक्ट?

यमन में ग्रहयुद्ध की शुरुआत के बाद से करीब 5 मिलियन लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा, कुछ लोग ऐसे इलाकों में भी रह रहे हैं जहां का रास्ता हूती के बिछी हुई माइन्स से होकर जाता है. ऐसे में विस्थापित लोगों के लिए कोई भी मदद पहुंचाना खतरों से खाली नहीं है. मसाम की टीमों को नागरिकों की सुरक्षा, आवाजाही, स्कूल और मानवीय सहायता की डिलीवरी के लिए सफाई का काम सौंपा गया है. इस प्रोजेक्ट की अवधी पूरी होने के बाद जून 2023 में 3.29 मिलियन डॉलर की लागत से एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है.

यमन और सऊदी की सीमाएं मिलती-जुलती हैं. यमन की राजधानी समेत कुछ अन्य इलाकों पर ईरान समर्थित हूती संगठन ने कब्जा किया हुआ है. या यूं कहें कि यमन पर हूती के लड़ाके ही राज कर रहे हैं. हाल ही में हूती ने लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बनाकर पूरी दुनिया को बेचैन कर दिया. हालात इतने खराब हो गए कि अमेरिका और यूके जैसे देशों को हूती पर अटैक करना पड़ा क्योंकि सप्लाई चेन ठप पड़ रही थी. सऊदी और हूतियों के बीच भी छत्तीस के आंकड़े रहे हैं. हालांकि, गाजा में इजराइल के हमलों के बाद ईरान और सऊदी के बीच बर्फ पिघली है.

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