Women’s Day: भारत की इन महिलाओं ने बदल दी बिजनेस की दुनिया…- भारत संपर्क

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Women’s Day: भारत की इन महिलाओं ने बदल दी बिजनेस की दुनिया…- भारत संपर्क
Women's Day: भारत की इन महिलाओं ने बदल दी बिजनेस की दुनिया की तस्वीर, ऐसे बनीं बड़ा नाम

भारत की इन महिलाओं ने बदल दी बिजनेस की दुनिया की तस्वीर, ऐसे बनाया नाम

आज दुनियाभर में महिला दिवस मनाया जा रहा है. आज की महिलाएं हर क्षेत्र में काफी आगे निकल गई हैं. बात फिर चाहें राजनीति की हो, साइंस हो या फिर बिजनेस सेक्टर की हर जगह देश की सैकड़ों महिलाओं ने अपनी मेहनत के बल पर नाम हासिल किया है. बिजनेस सेक्टर में सावित्री जिंदल से लेकर वंदना लूथरा और किरण मजूमदार तक भारत की महिलाओं ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली हैं. इनमे कई ऐसी भारतीय महिलाएं भी हैं जो वर्ल्ड की टॉप ब्रांड की आज सीईओ हैं. तो आइए आपको आपको ऐसी ही 5 महिलाओं से मिलाते हैं जो आज बिजनेस वर्ल्ड में बड़ा नाम बन चुकी हैं.

वंदना लूथरा

वंदना लूथरा आज देश की सबसे बड़े और प्रतिष्ठित भारतीय उद्यमियों में से एक हैं. वह वीएलसीसी हेल्थ केयर लिमिटेड की संस्थापक और ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल एंड काउंसिल (B & WSSP) की चेयरपर्सन भी हैं. उन्हें पहली बार 2014 में इस क्षेत्र की अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. यह भारत सरकार का एक उपक्रम है जो सौंदर्य उद्योग के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है. 50 पावर बिजनेस वुमेन के फोर्ब्स एशिया की सूची में लूथरा को 26वां स्थान दिया गया. इनके द्वारा स्थापित वीएलसीसी देश के सर्वश्रेष्ठ सौंदर्य और कल्याण सेवा उद्योगों में से एक है. यह आज दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, जीसीसी क्षेत्र और पूर्वी अफ्रीका में 13 देशों के 153 शहरों में 326 स्थानों पर इसका संचालन और संचालन हो रहा है.

किरण मजूमदार शॉ

ये एक भारतीय उद्यमी और आईआईएम-बैंगलोर की संस्थापक और अध्यक्ष हैं साथ ही बायोटेक्नोलॉजी कंपनी बायोकॉन लिमिटेड की चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हैं. यह कंपनी देश की मशहूर फार्मास्यूटिकल कंपनी है. वर्ष 2014 में, उन्हें विज्ञान और रसायन विज्ञान की प्रगति में उत्कृष्ट योगदान के लिए ओथम गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. वह फाइनेंशियल टाइम्स की शीर्ष 50 महिलाओं की व्यवसाय सूची में हैं. बैंगलोर में जन्मी शॉ ने माउंट कैरामेल कॉलेज, बैंगलोर विश्वविद्यालय से जूलॉजी में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और फिर बालर्ट कॉलेज, मेलबर्न विश्वविद्यालय से मेल्टिंग एंड ब्रीयुइंग से पोस्ट ग्रेजुएशन किया.

किरण मजूमदार शॉ ने वर्ष 1978 में बैंगलोर में अपने किराये के मकान के गेराज में बायोकॉन की स्थापना की. शुरुआत में इस कंपनी ने पैसों की कमी, योग्य श्रमिकों के अभाव और ऐसी अन्य बहुत-सी बाधाओं का सामना किया और इनसे संघर्ष करते हुए यहां तक पहुंची.

नैना लाल किदवई

भारत की सबसे मशहुर ऑर सफल महिलाओं में नैना लाल किदवई भी शामिल हैं. नैना लाल किदवई पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और एचएसबीसी बैंक की भारत में प्रमुख रह चुकी हैं. वे फिक्की की अध्यक्ष भी हैं. साथ ही, वे कई बैंकों के अहम पदों पर रह चुकी हैं. वे पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने किसी विदेशी बैंक का भारत में संचालन किया. नैना ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन करने के बाद हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया. नैना लाल किदवई ने अपने जीवन में कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया है.

वे एएनजी ग्रिंडलेस में इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की प्रमुख रहीं, जेएम मॉर्गन स्टैनले की उपाध्यक्ष, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में ग्लोबल एडवाइजर, नेस्ले एसए की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया आदि सहित कई अन्य पदों पर उन्होंने सफलतापूर्वक कार्य किया.

सुचि

सुचि LimeRoad की फाउंडर और सीईओ हैं. उन्हें लाइमरोड का विचार तब आया था, जब वो अपने मातृत्व अवकाश पर थी. उन्होंने 2012 में कुछ लोगों के साथ मिलकर इस कंपनी की नींव रखी. लाइमरोड में अब निफ्ट-डिज़ाइन गीक्स के लिए 200+ IIT-techies की एक मजबूत टीम है. इय कंपनी के सकल व्यापारिक मूल्य अब उनके लॉन्च के बाद से बड़े पैमाने पर 600% बढ़ गए हैं. फिर भी, सुचि और उसके सहयोगियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि एक मजबूत टीम बनाने के लिए सही लोगों की तलाश करना, जिसमें स्किल और इच्छाशक्ति का संयोजन हो, सही तरह का बुनियादी ढांचा प्राप्त करना. आज पेशेवर रूप से प्रशिक्षित विक्रेताओं के लिए मौजूदा इको-सिस्टम एक कठिन काम है. लेकिन जैसा कि उसने जो सपना देखा था उसे हासिल करने के लिए दृढ़ थी, कुछ भी उसे वापस नहीं पकड़ सकता था.

इंद्रा नूई

भारतीय मूल की अमेरिकी इंद्रा नूई कोई अनजान शख्सियत नहीं हैं. जब भी पावरफुल और कामयाब महिलाओं की बात चलती है तो इंद्रा नूई का नाम भी सामने आता है. वह पेप्सिको की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुकी हैं. इंद्रा नूई को यह कामयाबी यूं ही नहीं मिल गई. इस कामयाबी के पीछे है उनकी कड़ी मेहनत और लगन है. इंद्रा नूई ने पेप्सी को जॉइन करने से पहले मोटोरोला और एशिया ब्राउन बॉवेरी जॉनसन एंड जॉनसन जैसे कई कंपनियों में सीनियर पदों पर काम किया. नूई वर्ष 2001 पेप्सी की अध्यक्ष बनीं.

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