प्रोविडेंट फंड क्लेम का गड़बड़झाला, 3 में से 1 क्लेम क्यों…- भारत संपर्क

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प्रोविडेंट फंड क्लेम का गड़बड़झाला, 3 में से 1 क्लेम क्यों…- भारत संपर्क
प्रोविडेंट फंड क्लेम का गड़बड़झाला, 3 में से 1 क्लेम क्यों हो रहा है रिजेक्ट?

प्रोविडेंट फंड क्लेम का गड़बड़झाला, 3 से 1 क्लेम क्यों हो रहा है रिजेक्ट?

PF के फाइनल सेटलमेंट क्लेम के रिजेक्ट होने की दर पिछले पांच साल में 13 फीसद से बढ़कर 34 फीसद पर पहुंच गई है. यानी तीन में से एक क्लेम रिजेक्ट हो रहा है. EPFO के आंकड़ों के अनुसार साल 2022-23 में PF फाइनल सेटलमेंट के कुल 73 लाख 87 हजार क्लेम आए…इनमें से करीब 34 फीसद यानी 24 लाख 93 हजार क्लेम रिजेक्ट हो गए. जब आप PF खाते से पैसे निकालने के लिए क्लेम करते हैं तो उसमें आवेदक का नाम, UAN, EPFO में शामिल होने की तारीख, बैंक खाता, KYC से जुड़े डॉक्यूमेंट का ब्योरा मांगा जाता है. इनमें से जब कोई जानकारी EPFO में दर्ज ब्योरे से मेल नहीं खाती तो आपका क्लेम खारिज हो जाता है. आखिर वो कौन-कौन से कारण हैं जब आपका PF क्लेम रिजेक्ट हो जाता है? क्लेम रिजेक्ट होने से कैसे बचें? आइए समझते हैं…

ऑनलाइन प्रोसेसिंग के चलते बढ़ा आंकड़ा

ईपीएफओ (EPFO) अधिकारियों के मुताबिक, क्लेम रिजेक्ट होने का आंकड़ा ऑनलाइन प्रोसेसिंग के चलते बढ़ा है. पहले कंपनी इस क्लेम के दस्तावेज की जांच करती थी. इसके बाद यह ईपीएफओ के पास आता था. मगर, अब इसे आधार से जोड़ दिया गया है. साथ ही यूनिवर्सल अकाउंट नंबर भी जारी कर दिए गए हैं. अब लगभग 99 फीसदी क्लेम ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ही हो रहे हैं.

24.93 लाख क्लेम रिजेक्ट कर दिए गए

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 73.87 लाख फाइनल पीएफ क्लेम सेटेलमेंट मिले. इनमें से 24.93 लाख क्लेम रिजेक्ट कर दिए गए, जो कि कुल क्लेम का 33.8 फीसदी हैं. वित्त वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 13 फीसदी और 2018-19 में 18.2 फीसदी रहा था. वित्त वर्ष 2019-20 में रिजेक्शन रेट 24.1 फीसदी, 2020-21 में 30.8 फीसदी और 2021-22 में 35.2 फीसदी रहा था.

छोटी-छोटी गलतियां पड़ रहीं भारी

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रिजेक्शन रेट बढ़ने का यह मसला ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में कई बार उठाया जा चुका है. पहले ईपीएफओ की हेल्प डेस्क कर्मचारी की एप्लीकेशन में सुधार दिया करती थी. यह बहुत छोटी-छोटी गलतियां होती हैं. किसी की स्पेलिंग गलत तो कहीं एक-दो नंबर गलत होने पर ही क्लेम रिजेक्ट हो जा रहा है. अब यह काम ऑनलाइन हो जाने के चलते क्लेम रिजेक्शन रेट बढ़ रहा है. इसे ईपीएफओ सब्सक्राइबर को बहुत समस्या हो रही है.

सेवाओं में सुधार करती रहेगी ईपीएफओ

ईपीएफओ के पास लगभग 29 करोड़ सब्सक्राइबर हैं. इनमें से 6.8 करोड़ एक्टिव सब्सक्राइबर हैं. ईपीएफओ ने कहा है कि वह सब्सक्राइबर के हित में काम कर रही है. इसके लिए सेवाओं में सुधार होता रहता है. हमने क्लेम फाइलिंग को भी आसान बनाया है. साथ ही लगभग 99 फीसदी क्लेम सेटल किए हैं.

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