Explainer: क्या सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत बनेगा वर्ल्ड…- भारत संपर्क

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Explainer: क्या सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत बनेगा वर्ल्ड…- भारत संपर्क
Explainer: क्या सेमीकंडक्टर सेक्टर में भारत बनेगा वर्ल्ड लीडर? ऐसे तैयार हो रहा प्लान

सेमीकंडक्टर में दुनिया को चुनौती देगा भारतImage Credit source: Representative Photo

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर सेक्टर में 3 बड़ी परियोजनाओं को हाल में ही मंजूरी दी है. इसमें भी दो प्रोजेक्ट्स भारत के सबसे बड़े कारोबारी घरानों में से एक टाटा ग्रुप के हैं. इन सभी प्रोजेक्ट्स पर अगले 3 महीनों में काम भी शुरू हो जाएगा. इसी के साथ भारत सेमीकंडक्टर सेक्टर में वर्ल्ड लीडर बनने की अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है. अभी इस सेक्टर में चीन का दबदबा है, लेकिन भारत की कोशिश ना सिर्फ अपनी घरेलू जरूरतों को बल्कि एक्सपोर्ट जरूरतों को इंडिया से पूरा करने की है. चलिए समझते हैं इसका पूरा गणित…

सबसे पहले जान लेते हैं कि केंद्र सरकार ने जिन 3 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, उनमें सीजी पावर जापान की रेनेसस इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात में एक सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएगी. जबकि टाटा सेमीकंडक्टर एसेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड असम के मोरीगांव में और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग कॉर्प के साथ मिलकर गुजरात में एक प्लांट लगाएगी .

सरकार का अनुमान है कि इन तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स में कुल 1.26 लाख करोड़ रुपए के निवेश आएगा. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड गुजरात के धोलेरा प्लांट पर करीब 91,000 करोड़ रुपए , टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड असम में 27,000 करोड़ रुपए, जबकि सीजी पावर गुजरात के साणंद में 7,600 करोड़ रुपए का निवेश करेगी.

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किस इंडस्ट्री में काम आएगा सेमीकंडक्टर?

भारत की आबादी 140 करोड़ के आसपास है. ऐसे में उसकी मोबाइल, टेलीविजन, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर अन्य डिजिटल डिवाइस की डिमांड भी काफी है. भारत इस समय दुनिया के सबसे बड़े कंज्यूमर प्रोडक्ट मार्केट में से एक है. 5जी और 6जी के बाद जहां देश में कनेक्टिविटी और बढ़ने से ऐसे प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ेगी, वहीं इनकी इंडस्ट्रियल डिमांड भी हैं.

इतना ही नहीं कार इंडस्ट्री से लेकर मेडिकल डायग्नॉस्टिक इक्विमेंट सेगमेंट तक में इसका इस्तेमाल होता है. इस समय भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर भी फोकस कर रहा है, जिसके लिए भी उसे सेमीकंडक्टर्स की बड़े पैमाने पर जरूरत है.

भारत ने बनाया तगड़ा प्लान

भारत ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ‘मॉडिफाइड सेमीकॉन इंडिया प्रोग्राम’ भी तैयार किया है. ये सरकार की पीएलआई स्कीम से आगे की योजना है. पीएलआई और सेमीकॉन दोनों को मिलाकर भारत अपने ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है.

अभी सिर्फ 3 कंपनियों के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है. वहीं सेमीकॉन प्रोग्राम के तहत सरकार सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को विशेष सुविधा दे रही है. इसमें अगर कोई कंपनी, कंपनी समूह या जॉइंट वेंचर देश के अंदर कितने भी नोड की सेमीकंडक्टर फैसिलिटी लगाती है, तो सरकार की ओर से उसे लागत के 50 प्रतिशत के बराबर की राजकोषीय मदद दी जाएगी. इसी तरह का इंसेंटिव डिस्प्ले फैक्टरी लगाने के लिए भी मिलेगा.

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