Crime GPT: क्रिमिनल्स का काला चिट्ठा खोलकर रख देगा ये AI प्रोग्राम, UP Police को… – भारत संपर्क

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Crime GPT: क्रिमिनल्स का काला चिट्ठा खोलकर रख देगा ये AI प्रोग्राम, UP Police को… – भारत संपर्क
Crime GPT: क्रिमिनल्स का काला-चिट्ठा खोलकर रख देगा ये AI प्रोग्राम, UP Police को आया पसंद

UP पुलिस के DGP प्रशांत कुमार ने Trinetra 2.0 का शुभारंभ किया.Image Credit source: facebook.com/uppolice

Crime GPT Tool: अपराधियों की धरपकड़ और पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभा सकती है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने क्रिमिनल्स को पकड़ने के लिए AI का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने Crime GPT से लैस Trinetra 2.0 एआई टूल लॉन्च किया है. इस तकनीक को Staqu टेक्नोलॉजी द्वारा बनाया गया है. इससे पुलिस को अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाने में काफी मदद मिलेगी.

क्राइम जीपीटी कंपनी का सबसे नई एआई पावर्ड टेक्नोलॉजी है. इसे उत्तर प्रदेश पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मिलकर तैयार किया गया है. राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में इससे काफी मदद मिल सकती है. क्राइम जीपीटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ताकत का इस्तेमाल करके काम करता है. इससे कम समय में अपराधियों की शिनाख्त करने में आसानी होगी.

ऐसे खुलेगा अपराधियों का काला चिट्ठा

क्राइम जीपीटी लिखने और बोलने पर क्रिमिनल डेटाबस का इस्तेमाल करके रिजल्ट जारी करता है. मान लीजिए किसी अपराधी ने पिछले दो साल में किन अपराधों को अंजाम दिया है, इसकी जानकारी जुटाने के लिए लिखकर और बोलकर सर्च किया जा सकता है.

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डेटाबेस से जुड़ने पर एआई प्रोग्राम को तुरंत रिजल्ट मिल जाते हैं. इसमें क्रिमिनल गैंग का एनालिसिस, स्पीकर आइडेंटिफिकेशन, वॉइस रिकॉग्निशन, फेशियल रिकॉग्निशन समेत कई चीजें शामिल हैं.

चेहरा पहचानकर अपराधियों धरपकड़

कंपनी पहले से त्रिनेत्र एप्लिकेशन चला रही है. अब क्राइम जीपीटी फीचर मिलने से इसे और मजबूती मिली है. अपराधियों की पहचान करने, निगरानी करने और जानकारी सेव करने के लिए फेशियल रिकॉग्निशन और सुनाई देने वाले सिग्नल का इस्तेमाल क्रिमिनल्स को ट्रैक करने और पकड़ने को आसान बनाता है.

Staqu पहला इंडियन स्टार्टअप है जिसने यूपी पुलिस के साथ मिलकर 9 लाख से ज्यादा अपराधियों का डेटा डिजिटाइजड किया है.

उत्तर प्रदेश पुलिस पिछले कुछ सालों से त्रिनेत्र का इस्तेमाल कर रही है. राज्य की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने में इसका बड़ा असर देखा गया है. इससे ना केवल जनता को सुरक्षित माहौल दिलाने में मदद मिली, बल्कि समय रहते पुलिस पूरी सतर्कता के साथ कानून व्यवस्था को संभाले रखा. यूपी पुलिस ने गर्वनेंस को डिजिटल रूप देकर लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के लिए आधारशिला रखी है.

त्रिनेत्र 2.0 की खूबियां

  • पुलिस फेशियल रिकॉग्निशन फीचर का इस्तेमाल कर पाएगी. इससे अपराधी का फोटो सर्च करके जानकारी हासिल की सकती है.
  • ऑडियो सर्च सुविधा के साथ त्रिनेत्र 2.0 में अपराधी को उसकी आवाज के जरिए पहचाना जा सकता है.
  • एडवांस गैंग एनॉलिसिस से कुछ ही सेकेंड में हर अपराधी और उससे संबंधित दूसरे अपराधियों की पुरी कुंडली निकल जाएगी.
  • थाने में जो सामान सीज किया जाता है, उसकी डिटेल QR कोड में दर्ज की जा सकती है. ये क्यूआर कोड स्कैन करते ही जब्त सामान की सारी जानकारी मिल जाएगी.
  • त्रिनेत्र 2.0 से लापता लोगों को खोजने में भी मदद मिलेगी. इसका फोटोग्राफ और फेशियल रिकॉग्निशन फीचर गुमशुदा लोगों की तलाश करने में मदद करेगा.

क्राइम जीपीटी एक एआई बेस्ड प्लेटफॉर्म है जो तेजी से इंफॉर्मेंशन देकर आपराधिक मामलों की चल रही जांच में तेजी लाएगा. इससे कई लॉ एनफोर्समेंट सेंटर के बीच डेटा इकट्ठा करने में मदद मिलेगी. Staqu देश के 9 राज्यों में सिक्योरिटी सर्विस देती है, जिसमें से एक यूपी पुलिस (स्पेशल टास्क फोर्स) है.

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