अब सिर्फ तेल पर निर्भर नहीं रहा सऊदी अरब, जानें कैसे आ रहा इतना बड़ा बदलाव | non oil… – भारत संपर्क

किसी वक्त में अपने तेल और कट्टर कानून को लेकर पहचान रखने वाला सऊदी अरब अब तेजी से बदल रहा है. तेल पर निर्भर रहने वाला ये देश अब टूरिज्म, आर्ट-एंटरटेनमेंट और प्राइवेट सेक्टर से भी मोटी कमाई कर रहा है. देश की इकॉनोमिक एंड प्लानिंग मिनिस्ट्री के मुताबिक साल 2023 में सऊदी अरब की GDP (Gross Domestic Product) में नॉन-ऑइल एक्टिविटी ने 50 फीसदी का योगदान दिया है, ये अब तक की उच्चतम दर है.
गैर-तेल आर्थिक गतिविधि में ये तेजी निवेश, उपभोग और निर्यात में निरंतर वृद्धि की सरकार की कोशिशों की वजह से देखने मिली है. बता दें सऊदी अरब की नॉन-ऑइल इकॉनोमी कुल $453 बिलियन हो गई है. इसके अलावा पिछले दो सालों में गैर-सरकारी निवेश में 57 फीसदी की तेजी देखी गई है. इसके साथ ही 2023 में इसकी वैल्यू 255 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. GDP में गैर तेल उत्पाद की बढ़ती हिस्सेदारी सऊदी क्राऊन प्रिंस के विजन 2030 का प्रमुख लक्ष्य है.
किस सेक्टर ने ज्यादा दिया योगदान?
नॉन-ऑयल एक्टिविटी की ग्रोथ में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी कला और मनोरंजन की है. ये सेक्टर 2021-22 से बढ़कर 2023 में दोगुना हो गया है. इसके अलावा पर्यटन में भी चौकाने वाली वृद्धि देखने मिली है. नॉन-ऑयल एक्टिविटी में आई इस तेजी से मालूम होता है कि सऊदी सरकार अपने विजन 2030 को लेकर बहुत गंभीरता से आगे बढ़ रही है.
ये भी पढ़ें
समाजिक सेवाएं भी नहीं पीछे
सऊदी अरब की समाजिक सेवाओं में खूब तरक्की हुई है और देश की तेल से निर्भरता कम करने में इनका भी अहम योगदान है. देश की समाजिक सेवाओं में कुल 10.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें ट्रांसपोर्ट एंड कम्यूनिकेशन में 3.7 फीसद और रेसरेस्तरां और होटलों में 7 फीसद की बढ़त दर्ज की गई.
क्या है विजन 2030?
विजन 2030 सऊदी क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसमें तेल से देश की निर्भरता खत्म करने के साथ-साथ सऊदी को एक रुणिवादी इस्लामिक राष्ट्र से मॉर्डन इस्लीमिक देश बनाना शामिल है. जिसको लेकर सऊदी प्रिंस ने देश के कानून में भी कई बदलाव किए हैं.