50 लाख पर भुखमरी का संकट, 7 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार, इस देश पर कैसी आफत?… – भारत संपर्क


सूडान में भयानक भूखमरी का संकट
सूडान पिछले साल से चल रहे युद्ध के चलते भयानक संकट का सामना कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि युद्ध के बीच सूडान में 50 लाख लोग भयानक भूख का शिकार हो सकते हैं और देश भुखमरी और अकाल की ओर बढ़ सकता है. संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख का कहना है कि 730,000 सूडानी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि आने वाले महीनों में सूडान में लगभग 5 मिलियन लोगों को भयानक भुखमरी का सामना करने का खतरा है.
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNITED SECURITY COUNCIL) को एक नोट में, संयुक्त राष्ट्र सहायता (UN AID) प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने बताया कि सूडान में चल रहे गृहयुद्ध (CIVIL WAR) के कारण देश की पैदावार पर काफी असर पड़ा, लोगों के काम-काज, आजीविका भी इससे काफी प्रभावित हुई है, लोगों को व्यापार में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, देश में महंगाई बढ़ रही है, साथ ही देश में चल रहे युद्ध की वजह से लाखों लोग देश छोड़ने को मजबूर हैं, जिन सब की वजह से सूडान में भुखमरी का स्तर बढ़ रहा है.
730,000 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार
ग्रिफिथ्स ने लिखा, “तत्काल मानवीय सहायता और बुनियादी चीजों के बिना आने वाले महीनों में देश के कुछ हिस्सों में लगभग 5 मिलियन लोग भयानक भूख का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि संभावना है कि सुरक्षा बिगड़ने की वजह से पश्चिम और मध्य दारफुर में कुछ लोगों को अकाल का सामना करना पड़ेगा. ग्रिफिथ्स ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पार्टियों को अब युद्ध को रोक देना चाहिए और नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि लगभग 730,000 सूडानी बच्चे – जिनमें दारफुर में 240,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं, गंभीर कुपोषण का शिकार हैं.
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युद्ध की वजह
15 अप्रैल 2023 को सूडानी सशस्त्र बल (Sudanese armed force)(एसएएफ) प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान और उनके पूर्व डिप्टी मोहम्मद हमदान डागलो, अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (Rapid Support Forces)(आरएसएफ) के कमांडर के बीच सत्ता और ताकत को लेकर जंग छिड़ गई थी. जिस के बाद देश में युद्ध शुरू होने से सूडान में हजारों लोग मारे गए. लगभग 8.3 मिलियन लोग देश से विस्थापित हो गए हैं, कई लोग पड़ोसी देश चाड और दक्षिण सूडान में रहने को मजबूर हो गए हैं.
युद्धविराम खारिज
वहीं चिंता की बात ये है कि देश में युद्ध विराम की कोई स्थिति नजर नहीं आरही है. पिछले हफ्ते, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुस्लिमों के पवित्र महीने रमज़ान की शुरुआत के बाद युद्धविराम का आह्वान किया था. लेकिन एसएएफ ने युद्धविराम को खारिज कर दिया और कहा कि वो हमले तभी रोकेगा जब आरएसएफ उस जगह से हट जाएगा जिस पर उसका अब नियंत्रण है. बता दें, 12 मार्च को, एसएएफ ने सूडान के दूसरे सबसे बड़े शहर ओमडुरमैन में राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन भवन पर कब्जा कर लिया. ग्रिफिथ्स का कहना हैं कि, देश के 50 मिलियन लोगों में से आधे को मदद की जरूरत हैं और वहीं 18 मिलियन लोग अकाल की राह पर हैं.