ये पिंक टैक्स क्या बला है? फार्मा कंपनी की चेयरमैन के एक…- भारत संपर्क
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें एक व्यक्ति पिंक टैक्स के बारे में बताता हुआ दिख रहा है. वह बताता है कि कैसे पिंक टैक्स लगने के बाद उस प्रोडक्ट की कीमत बढ़ जाती है, औरतों को पिंक टैक्स के चलते फेयर प्राइज से अधिक रकम अदा करनी पड़ती है. इस वीडियो को अब फार्मा कंपनी की चेयरमैन किरण मजूमदार शॉ ने शेयर किया है. अब उसपर लोगों का रिएक्शन भी आना शुरू हो गया है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि ये पिंक टैक्स क्या है और सरकार इसे क्यों लगाती है?
वीडियो में क्या है मुद्दा?
फार्मा कंपनी की चेयरमैन द्वारा शेयर किए गए वीडियो में व्यक्ति कहता है कि एक ही तरह के रेजर पर पुरुष 70 रुपए तो महिलाएं 80 रुपए का भुगतान करती हैं. यही हाल डियॉडरेंट का है, जिसके लिए पुरुष 105 रुपए तो महिलाएं 115 रुपए पे करती हैं. वीडियो में मौजूद व्यक्ति का नाम संजय अरोड़ा है. अभी तक उस वीडियो को लाखों में लोग देख चुके हैं और कमेंट की संख्या भी हजार पार कर चुकी है.
क्या होता है पिंक टैक्स?
ये पिंक टैक्स देश भर में जेंडर के हिसाब से टैक्स के रूप में वसूला जाता है. खासकर तब जब कोई प्रोडक्ट्स महिलाओं के लिए डिजाइन किया गया हो. इसके साथ ही कंपनी परफ्यूम, पेन, बैग और कपड़े इन सबके लिए भी महिलाओं से ज्यादा वसूलती है. भारत में महिलाओं को प्रोडक्ट्स की कीमत से ज्यादा ये पिंक टैक्स चुकाना होता है. एग्जांपल के तौर पर देखा जाए, तो कई जगहों पर जैसे कि सैलून में महिलाओं से आदमियों की तुलना में ज्यादा वसूला जाता है. वहीं महिलाओं के पर्सनल केयर जैसे कि बॉडी वॉश, साबुन, क्रीम आदमियों की तुलना में महंगे होते हैं. वहीं महिलाओं को बाल कटवाने के लिए पुरुषों की तुलना में ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ते हैं.
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क्यों लगता है ये टैक्स?
इसके पीछे वजह ये मानी जाती है कि महिलाएं बहुत ज्यादा प्राइज सेंसिटिव होती हैं. अगर उन्हें प्रोडक्ट्स पसंद आ जाए और उसकी जितनी कॉस्ट होती है, महिलाएं उसे कम कराने की बजाय उतने में ही खरीद लेती हैं. यहीं वजह है कि कंपनियां महिलाओं से ज्यादा पैसा वसूलती हैं. ये कंपनियों की अब मार्केटिंग स्ट्रैटजी बन गई है. जिससे कम्पनियां महिलाओं से ज्यादा टैक्स लेती हैं जिससे उनकी कमाई कई गुना बढ़ जाती है. बता दें कि यह पैसा सरकार नहीं वसूलती है.