ऐसे नहीं भारत बन रहा ग्लोबल सुपर पावर, अमेरिकी रिपोर्ट में…- भारत संपर्क
भारत तेजी से कर रहा विकास
भारत हर रोज तरक्की का नया अध्याय लिख रहा है. देश और दुनिया में इंडिया की जयजयकार हो रही है. अब अमेरिका ने भी भारत का लोहा मान लिया है. मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि निवेश के दम पर आगे बढ़ रही भारत की मौजूदा आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 2003-07 जैसी लग रही है. उस समय आर्थिक वृद्धि दर औसतन आठ प्रतिशत से अधिक थी.
मॉर्गन स्टेनली को याद आया ये इंडिया
मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट द व्यूपॉइंट: इंडिया – व्हाई दिस फील लाइक 2003-07 में कहा कि एक दशक तक जीडीपी के मुकाबले निवेश में लगातार गिरावट के बाद अब भारत में कैपिटल एक्सपेंडिचर वृद्धि के प्रमुख चालक के रूप में उभरा है. रिपोर्ट के मुताबिक, हमें लगता है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर चक्र के लिए पर्याप्त गुंजाइश है और इसलिए वर्तमान तेजी 2003-07 के समान है. मॉर्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वर्तमान तेजी खपत की तुलना में निवेश बढ़ने के चलते है.
टूटा ये रिकॉर्ड
शुरुआत में इसे सार्वजनिक कैपिटल एक्सपेंडिचर से समर्थन मिला, लेकिन निजी कैपिटल एक्सपेंडिचर में भी वृद्धि हो रही है. इसी तरह खपत को पहले शहरी उपभोक्ताओं ने सहारा दिया और बाद में ग्रामीण मांग भी बढ़ी. वैश्विक निर्यात में बाजार हिस्सेदारी बढ़ने और व्यापक आर्थिक स्थिरता से भी अर्थव्यवस्था को समर्थन मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि मौजूदा तेजी जीडीपी के मुकाबले निवेश बढ़ने के चलते है. इसी तरह के वृद्धि चक्र में 2003-07 के दौरान जीडीपी के मुकाबले निवेश 27 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत हो गया था.
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ऐसे बदला इंडिया
जीडीपी के मुकाबले निवेश 2011 तक अपने उच्चस्तर पर था, जिसके बाद इसमें गिरावट आई. यह गिरावट 2011 से 2021 तक देखने को मिली, हालांकि उसके बाद स्थिति बदलने लगी और अब जीडीपी के मुकाबले निवेश 34 प्रतिशत तक पहुंच गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2026-27 तक इसके 36 प्रतिशत होने का अनुमान है.