अमेरिका, चीन रह गए सब पीछे…सबसे खुशहाल देश बना ये मुल्क, जानें कैसे मिलता है ये… – भारत संपर्क


वर्ल्ड हैप्पीनेस देशों की लिस्ट में टॉप पर फिनलैंड
अमेरिका, चीन जैसे देश भले ही कितने ताकतवर हों लेकिन इस एक मामले में वो अभी भी काफी पीछे हैं. और वो है खुशहाली. ये बात एक बार फिर से साबित हो गई है पैसा और पावर आपको खुशहाल नहीं बनाता है. फिनलैंड ने चीन और अमेरिका को पछाड़ते हुए एक बार फिर से ऊंचा मकाम हासिल किया है. फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है. वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फिनलैंड को सबसे खुशहाल देश बताया गया है.
बुधवार को जारी की गई वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश हैं. खास बात ये है कि फिनलैंड को लगातार सातवें साल ये मुकाम हासिल हुआ है. खुशहाली में उसने बड़े-बड़े देशों को पछाड़ा है. और नॉर्डिक देशों ने 10 सबसे खुशहाल देशों में अपना स्थान बनाए रखा. डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन जैसे देश में इसमें शामिल हैं.
खुशहाल देशों में अमेरिका और जर्मनी शामिल नहीं
2020 में तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद से मानवीय तबाही से त्रस्त अफगानिस्तान वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में शामिल 143 देशों में सबसे निचले पायदान पर रहा. वहीं ये पहला मौका है जब संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी जैसे बड़े देश 20 सबसे खुशहाल देशों में शामिल नहीं हैं. सर्वे में अमेरिका को 23 वां स्थान मिला है जबकि 24वें स्थान पर जर्मनी है. वहीं कोस्टा रिका और कुवैत 20 सबसे खुशहाल देशों में शामिल हैं. कोस्टा रिका 12वें स्थान पर है और कुवैत 13वें स्थान के साथ टॉप 20 देशों में शामिल हुआ है.
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दुनिया के बड़े देश शामिल नहीं लिस्ट में नहीं
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि सबसे खुशहाल देशों में अब दुनिया का कोई भी सबसे बड़ा देश शामिल नहीं है. टॉप 10 देशों में सिर्फ नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या 15 मिलियन से ज्यादा है. इसके साथ ही टॉप 20 देशों में कनाडा और यूके की जनसंख्या 30 मिलियन से ज्यादा है. 2006-10 के बाद से खुशहाली में सबसे तेज गिरावट अफगानिस्तान, लेबनान और जॉर्डन में देखी गई है. वहीं पूर्वी यूरोपीय देशों सर्बिया, बुल्गारिया और लातविया में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है.
पुरानी पीढ़ी अब युवाओं की तुलना में ज्यादा खुश
आपको बता दें कि हैप्पीनेस रैंकिंग लोगों के जीवन संतुष्टि के उनके मूल्यांकन के साथ-साथ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार पर आधारित होती है. रिपोर्ट में उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2006-10 के बाद से 30 साल से कम उम्र के लोगों के बीच खुशी में गिरावट आई है. वहीं पुरानी पीढ़ी अब युवाओं की तुलना में अधिक खुश है.