पार्टनर की ऑनलाइन जासूसी करने में भारत तीसरे नंबर पर, खुद को कैसे बचाएं? | digital… – भारत संपर्क


प्रतीकात्मक तस्वीर
तेजी से जुड़ती दुनिया में डिजिटल वॉयलेंस और स्टॉकरवेयर ऐप के इस्तेमाल में बढ़ोतरी से टेक्नोलॉजी का काला पक्ष सामने आ रहा है. रूसी साइबर सिक्योरिटी फर्म कास्परस्की ने इस मामले पर अपनी नई रिपोर्ट जारी की. इसका नाम ‘2023 में स्टॉकरवेयर की स्थिति’ है. रिपोर्ट में भारत तीसरे स्थान पर है.
रिपोर्ट एक गंभीर तस्वीर पेश करती है, जिसमें खुलासा किया गया है कि दुनिया भर में 31,031 मोबाइल यूजर्स स्टॉकरवेयर ऐप का शिकार हुए. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में सर्वे में शामिल 40 प्रतिशत व्यक्तियों ने कहा कि वे ऑनलाइन छेड़छाड़ का शिकार हो चुके हैं. बता दें कि डिजिटल वॉयलेंस दुनिया में नया ट्रेंड है, जिसमें महिलाओं को शारीरिक, मनोवैज्ञानिक या सामाजिक नुकसान पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है.
वहीं, स्टॉकरवेयर ऐप को एंटी थेफ्ट अप, पैरेंटल कंट्रोल ऐप या किसी अन्य ऐप के जरिए फोन में छिपाकर इंस्टाल किया जाता है. इसके जरिए वे फोन के नोटिफिकेशन, लोकेशन, फोटो, कैमरे स्क्रीनशॉट, एसएमएस, कैलैंडर और सोशल मीडिया खाते की निगरानी करते हैं.
रिपोर्ट से पता चलता है कि स्टॉकरवेयर पीड़ितों में साल-दर-साल 5.8% की वृद्धि हुई है, जिसमें रूस (9,890), ब्राजील (4,186), और भारत (2,492) सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में टॉप पर हैं.
परेशान करने वाली बात यह है कि रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि दुनिया भर में 23% लोगों को किसी न किसी रूप में ऑनलाइन स्टॉकिंग का सामना करना पड़ा है, जिसे वे हाल ही में डेट कर रहे थे.
कैसे बचें?
स्टॉकरवेयर से बचने के लिए सबसे पहले उन ऐप्स को हटाएं जो इस्तेमाल में नहीं आते. सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा फैक्टरी रिसेट विकल्प भी काम आ सकता है. हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक पहले स्थानीय साइबर अपराध से जुड़ी संस्था की मदद लेनी चाहिए. ऐसे किसी खतरे से बचने के लिए फोन को हमेशा यूनिक पासवर्ड से लॉक रखें और इसे किसी से भी शेयर ना करें. कोई भी ऐप हमेशा अधिकृत सोर्स से ही डाउनलोड करें.