क्रेमलिन Vs व्हाइट हाउस: पुतिन की बदले वाली बातों से अमेरिका परेशान | Kremlin Vs… – भारत संपर्क

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क्रेमलिन Vs व्हाइट हाउस: पुतिन की बदले वाली बातों से अमेरिका परेशान | Kremlin Vs… – भारत संपर्क
क्रेमलिन Vs व्हाइट हाउस: पुतिन की बदले वाली बातों से अमेरिका परेशान

व्लादिमीर पुतिन

मॉस्को में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ISIS ने ली, लेकिन पुतिन के गुस्से का प्रकोप यूक्रेन को झेलना पड़ रहा है. अमेरिका से लेकर नाटो तक अचानक रूस के टारगेट पर आ गए हैं. क्रॉकस सिटी हॉल में आतंकी हमले ने रूस और अमेरिका के बीच संघर्ष को चिंताजनक लेवल तक बढ़ा दिया है. अमेरिका और रूस दोनों तरफ के टॉप अधिकारी इस नरसंहार को अपने-अपने ढंग से देख रहे हैं. पुतिन के करीबी अफसरों को लग रहा है कि अमेरिका को आतंकी घटना के होने की सूचना कई दिन से थी, लेकिन रूस को जानकारी नहीं दी गई. रूस इसे यूक्रेन की साजिश के एंगल से भी देख रहा है. इन्हीं सब वजहों से क्रेमलिन और व्हाइट हाउस आमने-सामने आ गए हैं और मामला बहुत गंभीर हो गया है.

मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि, एक आतंकी घटना ने उस ट्रिगर को दबा दिया है, जिसके बाद दुनिया की दो सुपर पावर के बीच सबसे खतरनाक संघर्ष शुरू होने की आशंका है. पुतिन के करीबी क्रॉकस सिटी हॉल आतंकी घटना के लिए अमेरिका पर खुलकर गुस्सा उतार रहे हैं. आतंकी हमले के बाद अमेरिका में रूसी राजदूत अनातोली एंटोनोव ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाया. अनातोली एंटोनोव ने दावा किया है कि अमेरिका ने मॉस्को के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग को खत्म कर दिया है.

अनातोली एंटोनोव के बयान से हंगामा

रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी RIA नोवोस्ती ने अपनी रिपोर्ट में अनातोली एंटोनोव का एक बड़ा बयान छापा है. इस बयान में एंटोनोव कहते हैं मैंने अमेरिकियों को हमेशा याद दिलाया है कि हमारे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिकियों की ओर हाथ बढ़ाने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्होंने 2001 में 9/11 आतंकी हमले के तुरंत बाद मदद की घोषणा की थी. रूस के इस सहयोग से अमेरिका का काफी मदद मिली थी, लेकिन अमेरिका ने इस सहयोग को बिना किसी वजह खत्म कर दिया.

दरअसल, रूस के गुस्से की एक वजह अमेरिका का 7 मार्च का अलर्ट भी है. 7 मार्च को मॉस्को में अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों को आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी किया था. तब अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों से कहा था कि वो मॉस्को में होने वाली बड़ी सभाओं और कार्यक्रमों से दूर रहें. अमेरिका ने अपने नागरिकों को आतंकी हमले की ये चेतावनी 17 दिन पहले दी थी. सीधा मतलब ये है कि अमेरिकी सिक्योरिटी एजेंसियों के पास आतंकी हमले को लेकर कोई बड़ी जानकारी थी.

रूस के टॉप अधिकारी इसी वजह से गुस्से में हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि अमेरिका ने ये जानकारी उनसे साथ साझा नहीं की. रूस की नाराजगी के बाद व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सफाई दी. उन्होंने कहा इस महीने की शुरुआत में दी गई चेतावनी क्रॉकस सिटी हॉल पर आतंकी हमले से संबंधित नहीं थी. किर्बी ने ये भी कहा मुझे इसके बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं है. रूसी राजदूत के आरोपों और व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता की सफाई के बीच कुछ गहरे सवाल हैं. ये ऐसे सवाल है जिनकी वजह से रूस और अमेरिकी के बीच संघर्ष चरम पर पहुंचने का खतरा है.

  • पहला सवाल, क्या अमेरिका को जानकारी थी कि रूस पर कोई आतंकी हमला होने वाला है ?
  • अगर हां, तो दूसरा सवाल, क्या अमेरिका ने रूस पर आतंकी हमलों से जुड़ी जानकारी छिपाई?
  • अगर हां, तो तीसरा सवाल, अमेरिका ने आतंकी हमले की जानकारी क्यों छिपाई?

क्रॉकस सिटी हॉल पर आतंकी हमले ने पुतिन को कितना क्रोधित किया है। ये उनके बयानों से जाहिर है. नरसंहार के बाद पुतिन ने आपात संबोधन में ऐलान कर दिया कि हमले का मास्टरमाइंड कहीं भी हो, किसी भी देश हो. उसे ऐसी मिलेगी, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी.मॉस्को में हमले की साजिश जिसने भी रची है, जिसने भी ये नरसंहार करवाया है, वो बच नहीं पाएगा. हम गुनाहगार को ढूंढ ढूंढ कर मारेंगे, वो कहीं भी क्यों ना हो.

रूस मानने को तैयार नहीं

मॉस्को में हमले की जिम्मेदारी ISIS ने ली है, लेकिन रूस इसे मानने को तैयार नहीं. पुतिन ने कहा, नरसंहार के बाद हमलावर यूक्रेन भागने वाले थे. यूक्रेनी बॉर्डर पर उनके दाखिल होने के लिए रास्ता तैयार किया गया था. ये इस बात की तरफ इशारा करता है कि इसमें यूक्रेन का हाथ है. पुतिन ने यूक्रेन को कटघरे में खड़ा किया, तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने यूक्रेन की बेगुनाही साबित करने की कोशिश की. जेलेंस्की ने कहा कि रूस बिना किसी सबूत के यूक्रेन पर हमले का आरोप लगा रहा है. पुतिन ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें यूक्रेन पर हमले का मौका चाहिए.

पुतिन की प्रतिशोध वाली बातों से अमेरिका की चिंता बढ़ गई है. अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि नहीं, मॉस्को हमले में यूक्रेन का कोई हाथ नहीं है. यूक्रेन के खिलाफ इस बारे में कोई सबूत नहीं है. असल में हम जानते हैं कि हमला ISIS ने किया है. मॉस्को में हुए हमले के लिए ISIS ही जिम्मेदार है.

अमेरिका आईएसआईएस को जिम्मेदार बता रहा

अमेरिका यूक्रेन को बेगुनाह बता रहा है, आतंकी हमले के लिए ISIS को जिम्मेदार बता रहा है, लेकिन रूस को अमेरिका की बातों पर यकीन नहीं है. क्रेमलिन ने बयान जारी कर अमेरिका से पूछा है कि उसे कैसे पता कि यूक्रेन ने हमला नहीं करवाया? इस बीच अमेरिका के पूर्व इंटेलिजेंस अधिकारी स्कॉट रिटर ने स्पुतनिक को दिए इंटरव्यू में कहा है कि इस हमले के पीछे CIA का हाथ हो सकता है.

मॉस्को पर आतंकी हमले के बाद पुतिन इंतकाम के मूड में हैं. वो अमेरिका की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं है। पुतिन ने पहले ही यूक्रेन को दोषी मान लिया है, लेकिन ये इतनी सीधी बात नहीं है. रूस का निशाना यूक्रेन है, पर ऐसा करके वो यूक्रेन के सहयोगी अमेरिका और नाटो को भी टारगेट कर रहा है. पुतिन के विध्वंसक बयान के बाद रूसी सेना के यूक्रेन पर हमले पहले से ज्यादा बढ़ गए हैं.

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