क्या 1 अप्रैल को शेयर बाजार में मचेगी तबाही? अमेरिका से आई…- भारत संपर्क
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ग्रोथ या गिरावट, कैसा होगा 1 अप्रैल को बाजार का रुख ?Image Credit source: Freepik
स्टॉक मार्केट में वित्त वर्ष 2023-24 की आखिरी ट्रेडिंग गुरुवार को संपन्न हुई. इसके बाद गुड फ्राइडे और शनिवार-रविवार की छुट्टियां लग गईं. यानी अब देश के शेयर बाजार सीधे सोमवार 1 अप्रैल 2024 का खुलेंगे. इसी दिन से भारत में नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो रहा है. इस बीच अमेरिका से बड़ी खबर आई है जो घरेलू स्टॉक मार्केट पर असर डाल सकती है, तो क्या साल के पहले ही दिन शेयर बाजार में तबाही मचेगी?
अमेरिका से जो खबर आई है, वह यहां के फेडरल रिजर्व और उसकी ब्याज दर से जुड़ी है. फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में जरा सा बदलाव दुनियाभर में तहलका मचाता है. ये दुनिया के कई शेयर बाजारों पर असर डालता है, क्योंकि ये इंवेस्टमेंट के फ्लो को बदलने का दम रखता है.
क्या बोले फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ?
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती करने को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है. वह तब तक इसका इंतजार कर सकता है, जब तक अमेरिका में महंगाई के आंकड़े उसकी उम्मीदों के अनुरूप नहीं आ जाते.
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एक्सपर्ट्स का मानना है कि जेरोम के इस बयान के कई मतलब निकलते हैं. पहला ये कि इसने एक बार फिर फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं को संशय में डाल दिया है. दूसरा ये कि जब हाल में जेरोम पॉवेल ने कहा था कि जून में ब्याज दर घट सकती हैं, तो उससे दुनियाभर के शेयर बाजारों में रौनक लौट आई थी, तो क्या यह रौनक जल्द समाप्त हो जाएगी.
हालांकि जेरोम पॉवेल ने अपने बयान में एक राहत की बात भी कही है कि अमेरिका के महंगाई के ताजा आंकड़े उसकी उम्मीद के अनुरूप हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि सोमवार को शेयर मार्केट कैसे इस बयान पर रिएक्ट करता है?
ऐसे पड़ता है स्टॉक मार्केट पर असर
किसी भी स्टॉक मार्केट खासकर के भारतीय स्टॉक मार्केट में बड़े पैमाने पर विदेशी पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स ( FII) निवेश करते हैं. उनके इवेस्मेंट से बाजार की चाल तय होती है और लंबे समय से भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई बड़े पैमाने पर पैसा लगा रहे हैं.
अगर यूएस फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दरों में कटौती करता है, तो एफआईआई का पैसा अमेरिकी मार्केट से निकलकर बाकी अन्य ग्रोथ मार्केट की ओर मूव करता है, ताकि उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सके. ऐसे में अगर यूएस फेडरल रिजर्व ब्याज कटौती करता है, तो उसका सीधा फायदा भारतीय शेयर बाजार को होता है.