जब जब साफ हुआ मुख्तार अंसारी जैसा माफिया, तब तब मजबूत हुई…- भारत संपर्क

0
जब जब साफ हुआ मुख्तार अंसारी जैसा माफिया, तब तब मजबूत हुई…- भारत संपर्क
जब-जब साफ हुआ मुख्तार अंसारी जैसा माफिया, तब-तब मजबूत हुई यूपी की इकोनॉमी, आंकड़ों से समझें ये कहानी

माफिया के खात्मे ने बदली इकोनॉमी

अगर किसी राज्य में अपराध ज्यादा होता है, तो उस राज्य की इकोनॉमी पर भी बुरा असर पड़ता है. ये बात अगर उत्तर प्रदेश के संदर्भ में कही जाए, तो और सटीक लगती है. हाल में अतीक अहमद या मुख्तार अंसारी जैसे यूपी के बड़े माफिया का अंत हुआ है, जो कभी दहशत का पर्याय होते थे. क्या इसका असर यूपी की इकोनॉमी पर भी पड़ा है, चलिए आंकड़ों से समझते हैं…

यूपी में 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी, तब जनता को सबसे बड़ा आश्वासन कानून व्यवस्था में सुधार का दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस मोर्चे पर काफी हद तक राज्य की छवि बदली भी है और इसका असर राज्य के आर्थिक हालातों पर भी दिखता है.

बदलते गए यूपी के आर्थिक हालात

कभी ‘बीमारू’ राज्यों में से एक माने जाने वाले उत्तर प्रदेश की आर्थिक स्थिति पहले से बदली है. योगी सरकार ने 2027 तक राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य भी रखा है. अगर सरकार के 2023-24 के बजट को देखें, तो इस दौरान राज्य की जीडीपी 24.39 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचने का अनुमान है.

ये भी पढ़ें

राज्य की इकोनॉमी में सबसे ज्यादा योगदान एग्रीकल्चर (23 प्रतिशत), मैन्यूफैक्चरिंग (27 प्रतिशत) और सर्विस सेक्टर (50 प्रतिशत) है. कानून व्यवस्था में सुधार होने से निवेशकों का भरोसा यूपी पर बढ़ा है और यहां निवेश की संभावना भी बेहतर हुई है. इसका अंदाजा बीते कुछ सालों में राज्य में हुए निवेशक सम्मेलन और उसमें आए निवेश प्रस्तावों से मिलता है.

निवेशकों का यूपी में बढ़ता भरोसा

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पहला निवेशक सम्मेलन साल 2018 में किया था. उस साल सरकार को राज्य में 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले थे. उसके बाद से इंवेस्टर्स समिट की ये परंपरा जारी है. साल 2023 के निवेशक सम्मेलन को लेकर राज्य सरकार का दावा है कि उसे 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं. ये यूपी में निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दिखाता है. आज देश की इकोनॉमी में यूपी की हिस्सेदारी 8 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है.

माफिया का हुआ सफाया

यूपी में अगर माफियाओं की हालत देखें, तो बात सिर्फ मुख्तार अंसारी या अतीक अहमद के सफाए पर नहीं रुकती है. इससे पहले भी मुन्ना बजरंगी, विकास दुबे, विनोद कुमार सिंह, संजीव माहेश्वरी और कुलदीप जघीना का भी खात्मा हो चुकार है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

स्कूलें बंद, सड़कों पर उतरे टीचर्स… आखिर क्यों हो रहा है नेपाल में ये…| मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से नवनियुक्त निगम-मंडल अध्यक्षों ने की सौजन्य भेंट – भारत संपर्क न्यूज़ …| रेटिनॉल को यूज करने से पहले इससे जुड़ी ये 7 बातें जरूर जान लें| *मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कुल 63 करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का किया…- भारत संपर्क| Second Hand Smartphone: सेकंड हैंड फोन लेना पड़ेगा भारी, ये गलती डूबा देगी पैसे – भारत संपर्क