मोसावी के बाद जाहेदी…देखता ही रहेगा या इजराइल से बदला भी लेगा ईरान | iran top… – भारत संपर्क


इजराइली हमले में सीरिया में 4 मंजिला बिल्डिंग तबाह (AFP)
सीरिया में ईरान की एंबेसी पर हुए हवाई हमले में करीब 8 लोगों की मौत हो गई है. सीरिया अधिकारी रामी अब्देल रहमान के मुताबिक ये सभी लड़ाके थे. किसी आम नागरिक की जान नहीं गई है. खबरों के मुताबिक इस हमले में ईरान के दो टॉप कमांडर मोहम्मद रजा जाहेदी और मोहम्मद हादी हजरियाहि की मौत हो गई है. मोहम्मद रजा कई सालों से सेना में अपनी सेवा दे रहे थे. दोनों ही कमांडरों ने ईरान के लिए कई ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है. इससे पहले IRGC के जर्नल कासिम सुलेमानी की भी अमेरिकी हमले में मौत हो गई थी.
ईरान ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसका अंजाम भुगतने के लिए इजराइल को चेतावनी दी है. खबरों के मुताबिक इन हमलों में मारे गए कमांडर ईरान के कई मिशन का हिस्सा थे.
कौन हैं ईरान के टॉप कमांडर?
मोहम्मद रजा जोहेदी ईरानी सेना के टॉप कमांडर थे. वो 2015 तक इराक-सीरिया में कुद्स फोर्स प्रमुख रहे हैं. वह गैर पारंपरिक युद्ध में माहिर हैं. ईरान-इराक युद्ध में एक मध्य-रैंकिंग कमांडर थे. वह 1979 में क्रांति के बाद IRGC में आए थ. ईरान-इराक युद्ध में भी वे एक मध्य-रैंकिंग कमांडर रहे हैं. ईरान ने दोनों की मौत का बदले लेने का ऐलान कर दिया है. अब देखना होगा ईरान कब इजराइल पर जवाबी कार्रवाई करता है.
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मोसावी की भी हुई थी हत्या
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में इजराइल ने ईरान के कमांडर सैयद रजी मोसावी की सीरिया में हत्या कर दी थी. इजराइल इससे पहले भी मोसावी को मारने का कई बार प्रयास कर चुका था, क्योंकि जो हिज्बुल्लाह आज इजराइल के नाक में दम कर रहा है उसे खड़ा करने के पीछे मोसावी का हाथ था. मोसावी को लंबे समय से मोसाद तलाश रही थी.
ईरान कब लेगा बदला?
इससे पहले ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी को भी अमेरिका के हमले में मार दिया गया था. जिसके बाद भी इजराइल ने ऐसे ही बदले लेने की बात कही थी, लेकिन ईरान अभी तक बदला लेने में कामयाब नहीं हुआ है. सुलेमानी ने ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स में अल-कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया था, ये वही है फोर्स है जिसे अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया है. हालांकि इजराइल समर्थित समूह सीरिया, लेबनान, यमन और इराक में इजराइल को निशाना बनाते आए हैं. लेकिन इजराइल डिफेंस फोर्स के सामने इनमें से बहुत कम हीं हमले अपने लक्षय को पूरा कर पाए हैं.