एयरबेस हमले के बाद पुतिन का बदला शुरू, यूक्रेन के चासिव यार में भीषण बमबारी | Russia… – भारत संपर्क

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एयरबेस हमले के बाद पुतिन का बदला शुरू, यूक्रेन के चासिव यार में भीषण बमबारी | Russia… – भारत संपर्क
एयरबेस हमले के बाद पुतिन का बदला शुरू, यूक्रेन के चासिव यार में भीषण बमबारी

राष्ट्रपति पुतिन

एयरबेस पर हुए हमले के बाद रूस भड़क गया है. उसको इस बात का अंदेशा है कि यूक्रेन इतनी तबाही अकेले नहीं कर सकता है. ऐसे में रूस ने नाटो को फिर से चेतावनी दी है कि हमले का गंभीर परिणाम नाटो देशों को भी भुगतना पड़ेगा. रूस का दावा है कि जितने विध्वंसक हथियारों से हमले किए गए. वो यूक्रेन नहीं बना सकता. अब सवाल उठ रहे हैं कि यूक्रेन के पास ये हथियार कैसे आए? क्या इसे नाटो ने सीक्रेटली भेजा या फिर खुद नाटो इंजीनियर्स ने यूक्रेन में उन्हें तैयार किया. आखिर क्या है पूरा सच और कौन से वो तबाही मचाने वाले हथियार हैं?

रूस में घुसकर हमले करना, सैन्य ठिकानों पर भारी तबाही मचाने से इस बात का अंदेशा बढ़ गया है कि यूक्रेन को नाटो से विध्वंसक हथियार मिल चुके हैं. बिना नाटो के यूक्रेन एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकता. इसलिए रूस में इतने बड़े हमले करना अकेले यूक्रेन के बस की बात नहीं है. ये अलग बात है कि नाटो इसका खुलासा नहीं करना चाहता और ना ही जेलेंस्की इस बारे में कुछ बोल रहे हैं, क्योंकि अगर इसे मान लिया जाता है तो रूस को नाटो देशों पर हमले करने का मौका मिल जाएगा.

हथियारों को लेकर गहराया शक

रूसी एयर बेस पर 19 फाइटर जेट खाक हो गए, जिन हथियारों से रूस में यूक्रेन ने तबाही मचाई है उसमें दो तरह के वैपन है. लॉन्ग रेंज ड्रोन और स्पेशल फाइटर जेट, जो नाटो देशों से यूक्रेन को मिले हैं. ये ऑपरेशन को अंजाम देकर सुरक्षित लौट भी आए. हालांकि रूसी सैन्य ठिकानों और ऑयल संयंत्रों पर हमले के बारे में पेंटागन ने किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है.

पेंटागन के प्रवक्ता पेट रायडर ने कहा कि जो भी मदद हम यूक्रेन को पहुंचा रहे हैं. वो उसकी सुरक्षा के लिए है. जिससे यूक्रेन फिर से खुशहाल देश बन सके. अगर यूक्रेन इसका इस्तेमाल आक्रमण के लिए करता है, तो मदद रोक देंगे. मैं यूक्रेन-रूस युद्ध के बारे में कहना चाहता हूं कि हमें हालिया हमले की जानकारी नहीं है.

यूक्रेन से बदला लेने के लिए बेचैन है रूस

अब रूस पलटवार कर रहा है. यूक्रेन से बदला लेने के लिए बेचैन है. इस बीच जर्मन न्यूजपेपर बिल्ड के दावे ने क्रेमलिन की नींद उड़ा दी है. बिल्ड का दावा है कि यूक्रेन को जल्द ही लॉन्ग रेंज ड्रोन की खेप मिलने वाली है जो शॉर्ट रेंज मिसाइल की कमी को पूरा करेगा. ड्रोन की रेंज ढाई हजार किलोमीटर बताई जा रही है, जो बेलगोरोड से लेकर आर्कटिक में मौजूद रूसी मिलिट्री बेस तक में तबाही मचा सकता है.

इनकी खासियत है कि ये ड्रोन बम भी गिरा सकते हैं और शॉर्ट रेंज मिसाइल से भी हमले कर सकते हैं. इसके अलावा ये कामिकाजे अटैक भी करने में माहिर हैं. जर्मन पेपर बिल्ड ने ये भी दावा किया है कि इस साल यूक्रेन को 10 देशों से ड्रोन की खेप मिल चुकी है. यूक्रेन को लॉन्ग रेंज ड्रोन किस देश ने भेजे हैं इसकी जानकारी नहीं मिली है, लेकिन भविष्य में इसकी कई खेप और आएंगी, जिनके दम पर रूस में कोहराम जारी रह सकता है.

नाटो की तरफ ड्रोन यूक्रेन पहुंचाए जा रहे!

हालांकि खुद कीव ने भी एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है. जिसकी रेंज 3300 किलोमीटर बताई जा रही है. जिसे नाम दिया है सोकोल-300. जिसका इस्तेमाल यूक्रेन ने पहली बार 2 अप्रैल को रूस के तातारस्तान में हमले के लिए किया था. कहा ये भी जा रहा है कि इस तरह के ड्रोन नाटो की तरफ से यूक्रेन पहुंचाए जा रहे हैं. जिन्हें बिना किसी प्रोडक्ट या ब्रैंड नेम के यूक्रेन अलग-अलग पार्ट में भेजा जा रहा है, जिसे यूक्रेन सीक्रेटली असेंबल कर रहा है. जिसके बाद यूक्रेन ड्रोन को अपना नाम देकर रूस पर हमले कर रहा है..जिससे रूस को नाटो पर उंगली उठाने का मौका ना मिले.

(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)

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