Another infallible weapon in indias fleet become big challenge for china | भारत के… – भारत संपर्क


भारत के बेड़े में एक और अचूक हथियार
भारतीय सेना को एक बड़े सौदे के तहत 100 मिसाइलों के साथ 24 रूस निर्मित इग्ला-एस मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) का पहला बैच मिल गया है, बाकी बचे भारत में ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (ToT) के तहत बनाए जायेंगे. इग्ला-एस प्रणाली में एक सिंगल लांचर और एक मिसाइल शामिल है.
पिछले साल नवंबर में, भारत ने 120 लॉन्चर और 400 मिसाइलों की खरीद के लिए रूस के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. इस प्रणाली का उद्देश्य भारतीय सेना की बहुत कम दूरी की वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है. उत्तरी सीमा पर ऊंचे पहाड़ी इलाकों पर दुश्मन की हर चाल को नाकाम करने के लिए इग्ला-एस सिस्टम की खरीद की गई है.
दुश्मन के विमान को करेगा नेस्तनाबूत
इग्ला-एस एंटी एयर क्राफ्ट मिसाइल एक मैन-पोर्टेबल एयर डिंफेंस सिस्टम है. इसे लेकर कोई भी इंसान या सेना दुश्मन के विमान को मार गिराने के लिए फायर कर सकता है. यह हथियार भारत को चीन और पाकिस्तान सीमा पर अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करेगा. आत्मनिर्भरता स्कीम के तहत भारत हथियारों के लिए विदेशों पर निर्भरता कम कर रहा है. बल्कि भारत की कोशिश है कि वो ज्यादा से ज्यादा हथियार खुद बनाए. इसके बाद भी भारत पाकिस्तानी और चीनी सीमा को मजबूत करने के लिए रूसी हथियारों पर काफी हद तक निर्भर है.
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इग्ला-एस एंटी एयर क्राफ्ट मिसाइल की खासियत
इग्ला-एसएक मानव-पोर्टेबल वायु रक्षा प्रणाली है. इसे कंधे पर रख कर दुश्मन के विमान को गिराने के लिए फायर किया जा सकता है. हाथ से पकड़ी जाने वाली रक्षा प्रणाली कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमानों को गिराने की क्षमता रखता है. यह क्रूज मिसाइलों और ड्रोन जैसे हवाई टारगेट की भी पहचान कर सकता है और उन्हें टर्मिनेट कर सकता है. इग्ला-एस में 9M342 मिसाइल, 9P522 लॉन्चिंग मैकेनिज्म, 9V866-2 मोबाइल टेस्ट स्टेशन और 9F719-2 टेस्ट सेट शामिल हैं. भारतीय सेना ने आपातकालीन खरीद के तहत इग्ला-एस सिस्टम को शामिल किया है.
5 से 6 किलोमीटर की है रेंज
इग्ला-एस एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल का वजन 10.8 किलोग्राम और पूरे सिस्टम का वजन 18 किलोग्राम का होता है. सिस्टम की लंबाई 5.16 फीट और इसका व्यास 72 मिलिमीटर का होता है. इस मिसाइल की नोक पर 1.17 किलोग्राम वजन का विस्फोटक लगाया जाता है. इसकी रेंज 5 से 6 किलोमीटर की है. यह मिसाइल अधिकतम 11 हजार फीट तक जा सकती है. ये मिसाइल 2266 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से टारगेट की तरफ बढ़ती है. पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों पर अपनी सेना को मजबूत करने के लिएभारत इस हथियार का इस्तेमाल करेगा.