गजब हैं इन शाही खानदानों के ठाठ बाट, अब ऐसे करते हैं करोड़ों…- भारत संपर्क

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गजब हैं इन शाही खानदानों के ठाठ बाट, अब ऐसे करते हैं करोड़ों…- भारत संपर्क
गजब हैं इन शाही खानदानों के ठाठ-बाट, अब ऐसे करते हैं करोड़ों की कमाई

तस्वीर में बांए से बड़ौदा, जोधपुर और मैसूर के वारिस

रॉयल फैमिली या राजघरानों की जब भी बात होती है, तो सबसे पहले हमारे जेहन में ब्रिटिश रॉयल फैमिली का नाम आता है. आपने नेटफ्लिक्स पर अगर ‘क्राउन’ सीरीज देखी है, तो फिर आपको उनके ठाठ-बाट के बारे में भी जानने को मिला होगा, लेकिन भारत भी इस मामले में पीछे नहीं है. बल्कि यहां कई राजघराने तो ऐसे हैं जिनके रहने के महल बर्मिंघम पैलेस से भी बड़े हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज के समय में इन राजघरानों की इकोनॉमी कैसे चलती है, कैसे ये करोड़ों की कमाई करते हैं?

भारत जब आजाद हुआ, तब कांग्रेस के नेता सरदार वल्लभभाई पटेल ने 500 से ज्यादा रियासतों का विलय भारत में करवाया. हालांकि तब सभी राजघरानों को पेंशन देने की व्यवस्था बनाई गई, जो उनकी इनकम का मुख्य सहारा थी. लेकिन जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनीं, तो उन्होंने लोकतंत्र की जड़ों को और गहरा करते हुए प्रिवी पर्स (राजघरानों की पेंशन) खत्म करने का काम किया. इसके बाद इन राजघरानों ने अलग-अलग सोर्सेस से इनकम करना शुरू कर दिया.

राजघराने और हेरिटेज होटल से इनकम

महाराणा प्रताप की विरासत उदयपुर राजघराने के वारिस आज श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ हैं. वह एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष हैं. इस ग्रुप के पास उदयपुर में कई हेरिटेज पैलेस होटल और रिसॉर्ट हैं. इन होटल की उनके पास प्राइवेट ओनरशिप है.

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इसी तरह जोधपुर राजघराने की कमान महाराजा गज सिंह और उनके परिवार के पास है. उनका अपना महल ‘उमेद भवन पैलेस’ आज भारत के सबसे लग्जरी हेरिटेज होटल्स में से एक है. ये होटल ना सिर्फ देश-विदेश के गेस्ट को रॉयल एक्सपीरियंस देने के लिए मशहूर है, बल्कि कई सेलिब्रिटी जैसे कि प्रियंका चोपड़ा की शादी का गवाह भी रहा है.

जयुपर और बड़ौदा में भी कभी राजघराने की शान-ओ-शौकत की निशानी रहे महल आज हेरिटेज होटल में बदल चुके हैं. ये राजघरानों की कमाई का मुख्य जरिया हैं. जयपुर की विरासत आज महाराजा पद्मनाभ सिंह संभाल रहे हैं. वहीं बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की कमान महाराजा समरजीत सिंह के पास है. उनका आवास लक्ष्मी विलास पैलेस यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम पैलेस से भी बड़ा है. उनकी इस प्रॉपर्टी की वैल्यू करीब 20,000 करोड़ रुपए है.

वाडियार फैमिली के पास सिल्क का व्यापार

दक्षिण भारत में मैसूर के राजघराने यानी वाडियार फैमिली के पास करीब 10,000 करोड़ रुपए की संपत्ति है. वह आज भी मैसूर के महल में रहते हैं. राजघराने के वारिस महाराज यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार हैं, जो राजनीति में भी सक्रिय हैं. हालांकि उनके पास ‘रॉयल सिल्क ऑफ मैसूर’ जैसे सिल्क ब्रांड का मालिकाना हक है.

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