भारत चीन की जुगलबंदी से चांदी 84 हजार के पार, 8 महीने में…- भारत संपर्क
भारत और चीन की डिमांड की वजह से चांदी की कीमतें रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गई हैं.
पूरी दुनिया में गोल्ड और उसकी कीमतों की बात हो रही है. लेकिन चांदी कहीं ज्यादा रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही है. उसका प्रमुख कारण है भारत और चीन की जुगलबंदी. जी हां, दुनिया के सबसे बड़े सिल्वर इंपोर्टर्स कहे जाने वाले भारत और चांदी का इंपोर्ट बीते कुछ महीनों में बढ़ गया है. जिसका असर चांदी की कीमत में देखने को मिल रहा है. अगर बात आज की करें तो चांदी के दाम भारत के वायदा बाजार में पहली बार 84 हजार रुपए के पार चली गई है. जिसके जल्द 85 हजार और साल के अंत तक 90 हजार रुपए के पार जाने की उम्मीदें है.
जानकारों की मानें तो चीन का पीएमआई डाटा का काफी बेहतर रहा है. चीन अपने आपको दोबार से रिबाउंड कर रहा है. दूसरी ओर भारत में सोलर पैनल मैन्युफैक्चरिंग के कारण चांदी की डिमांड में तेजी आई है. पेरू में सिल्वर माइनिंग गिरावट देखने को मिली है. यूएई में इंपोर्ट ड्यूटी कम होने के कारण डिमांड में इजाफा हुआ है.
साथ ही गोल्ड के दाम में तेजी का असर भी चांदी की कीमत में देखने को मिल रहा है. यही कुछ अहम कारण हैं जिसकी वजह से चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिल रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर विदेशी बाजारों से लेकर भारत के वायदा बाजारों तक चांदी के दाम कितने हो गए हैं.
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चांदी 84 हजार रुपए के पार
देश के वायदा बाजार में पहली बार चांदी के दाम 84 हजार रुपए के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार 84,668 रुपए के साथ नए लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गई है. दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर चांदी की कीमत 1,413 रुपए की तेजी के साथ 84,260 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही है.
वैसे आज चांदी के दाम 83,239 रुपए पर ओपन हुई थी. उसके बाद से चांदी की कीमत में तेजी के साथ इजाफा देखने को मिला. बीते आखिरी कारोबारी दिन चांदी की कीमत 82,847 रुपए प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.
अगर बात मौजूदा महीने की करें तो चांदी की कीमत में अच्छी तेजी देखने को मिली है. मार्च के आखिरी कारोबारी दिन चांदी के दाम 75,048 रुपए प्रति किलोग्राम थे. जिसमें 9620 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है.
इसका मतलब है कि मौजूदा महीने में चांदी के दाम में करीब 13 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. मौजूदा साल में चांदी के दाम में 12 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. साल की शुरुआज में 12 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.
इस वजह से हो रहा है इजाफा
- चीन से बढ़ रही डिमांड : चीन की तरफ से चांदी की डिमांड में उछाल देखने को मिला है. जानकरों की मानें चीन का पीएमआई डाटा काफी बेहतर देखने को मिला है. चीन अपने आपको रिबाउंड करने में जुटा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आई है. ऐसे में चांदी की इंडस्ट्रीयल डिमांड में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. यही कारण है कि चांदी के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
- इंडिया से भी इंपोर्ट ज्यादा : चांदी के दाम में तेजी की वजह से भारत की ओर से भी इंपोर्ट में इजाफा होना है. जब से सोलर पैनल का प्रोडक्शन बढ़ा है सिल्वर की डिमांड में तेजी देखने को मिली है. फरवरी के महीने में सिल्वर इंपोर्ट में 260 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस साल सिल्वर इंपोर्ट में 66 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. खास बात तो ये है साल के पहले दो महीने में करीब 3000 टन का सिल्वर इंपोर्ट हुआ है.
- यूएई से बढ़ा इंपोर्ट : भारत-यूएई एग्रीमेंट के तहत सरकार की तरफ से इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती देखने को मिली है. जिसकी वजह से सिल्वर का इंपोर्ट यूएई से ज्यादा देखने को मिल रहा है. इस वजह से चांदी की कीमत में तेजी देखने को मिली है.
- बेस मेटल में तेजी का असर : कॉपर, जिंक आदि बेस मेटल्स में तेजी देखने को मिल रही है. कुछ दिन पहले कॉपर के दाम 14 महीनों के हाई पर पहुंच गए हैं. अफ्रीका में माइनिंग में दिक्कत आने की वजह से प्रोडक्शन के साथ सप्लाई में असर देखने को मिला है. जिसकी वजह से कॉपर के साथ चांदी की कीमत में भी तेजी आई है.
- गोल्ड की कीमतों का असर : दूसरी ओर फेड रेट की कटौती का अनुमान और जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से सोने के दाम में इजाफा देखने को मिल रहा है. उसका असर भी चांदी की कीमत में देखने को मिल रहा है. यही वजह से चांदी के दाम लोकल वायदा बाजार में दाम 84 हजार रुपए के पार चले गए हैं.
- सिल्वर माइनिंग में कमी : दूसरी ओर पेरू में हड़ताल के कारण सिल्वर माइनिंग में कमी के कारण स्पलाई कम देखने को मिली है. जिसका असर चांदी की कीमतों में देखने को मिल रहा है. आने वाले दिनों में सिल्वर की सप्लाई में कमी देखने को मिल सकती है. डिमांड के मुकाबले सप्लाई में कमी के कारण कीमतों में तेजी देखने को मिली है.
क्या कहते हैं जानकार
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी करेंसी हेड अनुज गुप्ता के अनुसार सिल्वर की कीमतों में तेजी का प्रमुख काण चीन और भारत की ओर से बढ़ती डिमांड है. भारत में सोलर पैनल प्रोडक्शन की वजह से चांदी की डिमांड बढ़ गई है. दूसरी ओर चीन दोबारा से रिबाउंड होने की कोशिश में जुटा है. पीएमआई के आंकड़ें काफी बेहतर देखने को मिले हैं. अनुज गुप्ता ने कहा कि चांदी के दाम तेजी जारी रहेगी. उन्होंने कहा है कि साल के अंत तक चांदी के दाम 90 हजार रुपए के पार जा सकते हैं.