PM नरेंद्र मोदी से मिलने वाले 7 टॉप गेमर्स ने सुनाई अपनी कहानी, बोले गेम में… – भारत संपर्क


PM मोदी से मिले इंडिया के टॉप गेमर्स.Image Credit source: youtube.com/narendramodi
India’s top gamers meet PM Modi: हाल ही में प्रधानमंत्री ने भारत के टॉप गेमर्स के साथ मुलाकात की थी. इसका टीजर वीडियो भी शेयर किया गया जिसे कई लाख लोगों ने देखा. अब इसका पूरा वीडियो रिलीज हो चुका है. पीएम मोदी से 7 इंडियन गेमर्स ने मुलाकात की और गेमिंग को लेकर सबके बीच दिलचस्प बातचीत हुई. इस दौरान गेमर्स ने पीएम मोदी को अपनी लाइफ के बारे में बताया. गेमर्स ने बताया कि उन्होंने कैसे गेमिंग को अपने करियर के तौर पर चुना और ऐसा करने में उन्हें किन परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इसके अलावा गेमिंग क्रिएटर्स ने एक खास मांग रखी. उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि गेम डेवलपर्स को ऐसे गेम बनाने चाहिए जिसमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखे. इससे गेम खेलते हुए भी लोग देश के साथ कनेक्ट कर सकेंगे. पीएम मोदी ने भी खुद VR, PC, कंसोल और मोबाइल गेम खेलकर गेमिंग का एक्सपीरियंस लिया. अब देखते हैं कि गेमर्स ने पीएम मोदी को अपने बारे में क्या बताया.
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Had a wonderful interaction with youngsters from the gaming community… You would love to watch this!
— Narendra Modi (@narendramodi) April 13, 2024
1. अनिमेष अग्रवाल (8bitThug): 28 वर्षीय अनिमेष ने बताया कि वो गुवाहाटी असम के रहने वाले हैं. अनिमेष सीए फाइनल्स तक पहुंच चुके थे, और सीएफए और एफआरएम का भी लेवल वन दे चुके थे. उन्होंने अपने माता-पिता से एक साल का ब्रेक मांगा, ताकि वो गेमिंग को बतौर करियर बना सकें. 2018 में उन्होंने गेमिंग स्टार्ट की.

Animesh Agarwal
पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि परिवार का रिएक्शन आया तो अनिमेष ने बताया कि मैंने पढ़ाई कर रखी थी और मेरे पास बैकअप था. अगर गेमिंग में कुछ नहीं कर पाता तो पढ़ाई जारी करता. इसलिए माता-पिता ने हमेशा सपोर्ट किया. उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य भारत में गेमिंग को आगे बढ़ाना है. जो युवा गेमिंग फॉलो कर रहे हैं उन्हें सही डायरेक्शन दिखाऊं.
2. अंशू बिष्ट: हल्द्वानी, नैनीताल (उत्तराखंड) के रहने वाले अंशू बिष्ट ने बताया कि वो एक लोअर मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिताजी 30 सालों तक एक प्राइवेट स्कूल में बस कंडक्टर थे. इस तरह उन्होंने अंशू और उनकी बहन पढ़ाया. अंशू ने पहले ट्यूशन पढ़ाए, फिर अपना खुद का कंप्यूटर बनाया.

Anshu Bisht
उन्होंने बताया कि व्यूअरशिप बढ़ाने के लिए थोड़ा चिल्लाना और एक्टिंग भी करनी पड़ती है. अंशू चाहते थे कि वो कुछ ऐसा करें जो दुनिया वाहवाही करे.
3. नमन माथुर (SoulMortal): नमन माथुर ने बताया कि वो नवी मुंबई में पले बढ़े हैं. नमन 4 साल के थे जब उनके पापा गुजर गए, उनकी मम्मी ने उन्हें और उनके बड़े भाई को पाला. उनकी माता ने टिफिन बॉक्स सर्विस का काम करती थी. 2015 में उनके हाथ में 2015 में मोबाइल आ गया था. यूट्यूब से उन्होंने वीडियो गेम खेलना सीखा. 2018 तक उन्होंने बीकॉम पूरा किया.

Naman Mathur
नमन ने नोटिस किया कि जितने भी पॉपुलर विदेशी गेमर्स थे उनके कमेंट सेक्शन में इंडियन यूजर्स के कमेंट्स की भरमार थी. उन्होंने सोचा कि वो भी ऐसे वीडियो बनाएंगे. 2018 में उन्होंने वीडियो अपलोड किया जो वायरल किया. 2018 में उन्होंने अपनी कंपनी भी शुरू की.
4. पायल धारे: पायल धारे ने टॉप गेमर्स के काफी बाद गेमिंग की शुरुआत की थी. वो इंडिया की लीडिंग फीमेल गेमिंग क्रिटर हैं. पायल बहुत छोटे से गांव से आती हैं. वो मध्य प्रदेश में इंदौर के पास छिंदवाड़ा की रहने वाली हैं. उन्हें शुरू से गेमिंग में इंटरेस्ट था, लेकिन घर पर फैसिलिटी नहीं थी. 12वीं तक भी उनके घर में फोन नहीं था, तो गेमिंग का थोड़ा इधर-उधर देख लेती थी.

Payal Dhare
दोस्त के भाई वगैरह कैफे जाते थे वहां से गेमिंग का नॉलेज मिला. लड़कियों के पैरेंट्स थोड़ा घबराते हैं. अगर लड़की गेमिंग करती हैं तो ये काफी सेफ करियर है. पायल बताती हैं कि उनके पास भी 100 200 ऐसे लड़कियों के मैसेज आते कि हमने आपको देख कर स्टार्ट किया है.
5. मिथिलेश पाटणकर (MythPat): मिथिलेश पाटणकर ने हमेशा यूनीक कंटेंट देने की कोशिश की है. मिथिलेश बताते हैं कि लोग इसीलिए उन्हें पसंद करते हैं क्योंकि वो गेमिंग, एटरटेनमेंट, मिमिक्री सब मिलाकर लोगों के सामने कंटेंट पेश करते हैं. उनकी कोशिश रही कि वो ऐसा कंटेंट बनाएं जिसे देखकर बाहर के लोग भी तारीफ करें.

Mithilesh Patankar
आज से दो साल पहले एक स्ट्रीमी अवार्ड में इंटरनेशनल कैटेगरी में मिथिलेश इकलौते इंडियन थे जिन्हें नॉमिनेट किया गया था. यह अवार्ड शो अमेरिका के लॉस एंजलिस में हुआ था. उन्हें यह अवार्ड मिला जो उनके लिए काफी बड़ा मौका लेकर आया.
6. तीर्थ मेहता: तीर्थ मेहता गुजरात के भुज, कच्छ के रहने वाले हैं. तीर्थ 2014 से हार्टस्टोन नामक गेम में कंपीट कर रहे हैं. पीएम मोदी ने उनसे मजाकिया अंदाज में पूछा कि भुज में ये बीमारी कहां से आई गई.

Tirth Mehta
तीर्थ बताते हैं कि ये तो दुनिया के हर कोने-कोने में फैली हुई है. शुरुआत में कच्छ में लोग नहीं पहचानते थे लेकिन जब से मेडल मिला है तब से लोग पहचानने लगे हैं.
7. गणेश गंगाधर (SkRossi): गणेश गंगाधर एक प्रोफेशनल ई-स्पोर्ट्स एथली हैं, और बेंगलुरु के रहने वाले हैं. वे बताते हैं कि कॉलेज में दोस्तों ने गेमिंग से रूबरू कराया. जब उन्होंने गेम खेलना शुरू किया तो वे अपने साथियों से भी अच्छा गेम खेलने लगे.

Ganesh Gangadhar
उन्हें कुछ बड़ा करना था. 2017 में गणेश ने 17 साल की उम्र में इंडोनेशिया में भारत को रिप्रेजेंट किया. गणेश बताते हैं कि गेमिंग के जरिए उन्होंने अपने माता-पिता का ख्वाब पूरा किया.