कब्रिस्तान से हड्डियां निकालकर नशा कर रहे इस देश के लोग, राष्ट्रपति को लगानी पड़ी… – भारत संपर्क

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कब्रिस्तान से हड्डियां निकालकर नशा कर रहे इस देश के लोग, राष्ट्रपति को लगानी पड़ी… – भारत संपर्क
कब्रिस्तान से हड्डियां निकालकर नशा कर रहे इस देश के लोग, राष्ट्रपति को लगानी पड़ी इमरजेंसी

कब्रिस्तान (सांकेतिक तस्वीर)

हमारे बड़े बुजुर्ग हमेशा हमे सिखाते हैं कि नशे से दूर रहना. नशा मत करना इसके बदले वो तर्क देते हैं कि नशा बेहद ही भयावह चीज है, ये नशा किसी इंसान को किसी भी हद तक ले जा सकता है. ये बात एक देश में सच साबित हो रही है. पश्चिम अफ्रीका में एक देश है सियेरा लियॉन. इस देश के लोग नशे के चंगुल में फंस चुके हैं. उस नशे की खातिर इस कदर गिर चुके हैं कि अब वो मुर्दों की हड्डियां भी नहीं छोड़ रहें हैं. दरअसल मानव कि हड्डियों से एक कुश नाम का ड्रग बनता है. इस देश के लोग इस नशे की लत में डूब चुके हैं.

सियेरा लियॉन में नशे की लत से मर रहे लोगों के आंकड़ों पर नजर डाले तो आपको बता दें, पिछले कुछ महीनों में यहां एक अजीब नशे के चलते हजारों लोगों की मौत हो गई. इस देश में लोग मुर्दों की हड्डियों का नशा कर रहें हैं. इस नशे को कुश बोलते हैं. ये एक तरह का सिंथेटिक ड्रग है. लोगों को इस ड्रग की ऐसे लत लग गई है कि वो अब कब्र खोदने के लिए तैयार हैं. इसके चलते देश के राष्ट्रपति जूलियस माडा बायो ने आपातकाल की घोषणा कर दी. नशे कि इस तलब को रोकने के लिए देश में कब्रिस्तानों की संख्या बढ़ा दी गई है.

कैसे करते हैं नशा?

आंकड़े बताते हैं, ज्यादातर 18 से 25 साल के बीच के युवा इस नशे की चपेट में हैं. बताते चलें, साल 2020 से 2023 के बीच कुश का नशा करने वालों की संख्या चालीस गुना बढ़ गई है. इस नशे को करने के लिए पहले हड्डियों को पीसा जाता है. पीस कर पाउडर बनाते हैं और इसे कुश मिक्सचर में मिलाते हैं. फिर एक कागज में रोल कर के फूंक लेते हैं. हड्डियों में मौजूद सल्फर कुश के नशे को और हाई कर देता है.

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मार्फिन से 100 गुना ज्यादा नशीला

ब्रिटेन के मीडिया संगठन डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कुश एक तरह का सिंथेटिक ड्रग है. सिंथेटिक ड्रग माने केमिकल के इस्तेमाल से बनाया गया ड्रग है. इसका फूंक कर इसका नशा किया जाता है. बीबीसी के रिपोर्ट्स के मुताबिक इसका असर हेरोइन के नशे से 50 गुना ज्यादा और मार्फिन के नशे से 100 गुना ज्यादा होता है. इसमें इंसान एक तरह की काल्पनिक दुनिया में चला जाता है या समझिए भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है. इंसान को कुछ समझ नहीं आता वो बस बेबस और बेसुध पड़ा रहता है. आपको बता दें, राष्ट्रपति ने इस नशे के खात्मे के लिए एक टास्क फाॅर्स का गठन भी किया है.

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