हमले के बिना ही ईरान का इलाज करने जा रहा अमेरिका, कर ली बड़ी तैयारी | America is… – भारत संपर्क

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हमले के बिना ही ईरान का इलाज करने जा रहा अमेरिका, कर ली बड़ी तैयारी | America is… – भारत संपर्क
हमले के बिना ही ईरान का इलाज करने जा रहा अमेरिका, कर ली बड़ी तैयारी

अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि बाइडेन इजराइल का साथ देने का ऐलान कर चुके हैं.

इजराइल से बदला लेने को आत्मरक्षा का नाम देने वाला ईरान अब मुश्किल में घिरता दिखाई दे रहा है. अमेरिका और पश्चिम के अन्य देशों ने शिया मुस्लिम देश पर हमला किए बिना ही इसका इलाज करने की तैयारी कर ली है. हालांकि अमेरिका ने जो योजना बनाई है, उसे चीन ईरान को भड़काने वाला कदम बता रहा है. यदि अमेरिका अपने मिशन में कामयाब हो जाता है तो वह ईरान की शक्ति को काफी हद तक कंट्रोल कर लेगा.

ईरान के हमले के बाद इजराइल ने जवाबी हमला करने पर निर्णय लेने वाली युद्ध कैबिनेट की बैठक तीसरी बार टाल ही है. उधर अमेरिका और पश्चिम के अन्य देश ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंधों की योजना पर विचार कर रहे है. हालांकि विश्लेषक इसे ठीक नहीं मान रहे. उनका कहना है कि ईरान पर इस समय प्रतिबंध लगाए जाना उसकी भावना को भड़का सकते हैं. खास तौर से चीन इस पर यही तर्क दे रहा है. ग्लोबल टाइम्स में चीन के विश्लेषकों की ओर से लिखा गया है कि अमेरिका को प्रतिबंध लगाने की बजाय इजराइल को संयम बरतने के लिए प्रेरित करने का काम करना चाहिए.

यह प्रतिबंध लगाने जा रहा अमेरिका

अमेरिका में व्हाइट हाउस की ओर से ये ऐलान किया गया है कि वह ईरान पर नए प्रतिबंध लगाएगा. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इन प्रतिबंधों में उसके मसिाइल और ड्रोन कार्यक्रम को सीमित करने के साथ-साथ इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके अलावा ईरान के रक्षा मंत्रालय का समर्थन करने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी नए प्रतिबंध शामिल होंगे. दावा किया जा रहा है कि इससे ईरान की मिसाइल और यूएवी की क्षमताओं में कमी आएगी. वाशिंगटन की ओर से इस बात की जानकारी देने के साथ यह उम्मीद भी जताई गई है कि अमेरिका के सहयेागी और साझदार भी जल्द इस पर सहमत होंगे. गार्जियन की एक रिपोर्ट में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी तेहरान के खिलाफ प्रतिबंधों पर बात कही है.

आक्रामक हो सकता है ईरान

चीन के विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ईरान पर यह प्रतिबंध लगाए जाते हैं तो उससे ईरान पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह पहले ही लंबे समय तक प्रतिबंधों का अनुभव किया है. चीन के लांचो विवि के झू योंगबियाओ के मुताबिक ईरान पर यदि सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा तो बस ये कि वहां की जनता इन प्रतिबंधों के खिलाफ सरकार पर दबाव बनाएगी. इसके अलावा इन प्रतिबंधों से अमेरिका और ईरान के बीच संबंध खराब होंगे. विशेषज्ञों के मुताबिक इन प्रतिबंधों से ईरान और ज्यादा आक्रामक हो सकता है. वहां का एक वर्ग ये भी मान सकता है कि इजराइल के खिलाफ बड़े और घातक हमले करने चाहिए.

हालात हो जाएंगे मुश्किल

ईरान पर प्रतिबंधों की खबरों के बीच माना जा रहा है कि यदि ईरान भड़का तो उसे संभालना बहुत मुश्किल हो सकता है. चीनी विशेषज्ञ लू फिलहाल मिडिल ईस्ट में अमेरिका की सरकार द्वारा अपनाई जा रही नीति को सबसे अराजक मानते हैं. वह बाइडेन को इस पर विचार करने की सलाह भी देते है. चीन का मानना ह ेकि मध्य पूर्व में अमेरिका का रवैया दोतरफा है. मसलन वह खुद को मिडिल ईस्ट में व्यवस्थापक के तौर पर पेश करता है, लेकिन उसकी बयानबाजी में काफी विरोधाभास है.

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