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गर्म हवाओं से बढ़ा लू का खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर,दवा के पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता, स्टॉफ के लिए गाइडलाइन जारी
कोरबा। गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। गर्म हवा और भीषण गर्मी से लोग हलाकान है। इसका सीधा असर सेहत पर पड़ सकता है, लोग लू की चपेट में आ सकते हैं। जिससे निपटने स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक अस्पताल में दवा के पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके अलावा अधिकारी-कर्मचारियों को जरूरी गाइडलाइन भी जारी किया गया है। ग्रीष्म ऋतु में गर्म हवा चलना आम बात है। इस मौसम में तेज धूप व गर्मी के कारण लू लगने की संभावना बनी रहती है। बीते साल की अपेक्षा के इस वर्ष पहले ही गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।बीते दिनों हल्की बारिश से लोगों ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की थी, लेकिन मौसम साफ होते ही पारा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। जैसे जैसे सूर्य की किरणें धरती पर पड़ती है, चुभन का अहसास होने लगता है। दोपहर होते होते गर्म हवा के थपेड़ों से लोग हलकान नजर आ रहे हैं।आलम यह है कि गर्मी का असर सेहत पर भी पडऩे लगा है। लोग आने वाले दिनों में लू की चपेट में आकर बीमार हो सकते हैं। उन्हें तेज बुखार के साथ हाथ पैर में दर्द, उल्टी दस्त की शिकायत हो सकती है. लू के कारण होने वाली बीमारी से निपटने स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केशरी ने भीषण गर्मी व लू के मद्देनजर गाइड लाइन जारी कर दिया है। उन्होंने उप स्वास्थ्य केंद्र के अलावा प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए जरूरी संसाधन को दुरुस्त रखने निर्देश जारी किए हैं।जिले के सभी 155 उप स्वास्थ्य, 57 प्राथमिक व 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवा का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक किया गया है। अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सक सहित अन्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने का निर्देश दिए हैं।खास बात तो यह है कि मरीज के पहुंचने पर उन्हें तत्काल इलाज मुहैया कराने कहा गया है। उनके निर्देश पर तमाम स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारियों ने तैयारी पूरी कर ली है।
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रोजाना 700 से अधिक मरीज पहुंच रहे अस्पताल
गर्मी के तेज होते ही निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसका अंदाजा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगने वाली भीड़ से लगाया जा सकता है।यहां प्रतिदिन दिन ओपीडी में औसतन 650 मरीज उपचार के लिए पहुंचते थे, जो बढक़र 7 सौ से पार हो गया है। कमोबेश यही स्थिति सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की है।
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लू से बचाव संबंधी योजना तैयार
बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के कारण होने वाली बीमारी से बचाव के लिए योजना तैयार की गई है. जिसमें अस्पतालों में मरीजों के बैठने, ओआरएस की उपलब्धता, सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था, लू के कारण होने वाली बीमारी से संबंधित प्रचार प्रसार शामिल है।सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन पहुंचने वाले मरीजों की डाटा संग्रहित करने ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, ताकि जानकारी अधिकारियों को दी जा सके।