अकेले 12 देशों पर भारी पड़ा अमेरिका, अपने एक कदम से फिलिस्तीन के सपने को तोड़ा | us… – भारत संपर्क

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अकेले 12 देशों पर भारी पड़ा अमेरिका, अपने एक कदम से फिलिस्तीन के सपने को तोड़ा | us… – भारत संपर्क
अकेले 12 देशों पर भारी पड़ा अमेरिका, अपने एक कदम से फिलिस्तीन के सपने को तोड़ा

जो बाइडेन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने का प्रस्ताव लाया गया था. अल्जीरिया ने ये प्रस्ताव लाया था. इस प्रस्ताव को अबUS ने रोक दिया है. 15 सदस्ययों वाली सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीन के पक्ष में 12 वोट पड़े, जबकी 2 सदस्य अनुपस्थित रहे. फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य बनने के लिए 9 वोटों की जरूरत थी लेकिन US के वीटो करने के बाद वे बहुमत से ज्यादा वोट लेने के बाद भी पूर्ण सदस्य नहीं बन पाया है.

गाजा पर इजराइल के हमलों में जिस तरह से तबाही हूई है उससे उम्मीद की जा रही थी कि इस बार अमेरिका प्रस्ताव पर वीटो नहीं करेगा. लेकिन अमेरिका अपने पुराने रुख पर कायम रहा और इजराइल का साथ देते हुए अपने वीटो का इस्तेमाल कर इस प्रस्ताव को रोक दिया. इजराइल ने भी अमेरिका के इस कदम की प्रशंसा की है.

“इजराइल फिलिस्तीन समझौते के बाद हो फैसला”

वोटिंग से पहले अमेरिकी उप विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि समय से पहले की गई कार्रवाई भले ही अच्छे इरादों के साथ हो, वे फिलिस्तीनी लोगों के लिए राज्य का दर्जा हासिल नहीं करा सकती है. वीटो करने के बाद UNSC में अमेरिका के रिप्रेजेंटेटिव रॉबर्ट वुड ने कहा, “हमारा वोट फिलिस्तीन सदस्यता के विरोध में हीं है, लेकिन हम ये मानते हैं कि ये फैसला दोनों राज्य की बातचीत से लिया जाए.”

सदस्यता हमास को गिफ्ट देने के समान-इजराइल

प्रस्ताव न पारित होने पर इजराइल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सात अक्तूबर के हमले के बाद फिलिस्तीन को UN सदस्यता देना हमास को अवार्ड देने के बराबर होता. फिलिस्तीन अथॉरिटी ने आज तक 7 अक्तूबर के हमले की नहीं की है.

पूर्ण सदस्यता के लिए यह फिलिस्तीन का दूसरा प्रयास है. गाजा युद्ध ने 75 साल से ज्यादा पुराने इजरायल-फिलिस्तीनी विवाद को फिर से केंद्र में ला दिया है. इसको हल करने के लिए UN के साथ कई और देशों ने कदम उठाए हैं.

नहीं बन पाया 194वां सदस्य

इस समया संयुक्त राष्ट्र में 193 देश पूर्ण सदस्य हैं. फिलिस्तीन को अभी ऑब्जर्वर (गैर सदस्य प्रेक्षक) का दर्जा प्राप्त है. बता दें फिलिस्तीन को 140 देश पहले से राष्ट्र का दर्जा दे चुके हैं. ऐसे में प्रस्ताव पास होने के बाद फिलिस्तीन का पूर्ण सदस्य बनना आसान था.

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