भारत ने फिलीपींस को भेजी ब्रह्मोस मिसाइल, चीन से चल रहा उसका तनाव | india delivered… – भारत संपर्क

भारत और फिलीपींस के बीच दो साल पहले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को लेकर समझौता हुआ था, जिसके तहत आज भारत ने फिलीपींस को पहला सेट डिलीवर कर दिया है. देश के डिफेंस एक्सपोर्ट में ये एक बड़ा कदम है. बता दें, भारत और फिलीपींस के बीच यह पूरा सौदा 37 करोड़ 50 लाख डॉलर का है.
आज भारत ने इसी समझौते के चलते फिलीपींस को मिसाइलों का पहला सेट सौंपा. डिफेंस अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर (C-17 Globemaster) ने फिलीपींस और उसकी क्रूज मिसाइलों के लिए इंडियन एयरपोर्ट से उड़ान भरी. भारत से सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट प्लेन की मदद से इन मिसाइलों को फिलीपीन्स के हवाई अड्डे तक पहुंचाया गया है.
फिलीपींस और चीन का तनाव
फिलीपींस ऐसे समय में मिसाइल की डिलीवरी ले रहा है, जब दक्षिण चीन सागर में लगातार झड़पों की वजह से उनके और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है. दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी पर लगाम लगाने के लिए फिलीपींस ने यह मिसाइल भारत से खरीदी है. बता दें, ब्रह्मोस मिसाइल की तीन बैटरियों को क्षेत्र में किसी भी खतरे से बचाने के लिए फिलीपींस द्वारा अपने तटीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.
#WATCH | BrahMos supersonic cruise Missiles delivered to the Philippines by India today. The two countries had signed a deal worth USD 375 million in 2022. pic.twitter.com/C1wWACHDAA
— ANI (@ANI) April 19, 2024
ब्रह्मोस मिसाइल भारत का ब्रह्मास्त्र
ब्रह्मोस को भारत का ब्रह्मास्त्र कहा जाता है, जिसे रूस के सहयोग से बनाया गया है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, डीआरडीआरओ और रूस के एनपीओ मशिनोस्ट्रोयेनिया का ज्वाइंट वेंचर है, जिसे दुनिया के सबसे सफल मिसाइल कार्यक्रमों में से एक कहा जाता है. ब्रह्मोस ने भारत की निवारक क्षमताओं (Deterrence) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ब्रह्मोस जैसी क्रूज मिसाइलें जिन्हें ‘स्टैंडऑफ रेंज हथियार’ के रूप में जाना जाता है. ये हथियार दुनिया की ज्यादातर प्रमुख सेनाओं के पास होता हैं.
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है.भारत की ब्रह्मोस मिसालइल न सिर्फ फिलीपींस बल्कि अर्जेंटीना जैसे मुल्कों ने भी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. इस मिसाइल की रफ्तार 2.8 मैक की है जिसका मतलब है कि ये आवाज की रफ्तार से तीन गुना ज्यादा तेजी के साथ टारगेट पर हमला कर सकती है.