इमिग्रेंट्स क्या ज्यादा अपराध करते हैं? ट्रंप के आरोपों पर स्टडी क्या कहती है | us… – भारत संपर्क

0
इमिग्रेंट्स क्या ज्यादा अपराध करते हैं? ट्रंप के आरोपों पर स्टडी क्या कहती है | us… – भारत संपर्क
इमिग्रेंट्स क्या ज्यादा अपराध करते हैं? ट्रंप के आरोपों पर स्टडी क्या कहती है

ट्रंप के आरोप एक तरफ लेकिन क्या वाकई इमिग्रेशन और बढ़ते क्राइम में कोई रिश्ता है?

2024: दुनिया के लिए सबसे गर्म साल होगा या नहीं, वक्त बताएगा मगर ये चुनावी साल जरूर है. भारत ही नहीं दुनिया के 64 देशों में आवाम आम चुनावों में हिस्सा ले रहे हैं. यहां विश्व की आधी आबादी रहती है, भारत की बात आपको क्या ही बताना. अमेरिका की भी लगभग 34 करोड़ आबादी इस बरस के आखिर यानी नवंबर में अपना राष्ट्रपति चुनने जा रही है.

यहां डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच जारी गलाकाट प्रतियोगिता में अवैध प्रवासियों की आवक और उनके अपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का सवाल काफी जोर-शोर से उठाया जा रहा है. 2020 ही की तरह इस दफा भी ट्रंप व्हाइट हाउस में सीट पक्की करने के लिए माइग्रेंट्स को दमभर कोस रहे हैं और अमेरिका में होने वाले हिंसक अपराधों में बढ़ोतरी के पीछे इन्हें दोषी बता रहे हैं.

सवाल है क्या वाकई इमीग्रेंट्स (अप्रवासी यानी दूसरे देशों से आए लोग) ज्यादा अपराध करते हैं? इस संबंध में कुछ रिसर्च काफी गौर करने वाली है.

ज्यादातर अध्ययन (स्टडी), थिंकटैंक की समझ तो यही है कि अमेरिका के मूल निवासियों की तुलना में अप्रवासी को ज्यादा अपराधी बताना कतई सही नहीं है. हां, कुछ जरुर अमेरिका में अवैध तरीके से दाखिल हुए लोगों में अपराध की प्रवृत्ति की बात करती है लेकिन वे भी अपराध की अधिक संख्या वाले आरोपों को खारिज कर देते हैं.

इमिग्रेशन से क्राइम बढ़ता है?

पहला – इमिग्रेशन और अपराध का क्या कोई रिश्ता है, ये अपने आप में बेहद जटिल और विवादास्पद विषय हैं. इसको समझने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर चैरिस कुब्रिन और वर्जिनिया के विलियम एंड मैरी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ग्राहम ओउसी ने कुछ रिसर्च वर्क किया.

इसके लिए उन्होंने 1994 से 2014 के बीच हुए करीब 50 अपराधों और उनका इमिग्रेंट्स से क्या किसी तरह का वास्ता है, इस से जुड़ेअध्ययनों को समझा. 2018 में उनका निष्कर्ष एक पत्रिका में छपा. पाया गया कि इमिग्रेशन और अपराध के बीच सीधे तौर पर कोई खास संबंध नहीं है.

दूसरा – कैलिफोर्निया के मशहूर ओ मारूफ स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रैन अब्रामित्जकी ने चार और शोधकर्ताओं के साथ अमेरिकी जनगणना से जुड़ी जानकारियों को समझा.

उन्होंने इसके लिए 1870 से लेकर 2020 की जानकारियों को इकठ्ठा किया. रिसर्च में पाया गया कितकरीबन 150 बरस के दौरान अप्रवासियों के कारावास की दर अमेरिका के मूल निवासियों की तुलना में कम रही.

मतलब ये कि अमेरिका में जन्मे लोगों ने बाहर से उनके मुल्क में आ गए लोगों की तुलना में ज्यादा वक्त जेल में गुजारा. इस तरह अप्रवासियों को अधिक नियम-कानून को मानने वाला पाया गया जो अपने आप में दावों से बिल्कुल उलट बात थी.

तीसरा – अमेरिका ही के विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रोफेसर माइकल लाइट ने दो और शोधकर्ताओं के साथ एक स्टडी की. इस दौरान अमेरिका के टेक्सस राज्य के रहने वाले मूल निवासियों और अवैध या फिर कानूनन अमेरिका में दाखिल हुए लोगों के बीच अपराध की दर की तुलना की.

2012 से 2018 के बीच हुए गंभीर अपराधों का ये विश्लेषण 2020 में छपा. जिसका सार था कि टेक्सस में जन्मे लोगों की तुलना में वहां दूसरे देशों से आकर बस गए लोगों में अपराध की दर कम थी. इस रिपोर्ट ने भी एक तरह से अप्रवासियों के बीच अपराधिक प्रवृत्ति के बढ़ते आरोपों को एक झटके में नकार दिया.

प्रोफेसर माइकल ने इससे पहले 2017 में भी एक अध्ययन किया था जिसमें उन्होंने 1990 से 2014 के बीच के अमेरिका के सभी राज्यों में आए इमिग्रेंट्स और क्राइम से जुड़ी जानकारी का अध्ययन किया था. तब भी निचोड़ यही था कि अप्रवासियों के आने से हिंसक अपराधों में कोई इजाफा नहीं हुआ है.

साथ ही, इमिग्रेंट्स और नशे में गाड़ी चलाने से होने वाली मौतों के बीच भी कोई सीधा संबंध नहीं दिखा.

चौथा – राजधानी वाशिंगटन डीसी से कामकाज करने वाली थिंकटैंक काटो इंस्टीट्यूट ने इस हवाले से कई रिसर्च पेपर्स और रिपोर्ट प्रकाशित किए हैं जिनका लब्बोलुआब है कि अमेरिकी इमिग्रेंट्स के बीच यहां के मूल निवासियों की तुलना में अपराध की दर कम है.

काटो इंस्टीट्यूट थिंकटैंक के लिए काम करने वाले अलेक्जेंडर नोरास्तेह, जो अमेरिकी इमिग्रेशन पॉलिसी का अध्ययन करने वाले जाने-माने जानकार हैं. उन्होंने एक रिसर्च के हवाले से बताया कि टेक्सस के मूल निवासियों की तुलना में वहां अवैध तरीके से रह रहे लोगों के बीच किसी की हत्या की आशंका कम नजर आई.

ये निष्कर्ष 2013 से 2022 के बीच की जानकारियों का अध्ययन कर जुटाया गया. इसका निचोड़ ये था किअमेरिकी लोगों के बरक्स अप्रवासियों को, किसी शख्स की हत्या के लिए दोषी ठहराए जाने की संभावना 26 फीसदी तक कम थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Viral: स्कूल मैम और छात्रों ने ‘ठुमक-ठुमक’ पर किया ऐसा डांस, Video देख आपका भी दिन बन…| चैंबर ऑफ़ कॉमर्स की बिलासपुर इकाई का शपथ ग्रहण समारोह 14 को,…- भारत संपर्क| साधु संतों ने उठाई “ऑपरेशन कालनेमि” को छत्तीसगढ़ में लागू…- भारत संपर्क| Ghar Ki Kheti: महंगे ड्रैगन फ्रूट गमले में उगाएं, ये रही स्टेप बाय स्टेप जानकारी| विधायक राठिया ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, रामपुर क्षेत्र…- भारत संपर्क