जैसे को तैसा… अमेरिका ने ऐसा क्या कर दिया जिस पर बुरी तरह भड़का है चीन | china… – भारत संपर्क

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जैसे को तैसा… अमेरिका ने ऐसा क्या कर दिया जिस पर बुरी तरह भड़का है चीन | china… – भारत संपर्क
जैसे को तैसा... अमेरिका ने ऐसा क्या कर दिया जिस पर बुरी तरह भड़का है चीन

अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि जो बाइडेन और चीन के राष्‍ट्रपत‍ि शी ज‍िनप‍िंग.

अमेरिका और चीन के संबंधों को मजबूत करने के लिए US के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन के दौरे पर हैं. वह तीन दिन तक चीन में रहेंगे. माना जा रहा था कि दोनों देशों के बीच रह-रहकर जो तनाव बढ़ता है, उसमें कमी आएगी. हालांकि ब्लिंकन चीन दौरे पर पहुंचते उससे पहले ही अमेरिका ने कुछ ऐसा कर दिया जिस पर चीन बुरी तरह भड़का हुआ है. ड्रैगन के गुस्से का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने यहां तक ऐलान कर दिया है कि अमेरिका के इस कदम से युद्ध का खतरा बढ़ गया है.

एंटनी ब्लिंकन 24 से 26 अप्रैल तक चीन के दौरे पर रहने वाले हैं. अमेरिका और चीन की ओर से जब इस दौरे की पुष्टि की गई थी उस वक्त कहा गया था कि यह दौरा दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध विकसित करने के साथ एक-दूसरे के प्रति लचीलापन भी रखेगा, साथ ही चीन के मूल हित सुरक्षित रहें इस बात पर भी चर्चा की जाएगी. हालांकि ऐसा होता इससे पहले ही अमेरिका ने ऐसी चाल चली जिससे चीन को जैसे को तैसा वाला जवाब मिल गया.

अमेरिका ने ऐसा क्या कर दिया?

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को 95अरब यूएस डॉलर की सहायता राशि को मंजूरी दी. इस सहायता राशि में सबसे बड़ा हिस्सा यूक्रेन का है, जिसे 61 अरब यूएस डॉलर मदद दी जानी है. इसके बाद दूसरा हिस्सा इजराइल के लिए है, जबकि इस सहायता राशि में तीसरा हिस्सा पाने वाले ताइवान है, जिसे 8 अरब यूएस डॉलर की मदद दी जानी है. इस सहायता राशि के बाद ताइवान के नव निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा है कि इस राशि से शांति की रक्षा की जा सकेगी. हालांकि चीन का मानना कुछ अलग ही है. चीन ने इस सहायता राशि पर कहा है कि अमेरिकी की ओर से ताइवान को सैन्य सहायता दिया जाना गलत है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि इस राशि से ताइवान को सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती. इससे ताइवान के साथ तनाव और युद्ध का खतरा बढ़ गया है.

US ने कैसे चीन को दिखाया आईना

अमेरिका के विदेश मंत्री चीन दौरे पर पहुंचे, उससे पहले ही चीन ने ताइवान के लिए राहत राशि को मंजूरी दे दी. इससे पहले अमेरिका ने WPNS नौसेना युद्धाभ्यास में भी चीन के साथ भाग लिया था और उसी समय अपनी एक टुकड़ी ताइवान के साथ भी नौसेना युद्धाभ्यास के लिए भी भेज दी थी. चीन इसे अमेरिका का दोगलापन मान रहा हैं, हालांकि चीन भी समय-समय पर ऐसा करता रहा है. वह अमेरिका के साथ बातचीत के लिए सामने से तत्पर नजर आता है और संबंधों को सुधारने की वकालत करता है, लेकिन मौका मिलते ही जासूसी गुब्बारा भेज देता है. इससे पहले भी चीन के कई जासूस अमेरिका से पकड़े जा चुके हैं और इन्हें सजा भी दी गई है.

ताइवान खुश- चीन नाराज

अमेरिका के इस सहायता पैकेज से ताइवान बेहद खुश है. ताइवान की नेता त्साई इंग वेन ने भी इस पर प्रसन्न जाहिर की है. उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद कहा कि हम इस बात से बेहद खुश हैं कि सीनेट ने ताइवान के सहायता पैकेज को पास कर दिया है. वहीं लाई चिंग-ते ने कहा था कि अमेरिकी सहायता ‘पश्चिम प्रशांत सहयोगी श्रृंखला में अधिनायकवाद के खिलाफ प्रतिरोध को मजबूत करेगी’. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सहायता पैकेज से ताइवान की सेना को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी, क्योंकि चीन अक्सर द्वीप के पास युद्धाभ्यास करता रहता है. वहीं चीन अमेरिका के इस कदम को अपनी संप्रभुता के लिए चुनौती मान रहा है.

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