चाहिए रेगुलर इनकम तो मत कीजिए FD में निवेश, आपके लिए बेस्ट…- भारत संपर्क

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चाहिए रेगुलर इनकम तो मत कीजिए FD में निवेश, आपके लिए बेस्ट…- भारत संपर्क
चाहिए रेगुलर इनकम तो मत कीजिए FD में निवेश, आपके लिए बेस्ट है ये ऑप्शन

भारतीय रुपए (Rupees)Image Credit source: PTI

मार्केट में उतार-चढ़ाव हमेशा लगा रहता है. कभी किसी शेयर की कीमत आसमान पर पहुंच जाती है तो किसी दिन स्टॉक निगेटिव रिटर्न देने का रिकॉर्ड बना देता है. इन सभी समस्याओं से दूर एक निवेश ऑप्शन निवेशक के इंतजार में होता है, जिसे बैंक FD के नाम से जानते हैं. अगर एक समय बाद रेगुलर इनकम चाहते हैं तो आपको FD के भरोसे नहीं बैठना चाहिए. यह सुरक्षित निवेश जरूर है, लेकिन रेगुलर इनकम के लिए अधिक रिटर्न का मिलना बेहद जरूरी हो जाता है. आज के समय में यह विकल्प सिर्फ म्यूचुअल फंड में मिल सकता है.

कम लोगों को होती है जानकारी

बता दें कि एसआईपी या सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने इन्वेस्टमेंट टर्म हैं. देश में बहुत से निवेशक Mutual Fund में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं. लेकिन इसकी जानकारी सभी को नहीं मिल पाती है. कई लोग तो यह भी नहीं समझ पाते हैं कि म्यूचुअल फंड में रिटर्न की गणित कैसे काम करती है. अगर आप निवेश करते हैं तो कैसे आपका प्रॉफिट मिलता है. शेयर मार्केट से कितना गुना रिस्क होता है. आज की स्टोरी में हम आपके इन सभी सवालों का जवाब देने वाले हैं.

ये है कैलकुलेशन

टैक्सेशन के हिसाब से म्यूचुअल फंड की दो हिस्सों में बांट लें. पहले हिस्से में इक्विटी ऑरिएंटेड फंड्स आते हैं तो दूसरे में अन्य सभी म्यूचुअल फंड्स आते हैं. शेयर बाजार पर लिस्ट घरेलू कंपनी में 65 फीसदी निवेश कर रहे हैं तो ऐसी स्कीम इक्विटी ऑरिएंटेड स्कीम होती हैं. इसमें 12 महीने से ज्यादा वक्त तक मुनाफा रिडीम नहीं किया जाता है. ऐसे में यह लॉन्ग टर्म माना जाएगा. अगर आपने 12 महीने के अंदर ही मुनाफा भुना लिया तो यह शॉर्ट टर्म में शामिल हो जाएगा.

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इक्विटी ऑरिएटेंड स्कीम के अलावा अन्य सभी स्कीम दूसरी कैटेगरी में आते हैं. इनमें डेट, लिक्विड, शॉर्ट टर्म डेट, इनकम फंड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान आते हैं. गोल्ड ETF, गोल्ड सेविंग्स फंड, इंटरनेशनल फंड भी इसमें शामिल होते हैं. इस कैटेगरी में निवेश 36 महीने पुराना तो लॉन्ग टर्म हो जाता है और 36 महीने से पहले बेचा तो शॉर्ट टर्म माना जाएगा. SIP या STP से जब आप निवेश करते हैं तो हर SIP/STP एक नया निवेश माना जाता है. यहां टैक्सेशन के लिए यूनिट अलोटमेंट की तारीख देखते हैं. यूनिट अलोटमेंट डेट के आधार पर ही लॉक इन पीरियड की जाती है.

कितने रुपए के निवेश पर होगी मंथली कमाई

कितने रुपए के निवेश पर कितनी कमाई होगी, यह जानना जरूरी है. मान लीजिए किसी एसआईपी में हर महीने 5,000 रुपए निवेश करते हैं. यह एसआईपी 15 साल के लिए है और 12 परसेंट के लिहाज से रिटर्न मिलने वाला है. इस हिसाब से 15 साल बाद आपका फंड 26 लाख रुपए हो जाएगा. महीने का 5 हजार या हर दिन का लगभग 165 रुपए का निवेश 15 साल बाद 26 लाख रुपए में कनवर्ट हो जाएगा.

अगर हर साल 5 परसेंट एसआईपी बढ़ाते हैं तो 15 साल बाद यह राशि 32 लाख हो जाएगी. इसका मतलब हुआ कि आपकी एसआईपी पहले साल 250 रुपए, दूसरे साल 262 रुपए और तीसरे साल 275 रुपए बढ़ती जाएगी. चूंकि हर साल आप थोड़ी-थोड़ी राशि बढ़ाते हैं, इसलिए आपके बजट पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उसके बाद अगर आप उस रकम की FD करा देते हैं तो आप महीने के आराम से 10 हजार रुपए कमा पाएंगे.

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