अब सिर्फ बड़े इंवेस्टर ही नहीं, रिटेल निवेशक भी छाप पाएंगे…- भारत संपर्क

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अब सिर्फ बड़े इंवेस्टर ही नहीं, रिटेल निवेशक भी छाप पाएंगे…- भारत संपर्क

बाजार नियामक सेबी ने कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए ऐसी प्रतिभूतियों के इश्यू प्राइस में बड़ी कटौती करने का 30 अप्रैल को फैसला किया है. फिलहाल कंपनियों की तरफ से जारी होने वाले एक बॉन्ड का इश्यू प्राइस एक लाख रुपए होता है लेकिन सेबी ने अब इसे घटाकर 10,000 रुपए करने का फैसला किया है.

ये होगा नियम

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. इसके अलावा सेलेक्टेड निवेशकों की पहचान के लिए रिकॉर्ड तिथि को भी स्टैंडर्ड के अधीन कर दिया गया है. सेबी ने बॉन्ड जारी करने वाले कंपनियों को मर्चेंट बैंकर नियुक्त करने की जरूरत के साथ 10,000 रुपए के कम इश्यू प्राइस पर प्राइवेट डिस्ट्रिब्यूशन के जरिये एनसीडी या गैर-परिवर्तनीय प्रतिदेय तरजीही शेयर (एनसीआरपीएस) जारी करने का विकल्प प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

अब आसान होगी जानकारी की पहुंच

सेबी ने सिर्फ गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों (एनसीडी) को लिस्ट कराने वाली कंपनियों के लिए समाचारपत्रों में अपने वित्तीय नतीजों के प्रकाशन से संबंधित निर्देशों को भी लचीला बनाने का फैसला किया है. सेबी बोर्ड ने अपनी बैठक में रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) के संदर्भ में यूनिट-आधारित कर्मचारी लाभ (यूबीईबी) के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का भी फैसला किया है. सेबी ने कहा कि रीट के प्रबंधक या इनविट के निवेश प्रबंधक इनकी यूनिट के आधार पर अपने कर्मचारियों के लिए यूनिट-आधारित कर्मचारी लाभ योजनाओं की पेशकश कर सकते हैं.

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क्या होता है कॉरपोरेट बॉन्ड?

कॉरपोरेट बॉन्ड को नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर के रूप में भी जाना जाता है. ये कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले डेट साधन हैं. असल में कंपनियां बैंक लोन के विकल्प के रूप में इस तरह के बॉन्ड जारी कर कर्ज जुटाती हैं. कोई कॉरपोरेट बॉन्ड कितना सुरक्षित है, इसकी जांच आप रेटिंग एजेंसियों के द्वारा जारी क्रेडिट रेटिंग से कर सकते हैं. AAA रेटिंग वाली कंपनियों के बॉन्ड सबसे ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं और इनमें AA रेटिंग वाली बॉन्ड के मुकाबले जोखिम कम होता है.

असल में कॉरपोरेट इन बॉन्ड पर किसी तरह की कर्ज जोखिम की भरपाई सरकारी बॉन्डों के मुकाबले ऊंचा यील्ड देकर करते हैं. इस प्रकार कम रेट वाले बॉन्ड सरकारी बॉन्डों और ऊंची रेटिंग वाले बॉन्डों के मुकाबले ऊंचे यील्ड और स्प्रेड प्रदान करते हैं, लेकिन इनमें क्रेडिट जोखिम ज्यादा होता है.

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