अमेरिकी फैसले का भारत की इकोनॉमी पर ऐसे होगा असर, शेयर बाजार…- भारत संपर्क

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अमेरिकी फैसले का भारत की इकोनॉमी पर ऐसे होगा असर, शेयर बाजार…- भारत संपर्क
अमेरिकी फैसले का भारत की इकोनॉमी पर ऐसे होगा असर, शेयर बाजार समेत यहां दिखेगा इंपैक्ट

फेड रिजर्व ने अमेरिकी में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

सिर्फ भारत और उसका रिजर्व बैंक ही नहीं अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देशों के रिजर्व बैंक महंगाई से जंग लड़ रहे हैं. ये जंग बीते दो सालों से लगातार जारी है. जहां भारत में ब्याज दरें करीब 9 साल की ऊंचाई पर हैं. वहीं अमेरिका में भी पॉलिसी रेट करीब 25 साल की ऊंचाई पर है. ये हालत तब है जब भारत और अमेरिका दोनों ने बीती 6 पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. उसके बाद भी भारत अपने टारगेट से पीछे है. वहीं अमेरिका भी महंगाई के आंकड़ों को उस लेवल पर नहीं लेकर आ पाया है, जहां वह लेकर जाना चाहता है. कुछ इसी बात के संकेत बुधवार को अमेरिकी सेंट्रल बैंक के चेयरमैन की ओर से मिले.

अमेरिकी फेड रिजर्व की दो दिनों तक पॉलिसी मीटिंग के बाद चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने लगातार 6वीं बार पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया. उन्होंने कहा कि अभी तक महंगाई दर उस लेवल पर नहीं आ सकी हैं, जिस लेवल पर वो लेकर जाना चाहते हैं. वहीं उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि ब्याज दरें तब तक कम नहीं होंगी, जब तक महंगाई आंकड़ें तय टारगेट 2 फीसदी पर नहीं आ जाते.

अब खबर ये भी कि मौजूदा साल में ब्याज दरों में इस साल 3 कटौती की बात की जा रही थी, उसे कम कर एक कर दिया गया है. इसके अलावा जेरोम पॉवेल ने इस बात का भी संकेत दिया कि अगर महंगाई के आंकड़ों में थोड़ा और इजाफा होता है तो ब्याज दरों में इजाफा नहीं किया जाएगा. इसका मतलब साफ है कि महंगाई को कम करने के लिए ​ब्याज दरों को स्टेबल रखा जा सकता है, लेकिन इजाफा नहीं किया जाएगा. जोकि आम लोगों के लिए काफी राह​त की खबर है.

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उसका कारण भी है. पूरी दुनिया में जियो पॉलिटकल टेंशन का माहौल है. कच्चे तेल के दाम लगातार ऊपर नीचे हो रहे हैं. जिसकी वजह से महंगाई में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. फेड रिजर्व की ओर से लिए गए इस फैसले का असर करेंसी मार्केट से लेकर, कमोडिटी और शेयर बाजार में मिलाजुला देखने को मिला. जैसा कि उम्मीद की जा रही थी कि अगर फेड ब्याज दरों को फ्रीज रखता है तो डॉलर इंडेक्स 106 के लेवल से ऊपर चला जाएगा.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं दूसरी ओर नैस्डैक कंपोजिट में 0.33 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. दूसरा ओर डाउ जोंस 0.23 फीसदी की तेजी मामूली तेजी के साथ बंद हुआ. एसएंडपी 500 भी 0.34 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ. दूसरी ओर सोने-चांदी की कीमत में भी तेजी देखने को मिल रही है. साथ ही कच्चे तेल के दाम में मामूली इजाफा देखने को मिल रहा है.

भारत में क्या होगा असर?

भले ही भारत में मार्च के महंगाई के आंकड़ें 5 फीसदी से नीचे आ गए हों, लेकिन 4 फीसदी टारगेट आंकड़ों पर नहीं आ सके हैं. ऐसे में जून में होने वाली मीटिंग में भी रिजर्व बैंक की एमपीसी लगातार 8वीं बार ब्याज दरों को होल्ड रखने का फैसला ले सकती है. जानकारों की मानें तो महंगाई के आंकड़ें इस साल भी वोलेटाइल रहने के आसार हैं. महंगाई के आंकड़ें जब तक 4 फीसदी या उससे नीचे नहीं आएंगे, तब तक ब्याज दरों के स्टेबल रहने के आसार हैं. वैसे जब तक अमेरिकी की ओर से ब्याज दरों में कटौती नहीं होती है, तब भारत में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगी. मई 2022 से फरवरी 2023 तक रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 2.50 फीसदी तक इजाफा कर चुका है. रेपो रेट 6.50 फीसदी पर मौजूद है. 5 से 7 जून तक आरबीआई एमपीसी की बैठक होगी.

शेयर बाजार में कैसा दिखेगा असर?

फेड के फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में मिला जुला असर रिएक्शन देखने को मिला है. जिसका असर भारत में भी वैसा ही देखने को मिल सकता है. ब्याज दरों को फ्रीज रखना और यह कहना कि ब्याज दरों में आने वाले दौर में इजाफा नहीं किया जाएगा. भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल पैदा कर सकता है. इसका कारण ये भी है कि डॉलर इंडेक्स में तेजी देखने को नहीं मिली है. विदेशी निवेश भारत के शेयर बाजार में पैसा इंफ्यूज कर सकते हैं, जिससे बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है. जानकारों की मानें तो ब्याज दरों में कटौती ना होने का असर शेयर बाजार में पहले ही हो चुका है. मंगलवार को बीएसई 180 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था. ऐसे में बाजार में आज तेजी का माहौल बना रह सकता है.

गोल्ड की कीमत में भी होगा इजाफा

विदेशी बाजारों में फेड चेयरमैन के इस बयान को काफी पॉजिटिव लिया है कि महंगाई दर में इजाफा होता भी है तो आने वाले समय में ब्याज दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं होगी. जिसकी वजह से विदेशी बाजार में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में एक फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है. कॉमेक्स पर गोल्ड फ्यूचर में 21.40 डॉलर प्रति ओंस की तेजी है. वहीं गोल्ड स्पॉट के दाम 3 डॉलर से ज्यादा की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. वहीं दूसरी ओर सिल्वर स्पॉट में एक फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है और सिल्वर स्पॉट के दाम फ्लैट दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में भारत में भी गोल्ड की कीमत में तेजी का माहौल बना रह है. बुधवार को सेकंड हाफ में खुले एमसीएक्स में गोल्ड मामूली गिरावट के साथ 70,692 रुपए पर बंद हुआ था.

इकोनॉमी पर क्या होगा असर?

भले ही फेड ने ब्याज दरों में आगे ब्याज दरों में इजाफे का कोई संकेत नहीं दिया है. लेकिन ब्याज दरों में कटौती को लेकर भी अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया है. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स ऊंचा रहने के आसार हैं. जिससे भारतीय रुपए में गिरावट देखने को मिल सकती है. मौजूदा समय में वैसे भी डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट देखने को मिल रही है. डॉलर के मुकाबले रुपए 83 के लेवल से ऊपर है. जिसकी वजह से देश में ट्रेड डेफिसिट में इजाफे से लेकर इंपोर्टिड महंगाई तक में इजाफा होगा. जिसका असर इकोनॉमी और जीडीपी के आंकड़ों पर भी देखने को मिल सकता है.

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