अब आईएमएफ को भी भिखारी लग रहा पाकिस्तान, इस बयान से अटक गई…- भारत संपर्क
इस समय पूरी दुनिया में पाकिस्तान उन चुनिंदा देशों में खड़ा है, जहां की इकोनॉमी बैठ गई है. आम जनता के जेब में ना पैसे हैं, ना ही घरों में खाने के लिए अनाज. ऐसी स्थिति में पड़ोसी देश अपनी स्थिति सुधारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत कोष की समय-समय पर मांग करता रहता है. कुछ महीने पहले वर्ल्ड बैंक ने उसे राहत पैकेज देने का ऐलान किया था.
आईएमएफ ने जताया संदेह
अब वह आईएमएफ का चक्कर लगा रहा है कि कुछ डॉलर वहां से भी मिल जाए तो इकोनॉमी को उठाने में मदद मिल जाएगी. अच्छी बात ये है कि आईएमएफ पाकिस्तान को पैसे देने पर विचार भी कर रहा है, लेकिन इस बार एक ऐसा बयान आईएमएफ ने जारी किया जिसने इस्लामाबाद ही नहीं पूरे पाकिस्तान की नींद हराम कर दी है. उसने ने कहा है कि पाकिस्तान को कर्ज चुकाने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही ग्लोबल फाइनेंशियल बॉडी ने नकदी की कमी से जूझ रहे देश की कर्ज चुकाने की क्षमता पर संदेह किया है.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बारे में वाशिंगटन स्थित बैंक का एक आकलन सामने आया है. यह अनुमान ऐसे वक्त में आया है, जब आईएमएफ की हेल्पडेस्क टीम 10 मई को यहां अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए पहुंची है. इस्लामाबाद ने विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) के तहत नए राहत पैकेज का अनुरोध किया था. आईएमएफ का दल इस अनुरोध पर चर्चा के लिए पाकिस्तान आया हुआ है.
जियो न्यूज ने जारी किया था रिपोर्ट
जियो न्यूज ने इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान पर जारी अपनी स्टाफ रिपोर्ट में आईएमएफ के हवाले से कहा कि कर्ज चुकाने की पाकिस्तान की क्षमता गंभीर जोखिमों के अधीन है, और यह नीतियों को लागू करने तथा समय पर एक्सटर्नल फाइनेंसिंग पर निर्भर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से सुधारों को अपनाने में देरी देखी जा सकती है.