ग्राउंड रिपोर्ट: समस्तीपुर सीट पर दोनों नए उम्मीदवार, जानें किस पर भरोसा…

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ग्राउंड रिपोर्ट: समस्तीपुर सीट पर दोनों नए उम्मीदवार, जानें किस पर भरोसा…
ग्राउंड रिपोर्ट: समस्तीपुर सीट पर दोनों नए उम्मीदवार, जानें किस पर भरोसा करेंगे वोटर

समस्तीपुर लोकसभा सीट.

लोकसभा चुनाव में तीन चरण की वोटिंग हो चुकी है. अब 13 मई (सोमवार) को चौथे चरण के चुनाव हैं. बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर सोमवार को वोटिंग होनी है. एनडीए गठबंधन की तरफ से सीट बंटवारे में समस्तीपुर लोकसभा सीट लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के खाते में गई है. लोजपा ने इस बार शांभवी चौधरी को यहां से चुनावी मैदान में उतरा है. वहीं INDIA गठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने सनी हजारी को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से लोजपा के उम्मीदवार प्रिंस राज ने जीत दर्ज की थी.

इस बार के चुनाव में इस सीट पर लोजपा और कांग्रेस, दोनों से ही नए उम्मीदवार हैं. टीवी9 की टीम ने ग्राउंड पर जाकर समस्तीपुर की जनता से बात की और वहां की जनता से चुनाव का हाल जाना. साथ ही उन मुद्दों के बारे में भी जाना जिन पर जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट डालेगी. बातचीत के दौरान लोगों ने चिराग पासवान, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के बारे में भी खुलकर अपनी राय रखी.

योजनाओं का लाभ मिला ?

यहां की महिलाओं ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि केंद्र की सारी योजनाओं का पैसा अधिकारी खा जाते हैं. हम तक कुछ भी नहीं पहुंच पाता. महिलाएं कहती हैं, न तो पीएम आवास का पैसा मिला है और न ही शौचालय का. राशन के लिए भी पैसों की डिमांड होती है. महिलाओं ने बताया कि पीएम आवास योजना का पैसा तो आता है लेकिन उसको अधिकारी खा जाते हैं. शौचालय का पैसा मांगने पर कहते हैं कि पहले पैसा जमा कराएं फिर मिलेगा.

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राशन को लेकर क्या बोले ?

टीवी9 से बात करते हुए महिलाओं ने कहा कि राशन के लिए भी जहां 10 लोगों का नाम होता है उसमें पांच लोगों को ही मिल पाता है. उसमें भी वजन में कटौती कर दी जाती है. यानी 10 किलो मिलना होता है तो उसमें 2 किलो कम ही मिलता है. महिलाओं ने रामविलास पासवान की जमकर तारीफ की और कहा कि उन्होंने हमें खटिया बैठने के लिए दिया. इससे पहले ऊंची जाति के लोग हमें बैठने तक नहीं देते थे.

20 साल से आवास का इंतजार

बातचीत करते में यहां के लोग नीतीश कुमार के काम से संतुष्ट नजर आए. बुजुर्ग महिला से जब योजनाओं के क बारे में पूछा तो वह बिफर गईं. बुजुर्ग महिला ने बताया कि सरकारी आवास के लिए उन्होंने 20 साल से इंतजार किया. उन्हें कुछ नहीं मिला बाद में अपने पैसा से आवास बनवाया. वह कहती हैं कि राशन में नाम काटवा दिया.

आयुष्मान योजना को लेकर है नाराजगी

गांव के नौजवान सवालों से बचते नजर आए. आयुष्मान योजना को लेकर लोग नाराज दिखे. लोगों ने एकमत राय से कहा यहां किसी को फ्री इलाज मिला आरोप लगाते हुए बताया कि आयुष्मान योजना के लिए पहले पैसा मांगा गया. अपने कच्चे घर के बाहर बैठी महिला ने बताया कि उसका पैर टूट गया था. इलाज के लिए वह दरभंगा गई थी. सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं नहीं हुआ. वहीं के प्राइवेट अस्पताल में पैसा खर्च कर इलाज कराया.

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