तहरीर, जुर्म, मुल्जिम… MP पुलिस की डिक्शनरी से उर्दू फारसी के 69 शब्द गाय… – भारत संपर्क

0
तहरीर, जुर्म, मुल्जिम… MP पुलिस की डिक्शनरी से उर्दू फारसी के 69 शब्द गाय… – भारत संपर्क

सांकेतिक तस्वीर
मध्य प्रदेश पुलिस अब अपनी कार्य प्रणाली में उर्दू के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगी. पुलिस की लिखा-पढ़ी और बोलचाल की भाषा में उर्दू, फारसी और अन्य भाषाओं के 69 शब्दों का इस्तेमाल बंद करके इनकी जगह हिंदी का उपयोग किया जाएगा. एमपी पुलिस की कार्रवाई में अब गिरफ्तार शब्द को अभिरक्षा कहा जाएगा. अब इन शब्दों को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है नाम नहीं ये सरकार अपना काम बदले.
मध्य प्रदेश पुलिस ने कहा कि उर्दू की जगह हिंदी शब्दों के इस्तेमाल को लेकर दो सालों से प्रयास चल रहा था. शब्दों के बदले जाने को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार को आदेश भी जारी कर दिया है. यहां हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से शब्द हैं, जिन्हें पुलिस की कार्य प्रणाली में बदला गया है .मध्य प्रदेश पुलिस में अब इन उर्दू और फारसी शब्दों अब उपयोग नहीं किए जाएगा. उनकी जगह पर इन हिंदी शब्दों का इस्तेमाल होगा.

ताजिरात-ए-हिंद : भारतीय दंड संहिता
जाप्ता फौजदारी : दंड प्रक्रिया संहिता
अदालत : न्यायालय
कैदखाना : बंदी गृह
हाजिर/गैरहाजिर : उपस्थित/अनुपस्थित
तफ्तीश/तहकीकात : अनुसंधान/जांच
तहरीर : लिखित/लेखीय विवरण
इस्तगासा : दावा, परिवाद
इरादतन : साशय
कब्जा : आधिपत्य
कत्ल/कातिल/कतिलाना : हत्या,वध/हत्यारा/प्राणघातक
गुजारिश : प्रार्थना, निवेदन
गिरफ्तार/हिरासत : अभिरक्षा
नकबजनी : गृहभेदन, सेंधमारी
चश्मदीद गवाह : प्रत्यक्षदर्शी, साक्षी

पूर्व विधायक ने विधानसभा में उठाया था ये मुद्दा
पुलिस की लिखा-पढ़ी और बोलचाला की भाषा में में उर्दू, फारसी शब्दों के इस्तेमाल को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने मध्य प्रदेश विधानसभा में दो साल पहले इस मुद्दे को उठाया था. वहीं, अब यशपाल सिंह सिसोदिया का कहना है की 1896 के समय से पुलिस विभाग में ये शब्द इस्तेमाल हो रहे हैं. पुलिस की लिखा-पढ़ी और बोल चाल की भाषा में हिंदी के शब्द नहीं है. लोगों का नाम हिंदी में पड़ता है. कई शब्द ऐसे है जो समझ नहीं आते है. इसलिए इन्हें बदलना बेहद जरूरी था.
ये भी पढ़ें

कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा
पुलिस विभाग में उर्दू शब्दों के उपयोग बंद होने पर कांग्रेस पार्टी एमपी सरकार से सवाल पूछ रही है. कांग्रेस नेता मुकेश नायक का आरोप है की बीजेपी सरकार के पास नाम बदलने के अलावा कोई काम नहीं है. अब पुलिस कार्य प्रणाली में इस्तेमाल होने वाले शब्द भी बदल दिए हैं. कभी शहर का नाम बदल दिया जाता है. कभी स्टेशन का नाम बदल दिया गया. क्या मुजरिम को अपराधी कहने से अपराध खत्म हो जाएगा. जरूरी है की नाम नहीं काम बदले सरकार.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sarfaraz Khan Century: सरफराज खान का एक और तूफानी शतक, सिर्फ इतनी गेंद पर ज… – भारत संपर्क| डॉ. संजय अनंत को मिला निर्मला अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य…- भारत संपर्क| Sridevi Property: श्रीदेवी की संपत्ति पर 3 लोगों ने किया अवैध कब्जा, बोनी कपूर… – भारत संपर्क| Ancient Mathematics Vs Vedic Math: प्राचीन गणित और वैदिक मैथ्स में क्या फर्क है?…| फेयर से डस्की तक….स्किन टोन के हिसाब से कैसे चुनें सही फाउंडेशन, ये टिप्स…