शहरों में बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत पर पहुंची, सरकारी आंकड़ों…- भारत संपर्क

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शहरों में बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत पर पहुंची, सरकारी आंकड़ों…- भारत संपर्क
शहरों में बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत पर पहुंची, सरकारी आंकड़ों में हुआ खुलासा

शहरों में बेरोजगारी 6.7 प्रतिशत पर आई

भारत की आधी से ज्यादा जनसंख्या इस समय युवा है और कामकाजी आबादी का हिस्सा है. ऐसे में बेरोजगारी भारत के लिए एक बड़ा मुद्दा है. अब इसे लेकर नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) ने नए ताजा आंकड़े जारी किए हैं. ये दिखाते हैं कि इस साल जनवरी से मार्च के बीच देश के शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर मामूली रूप से घटकर 6.7 प्रतिशत रही है. पिछले साल इसी अवधि में ये 6.8 प्रतिशत थी.

बेरोजगारी दर का कैलकुलेशन किसी देश या एरिया में मौजूद टोटल वर्क फोर्स (श्रम बल) में बेरोजगार लोगों का प्रतिशत होता है. वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में शहरी इलाकों की बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत थी. जबकि 2023-24 की अप्रैल-जून से लेकर जुलाई-सितंबर तिमाही में यह 6.6 प्रतिशत थी. अक्टूबर-दिसंबर 2023 में यह 6.5 प्रतिशत थी.

एनएसएसओ के आंकड़ों में शामिल हैं ये लोग

एनएसएसओ ने बेरोजगारी दर के जो नए आंकड़े पेश किए हैं. उसमें शहरी क्षेत्रों में 15 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया है. ये एनएसएसओ के 22वें दौर के वर्कफोर्स सर्वे के आंकड़े हैं. इसी में पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगाारी की दर कितनी है.

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महिलाओं में घटी, पुरुषों में बढ़ी बेरोजगारी दर

एनएसएसओ का सर्वे दिखाता है कि शहरी इलाकों में 15 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2024 में घटकर 8.5 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में ये 9.2 प्रतिशत थी. पुरुषों में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर इस दौरान बढ़कर 6.1 प्रतिशत हो गई है. पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में ये 6 प्रतिशत थी.

अगर अन्य तिमाहियों को देखें, तो पुरुषों की बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2023 में यह 5.9 प्रतिशत, जुलाई-सितंबर 2023 में 6 प्रतिशत और अक्टूबर-दिसंबर 2023 में 5.8 प्रतिशत थी. जबकि महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2023 में यह 9.1 प्रतिशत, जुलाई-सितंबर 2023 में 8.6 प्रतिशत और अक्टूबर-दिसंबर 2023 में 8.6 प्रतिशत थी.

क्या होता है कि देश या इलाके में वर्क फोर्स?

वर्क फोर्स या श्रम बल का मतलब आबादी के उस हिस्से से होता है, जो देश या इलाके में वस्तुओं और सेवाओं के प्रोडक्शन में हिस्सा लेता है. वह आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए श्रम या लेबर की या तो आपूर्ति करता है या आपूर्ति करने की पेशकश करता है. इस तरह श्रम बल में रोजगार पाने वाले और बेरोजगार दोनों व्यक्ति शामिल होते हैं.

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