हैंडपंप सूखे, ‘नल से जल’ भी नहीं आया… एक बाल्टी पानी के लिए 4 घंटे लाइन म… – भारत संपर्क

पानी के लिए अपनी बारी आने के इंतजार में हैंडपंप के पास बैठी महिलाएं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां ‘नल जल योजना’ का पानी नहीं पहुंच पाया है. अगर बात करें ग्राम पंचायत सरानी की तो यहां लगभग दो हजार लोगों की आबादी है. गांव में कई हैंडपंप लगवाए गए, लेकिन ज्यादातर हैंडपंप अब खराब स्थिति में हैं. कुछ हैंडपंप में पीने लायक पानी नहीं है. ग्राम पंचायत के अंदर मात्र एक ऐसा हैंडपंप है, जहां पीने का मीठा एवं स्वच्छ और साफ रहता है. हैंडपंप के पास सुबह करीब 3:00 बजे से महिलाएं अपने बर्तन लेकर बैठ जाती हैं और पानी भरने के लिए अपनी बारी का इंतजार करती हैं. कई महिलाएं ऐसी हैं, जो अपना नंबर लगाकर घर का कामकाज भी निपटा लेती हैं.
महिलाओं का कहना है कि कई बार आपसी विवाद भी हो जाते हैं, क्योंकि काम के जल्दी के चलते पानी भरने को लेकर खींचातानी होती रहती है. विवाद कभी-कभी ज्यादा बड़ा हो जाता है. हैंडपंप पर मौजूद एक महिला ने बताया कि पीने की पानी की अगर बात करें तो इस हैंडपंप से एक बाल्टी पीने के पानी के लिए हमें लगभग तीन से चार घंटे इंतजार करना पड़ता है. महिला ने बताया कि उसके घर के पीछे तालाब है, लेकिन वह भी सूख चुका है.
इस तालाब में जो पानी रहता है, उसमें भैंसें नहाती हैं. उसी पानी से हम लोग भी खुद नहाते एवं बच्चों को भी नहलाने हैं, क्योंकि हैंडपंप से अगर ज्यादा पानी भरना है तो पता चला पूरी रात इंतजार करना पड़ सकता है. एक महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि पानी को लेकर घर में भी विवाद होता है, क्योंकि हैंडपंप से पानी भरने में समय लगता है. कभी-कभी इस चक्कर में घर करा काम पूरा नहीं हो पाता है. इस वजह से विवाद की स्थिति बन जाती है.
‘नल जल योजना’ का काम शुरू नहीं हो पाया
बात अगर ‘नल जल योजना’ की कि जाए तो अभी तक ग्राम पंचायत में ‘नल जल योजना’ का काम भी शुरू नहीं हुआ है. हालांकि आश्वासन लगातार मिलते आ रहे हैं. जल्द से जल्द ग्राम पंचायत में ‘नल जल योजना’ का पानी लोगों तक पहुंचाने का काम होगा, लेकिन अभी भी न तो पाइपलाइन डाली गई है और न ही पानी की टंकी बनाई गई है. कब ‘नल जल योजना’ का पानी हम लोगों को मिल पाएगा, इसका कुछ पता नहीं.
स्वच्छ जल दिलाने का वादा पूरा नहीं कर पाए सरपंच
ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच अशोक शिवहरे पर भी गंभीर आरोप महिलाओं ने लगाए. महिलाओं ने कहा कि चुनाव के समय वादे किए थे कि सभी घरों में पानी की समस्या से निजात दिलाएंगे, लेकिन पानी की समस्या से निजात नहीं दिला सकेच. पहले मां सरपंच रहीं, उसके बाद बड़े भाई रहे और फिर खुद सरपंच बन गए, लेकिन पानी की समस्या का निदान नहीं कर पाए. ग्रामीणों की समस्या पहले जैसे आज भी बनी हुई है.
(रिपोर्ट- प्रदीप सिंह/छतरपुर)