सरकार रिटेल निवेशकों की है ‘स्लीपिंग पार्टनर’? क्या है ये और…- भारत संपर्क

0
सरकार रिटेल निवेशकों की है ‘स्लीपिंग पार्टनर’? क्या है ये और…- भारत संपर्क
सरकार रिटेल निवेशकों की है 'स्लीपिंग पार्टनर'? क्या है ये और आप पर कैसे डालता है असर?

सरकार रिटेल निवेशकों की है ‘स्लीपिंग पार्टनर’? क्या है ये और आप पर कैसे डालता है असर?

अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं या उससे कमाई करते हैं तो आप उसपर लगने वाले भारी-भरकम टैक्स से जरूर परेशान होंगे. हाल ही में BSE के एक कार्यक्रम में ब्रोकर ने फाइनेंस मिनिस्टर के लिए बहुत ही अजीबो-गरीब स्थिति पैदा कर दी, जिसपर निर्मला सीतारमण भी अपनी हंसी नहीं रोक पाईं. दरअसल, रिटेल निवेशक ने पूछा कि ब्रोकर अपना सबकुछ दांव पर लगाकर जोखिम उठा रहे हैं लेकिन उसका सारा फायदा सरकार को मिल रहा है.

आप हमारे स्लीपिंग पार्टनर हैं और मैं अपना पैसा, जोखिम, स्टाफ और सबकुछ लगाकर वर्किंग पार्टनर हैं. निवेशक की इस बात को सुनकर फाइनेंस मिनिस्टर की हंसी निकल पड़ी. उन्होंने कहा कि, मेरा पास इसका उत्तर नहीं है और स्लिपिंग पार्टनर यहां पर इसका जवाब भी नहीं दे सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर ये स्लीपिंग पार्टनर क्या होता है और आप पर कैसे असर डालता है…

क्या होता है स्लीपिंग पार्टनर?

एक पार्टनर जो फर्म में पूंजी का योगदान देता है, लेकिन बिजनेस के मैनेजमेंट में सक्रिय भाग नहीं लेता, उसे स्लीपिंग पार्टनर के रूप में जाना जाता है.

ऐसे समझिए आप पर कैसे डालता है असर

निवेशक ने वित्त मंत्री से कहा, सरकार रिटेल निवेशकों पर सीजीएसटी, आईजीएसटी, स्टांप ड्यूटी, एसटीटी, और एलटीसीजी लगाती है. इसके चलते सरकार की कमाई ब्रोकर्स से भी ज्यादा है. उन्होंने वित्त मंत्री से कहा, मैं कई प्रकार के जोखिम लेकर निवेश कर रहा लेकिन सारा मुनाफा भारत सरकार डकार ले जा रही है. मैं अपने पैसे, जोखिम और स्टॉफ के साथ वर्किंग पार्टनर हूं और आप (सरकार) स्लिपिंग पार्टनर हैं.

आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि शेयर मार्केट में आपने पैसा लगाया और आपकी कमाई पर कई तरह से टैक्स लगाकर इससे सरकार कमाई कर रही है.

स्टांप ड्यूटी को लेकर भी पुछा सवाल

निवेशक का सवाल यहीं खत्म नहीं हुआ. उन्होंने वित्त मंत्री से घर खरीद पर लगने वाले जीएसटी और स्टॉंप ड्यूटी को लेकर भी सवाल दाग दिया. उन्होंने वित्त मंत्री से कहा, घर खरीदने पर नगद भुगतान को खत्म कर दिया गया. मुंबई में घर खरीदना किसी सपने से कम नहीं है. मैं टैक्स देता हूं, मेरा पास व्हाइटमनी है. हमलोग टैक्स का भुगतान करते हैं. मिस्टर लोढ़ा (डेवलपर) नगद नहीं स्वीकार करते. उन्होंने कहा मेरे बैंक खाते में जो बैलेंस है ये वो रकम है जो सरकार को टैक्स चुकाने के बाद बचा है. और जब हम घर खरीदते हैं तो हमें स्टॉंप ड्यूटी और जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है.

मुंबई जैसे शहरों में घर खरीदते हैं तो घर की कीमत का कुल 11 फीसदी टैक्स के रूप में हमारे जेब से चला जाता है. निवेशक ने वित्त मंत्री से पूछा ऐसे में हमारे जैसे व्यक्ति जिसके पास सीमित साधन है आप उसकी मदद कैसे करेंगी. और कैसे कोई निवेशक फंक्शन करेगा जिसपर इतना सारा टैक्स का बोझ लाद दिया गया है जिसमें सरकार स्लिपिंग पार्टनर है और मैं बगैर किसी इनकम के वर्किंग पार्टनर हूं.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

आपको बता दें वित्त मंत्री से बीएसई में ब्रोकर द्वारा पूछा गया ये सवाल सोशल मिडिया पर वायरल हो चुका है. अद्वैत अरोड़ा एक्स पर लिखते हैं मैं इस रिटेल निवेशक के सवाल से पूरी तरह सहमत हूं. शेयर बाजार के निवेशक का असली दर्द यही है.जाहिर है इस रिटेल निवेशक के सवाल में सभी निवेशकों का दर्द छुपा है जो बाजार में होने वाले मुनाफे पर लगने वाले टैक्स के बोझ से परेशान हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

थवाईत महिला समिति ने किया शानदार गरबा का आयोजन, विभिन्न प्रतियोगिता का सभी ने लिया… – भारत संपर्क न्यूज़ …| Indore Airport bomb threat: ‘हम दुनिया के देशों से अकेले लड़ रहे, आप अपनी त… – भारत संपर्क| *नवरात्र के पावन पर्व पर चित्रांश समाज के तत्वाधान में सारूडीह स्थित श्री…- भारत संपर्क| Gauri Khan: इस गाने में शाहरुख का कॉस्ट्यूम डिजाइन किया, फिर करण जौहर की वजह से… – भारत संपर्क| NFC Smartphone Case क्या होता है? आम मोबाइल कवर से इन मायनों में अलग – भारत संपर्क